बिहार: कन्हैया कुमार के काफिले पर आरा में हमला, गाड़ियों की चपेट में आए बाइक सवार और पैदल यात्री
By एस पी सिन्हा | Updated: February 15, 2020 04:52 IST2020-02-15T04:52:52+5:302020-02-15T04:52:52+5:30
बताया जाता है कि स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि कन्हैया कुमार को जान बचाकर भागना पड़ा. कन्हैया के काफिले से कई बाइक सवार भी जख्मी हो गए हैं. मौके पर पुलिस पहुंच कर स्थिती को नियंत्रित करने में जुटी रही.

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और भाकपा नेता कन्हैया कुमार। (फाइल फोटो)
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के काफिले पर एक बार फिर पथराव हो गया. भोजपुर जिले के मुख्यालय आरा के नजदीक गजराजगंज के बामपाली गांव के पास जैसे ही कन्हैया कुमार के काफिले पर पथराव हुआ, काफिले में मौजूद गाड़ियां बेतहाशा भगाई गईं. इस दौरान गाड़ियों की चपेट में आकर कई मोटरसाइकिल सवार और पैदल यात्री घायल हो गए हैं. यह पथराव बक्सर से आरा जाने के दौरान हुआ.
बताया जाता है कि स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि कन्हैया कुमार को जान बचाकर भागना पड़ा. कन्हैया के काफिले से कई बाइक सवार भी जख्मी हो गए हैं. मौके पर पुलिस पहुंच कर स्थिती को नियंत्रित करने में जुटी रही.
यहां बता दें कि आज ही बक्सर में कन्हैया कुमार को काला झंडा दिखाया गया था. प्राप्त जानकारी के अनुसार, वामदलों की जन गण मन यात्रा के तहत आज कन्हैया कुमार की सभा बिहार के बक्सर व आरा में निर्धारित थी. इसी क्रम में वे बक्सर में सभा को संबोधित कर आरा जा रहे थे. आरा के रमना मैदान में कार्यक्रम होने वाला था.
बताया जाता है कि आरा-बक्सर हाइवे पर गजराजगंज ओपी के बामपाली गांव के समीप बाइक सवार लोगों ने कन्हैया कुमार के काफिले में जमकर पथराव कर दिया. इस दौरान भागने के क्रम में काफिले में शामिल वाहन से कई बाइक सवार कुचला गये. इसमें कइयों को काफी चोटें आईं. एक को तो इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है. वहीं, काफिले में शामिल वाहनों से कुचलाए जाने से लोग काफी आक्रोशित हो गए.
मामला इतना बढ़ गया कि वहां से किसी तरह कन्हैया जान बचाकर भागे. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. पुलिस ने अस्पताल पहुंच घायल व्यक्ति से भी पूछताछ की है. हालांकि पुलिस ने किसी तरह मामले को शांत किया. तब कन्हैया आरा पहुंचे.
बताया जाता है कि आरा के गजराजगंज में हुए पथराव के पहले बक्सर में भी कन्हैया कुमार के काफिले को लोगों ने काला झंडा दिखाया था. बाद में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. यहां उल्लेखनीय है कि कन्हैया कुमार के साथ पथराव या काला झंडा दिखाने का यह कोई पहला मामला नहीं है. सीएए, एनआरसी व एनपीआर के विरोध में 26 जनवरी से उनकी जन मन यात्रा शुरू हुई है. तब से कहीं न कहीं पथराव व काला झंडा दिखाने का मामला सामने आ रहा है.
और तो और, नवादा में तो "कौआ कुमार" की संज्ञा देकर वापस जाने से संबंधित हॉर्डिंग भी लगा दिया गया था. इसी कड़ी में आज कन्हैया कुमार की सभा आरा शहर के रमना मैदान में होनी थी और इसी के चलते कई गाड़ियों के काफिले के साथ वे वहां जा रहे थे.
इसी दौरान अचानक उनकी गाड़ियों पर पथराव होना शुरू हो गया. इस दौरान गाड़ियां रुक गईं, जिसके बाद पथराव तेजी से बढ़ गया. काफिले में मौजूद लोगों ने भी उपद्रवियों पर पत्थर फेंके. वहीं, पथराव न रुकता देख कन्हैया कुमार और उनके साथ मौजूद अन्य लोग जान बचाकर वहां से भागे. वहीं इन हमलों के बाद भाकपा के राज्य सचिवव सत्यनारायण सिंह ने एक बयान जारी कर इस हमले के लिए आरएसएस और भाजपा समर्थित लोगों का हाथ बताया था. साथ ही उन्होंने कहा था कि यदि सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती है तो जल्द ही आंदोलन किया जाएगा.