बिहार लोकसभा चुनाव: चौथे चरण में NDA और महागठबंधन के इन दिग्गजों की किस्मत दांव पर, जानिए कौन-कौन से हैं 'हॉट' सीट
By एस पी सिन्हा | Updated: April 27, 2019 20:05 IST2019-04-27T20:05:30+5:302019-04-27T20:05:30+5:30
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार की किसी सीट ने सबसे अधिक सुर्खियां बटोरी हैं तो वह बेगूसराय है. यहां एक ओर भाजपा के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह हैं तो दूसरी ओर सीपीआई की तरफ से कन्हैया कुमार ताल ठोंक रहे हैं.

Bihar Lok Sabha Elections: Fourth Phase bihar election 2019 NDA and mahagathabandhan begusarai
बिहार में लोकसभा चुनाव का चौथा चरण सबसे हॉट माना जा रहा है. यह इसलिए कि इस चरण में एनडीए और महागठबंधन समेत अन्य दलों के कई दिग्गज नेताओं के भाग्य का फैसला होगा. जिन नेताओं पर सबकी निगाहें हैं इनमें बेगूसराय से भाजपा के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह हैं, वहीं उनके मुकाबले में सीपीआई से कन्हैया कुमार हैं. जबकि महागठबंधन में राजद की ओर से तनवीर हसन भी हैं.
वहीं, उजियारपुर में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय और उपेन्द्र कुशवाहा के बीच टक्कर है. हालांकि यहां मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी (माकपा) के अजय राय के मैदान में आने से मुकाबला रोचक बन गया है. यहां कुशवाहा व यादव समुदायों की निर्णायक ताकत को देखते मुकाबला कठिन माना जा रहा है. जबकि दरभंगा में अब्दुल बारी सिद्दीकी और भाजपा के गोपालजी ठाकुर के बीच कडा संघर्ष है.
इसी तरह मुंगेर में नीतीश कुमार के करीबी मंत्री ललन सिंह और दूसरी ओर बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी मैदान में हैं. जबकि समस्तीपुर से लोजपा के उम्मीदवार रामचंद्र पासवान और कांग्रेस के अशोक राम के बीच तगड़ी लडाई मानी जा रही है.
बेगूसराय सीट पर है त्रिकोणीय मुकाबला
यहां उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार की किसी सीट ने सबसे अधिक सुर्खियां बटोरी हैं तो वह बेगूसराय है. यहां एक ओर भाजपा के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह हैं तो दूसरी ओर सीपीआई की तरफ से कन्हैया कुमार ताल ठोंक रहे हैं. दो धुर-विरोधी विचारधारा के प्रत्याशियों के आमने-सामने होने से यह 'हॉट' सीट बन गई है. हालांकि, राजद ने तनवीर हसन को मैदान में उतारकर लडाई को त्रिकोणीय और दिलचस्प बना दिया है.
कहा जा रहा है कि गिरिराज सिंह और कन्हैया कुमार के आमने-सामने होने से भूमिहार मतदाताओं में बंटवारा होने की आशंका है. वहीं दूसरी आशंका ये है कि तनवीर हसन के मैदान में उतरने से भाजपा विरोधी वोट भी दो खेमे में जा सकते हैं, जिसमें कुछ वोट तनवीर हसन को मिल सकते हैं, तो कुछ वोट कन्हैया कुमार को भी मिलने की संभावना जताई जा रही है. जाहिर है इससे गिरिराज सिंह को फायदा हो सकता है.
इसी तरह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दो करीबियों के धुर विरोधी बनने के बीच इस बार मुंगेर लोकसभा सीट भी हॉट बन गई है. यहां से नीतीश कुमार के करीबी जदयू के ललन सिंह का मुकाबला बाहुबली नेता अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी से हो रहा है. अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी महागठबंधन से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. यहां बता दें कि अनंत सिंह कभी नीतीश कुमार के काफी करीबी थे, लेकिन बीते विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के एक साथ आने से अनंत सिंह से नीतीश ने दूरी बना ली. एक केस में अनंत सिंह के घर पर छापा पड़ने और उनके जेल जाने के बाद नीतीश कुमार और अनंत सिंह में दूरी बढ़ गई. जाहिर है अब नीतीश कुमार के करीबी ललन सिंह और अनंत सिंह के बीच सीधा मुकाबला है और यह सीट सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा से भी जुड़ गई है.
'माय' समीकरण से किसे मिलेगा लाभ
दरभंगा सीट पर महागठबंधन की ओर से राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी ताल के सामने एनडीए में भाजपा की तरफ से गोपालजी ठाकुर मैदान में हैं. कीर्ति आजाद के कांग्रेस में शामिल होने के बाद यह सीट बेहद दिलचस्प इसलिए भी बन पडा है कि राजद के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री अली अशरफ फातमी ने राजद से इस्तीफा दे दिया है. उनके जदयू में जाने की चर्चा है. अब्दुल बारी सिद्दीकी को लालू के 'माय' (मुस्लिम-यादव) समीकरण का लाभ मिल सकता है, हालांकि उनके मुकाबले में खडे भाजपा के प्रत्याशी गोपालजी ठाकुर को गैर यादव हिन्दू वोटों की गोलबंदी के अतिरिक्त सवर्णों का पूरा साथ मिलने की संभावना जताई जा रही है.
समस्तीपुर से लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान के भाई और वर्तमान सांसद रामचंद्र पासवान चुनाव मैदान में हैं. उनका मुकाबला महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी अशोक राम से है. इस आरक्षित सीट पर पिछली बार भी इन्हीं दोनों के बीच मुकाबला हुआ था. तब मोदी लहर के बावजूद रामचंद्र पासवान केवल 6872 वोटों से जीते थे.