बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं का सबसे बुरा हाल, नीति आयोग की रिपोर्ट में खुलासा, तेजस्वी ने नीतीश कुमार साधा निशाना
By एस पी सिन्हा | Updated: October 1, 2021 20:04 IST2021-10-01T20:04:06+5:302021-10-01T20:04:06+5:30
बिहार के अस्पतालों की पोल खोलते नीति आयोग की रिपोर्ट पर तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है.

नीतीश कुमार पर बरसे तेजस्वी यादव (फाइल फोटो)
पटना: नीति आयोग ने बिहार सरकार की व्यवस्था की पोल खोल दी है. आयोग के रिपोर्ट के अनुसार देशभर में बिहार के अस्पतालों का सबसे बुरा हाल है. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है. तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा, '16 वर्षों के थकाऊ परिश्रम के बूते बिहार को नीचे से नंबर-1 बनाने पर नीतीश जी को बधाई.'
तेजस्वी ने तंज कसते हुए ये कहा कि बिहार के 40 में से 39 लोकसभा सांसद और डबल इंजन सरकार का बिहार को अद्भुत फायदा मिल रहा है. नीति आयोग की रिपोर्ट अनुसार देश के जिला अस्पतालों में सबसे कम बिहार में प्रति 1 लाख की आबादी पर मात्र 6 बिस्तर हैं.
ऐसे में अब महंगी दवा, कोरोना काल में ऑक्सिजन के लिए मची आपा धापी, ब्लैक में कई गुणा महंगे बिकती दवाई और इंजेक्शन, बिना पीपीई किट, एन95 मास्क के कोरोना संकट में काम करने को मजबूर डॉक्टर समेत तमाम मुद्दों को लेकर आगामी 3 अक्टूबर को तेजस्वी यादव डॉक्टरों से बातचीत करेंगे.
16 वर्षों के थकाऊ परिश्रम के बूते बिहार को नीचे से नंबर-1 बनाने पर नीतीश जी को बधाई।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 1, 2021
40 में से 39 लोकसभा MP और डबल इंजन सरकार का बिहार को अद्भुत फ़ायदा मिल रहा है। नीति आयोग की रिपोर्ट अनुसार देश के जिला अस्पतालों में सबसे कम बेड बिहार में हैं, 1 लाख की आबादी पर मात्र 6 बेड। pic.twitter.com/IzFTUJMhNf
राजद का कहना है कि कोरोना हो या चमकी बुखार अस्पताल कर्मी, नर्स और जूनियर डॉक्टर प्रदर्शन करते नजर आएं. विडंबना ही है कि यह उस राज्य की कहानी है, जहां की सरकार लगातार 16 सालों से सुशासन का राग अलाप रही है.
राजद ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की समस्याएं हजार हैं. उससे जुड़े कर्मियों, डॉक्टरों और टेक्नीशियनों की समस्याएं हजारों हैं. यह सभी समस्याएं आम नागरिकों को सीधे प्रभावित करती हैं. इसीलिए किसी भी संवेदनशील राजनेता या राजनीतिक दल के लिए अत्यावश्यक यह है कि वह स्वास्थ्य विभाग की हर कमी, नाकामी, डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और मरीजों की हर समस्याओं को समझे, उसकी तह तक जाए. इसी उद्देश्य से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार के डॉक्टरों के साथ विचार विमर्श करेंगे.
उल्लेखनीय है कि नीति आयोग की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि बिहार में एक लाख की आबादी पर मात्र 6 ही बेड हैं. भारत के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की लिस्ट में बिहार नीचे से नंबर वन है. यानी कि बिहार इस मामले में सबसे फिसड्डी राज्य है. इस रिपोर्ट को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ इंडिया ने आपसी सहयोग से तैयार किया है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में जिला अस्पतालों में प्रति एक लाख आबादी पर औसतन 24 बिस्तरें हैं. इसमें पुडुचेरी में जिला अस्पतालों में सबसे ज्यादा औसतन 222 बिस्तरे उपलब्ध हैं, जबकि इस मामले बिहार के जिला अस्पतालों का सबसे बुरा हाल है.