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राज्य में 13 नई जेल बनाएगी बिहार सरकार, शराबबंदी कानून के बाद जेलों में तेजी से बढ़ रहे कैदियों को ध्यान में रखकर लिया निर्णय

By एस पी सिन्हा | Updated: April 8, 2023 16:50 IST

बताया जाता है राज्य सरकार ने एक मंडल स्तरीय जेल मधेपुरा तथा 12 अनुमंडल स्तरीय जेल कहलगांव, निर्मली, नरकटियागंज, राजगीर, मडोरा, रजौली, सीवान, गोपालगंज, चकिया, पकड़ीदयाल, महनार और सिमरी बख्तियारपुर में बनाने का निर्णय लिया है।

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ठळक मुद्देबिहार में शराबबंदी कानून लागू किये जाने के बाद जेलों में कैदियों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी होने लगी है।शराब के केस में हो रही गिरफ्तारियों के कारण जेलों में कैदियों को रखने की जगह कम पड़ने लगी हैं।शराबबंदी कानून के कारण बिहार के जेल में कैदियों की संख्या बढ़ गई है।

पटना: बिहार में शराबबंदी कानून लागू किये जाने के बाद जेलों में कैदियों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी होने लगी है। शराब के केस में हो रही गिरफ्तारियों के कारण जेलों में कैदियों को रखने की जगह कम पड़ने लगी हैं। ऐसी स्थिति में कैदियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने नये जेलों के निर्माण की दिशा में कदम उठाने जा रही है। बता दें कि शराबबंदी कानून के कारण बिहार के जेल में कैदियों की संख्या बढ़ गई है। 

ऐसे में अब राज्य सरकार ने 13 नई जेल बनाने का निर्णय लिया है। बताया जाता है राज्य सरकार ने एक मंडल स्तरीय जेल मधेपुरा तथा 12 अनुमंडल स्तरीय जेल कहलगांव, निर्मली, नरकटियागंज, राजगीर, मडोरा, रजौली, सीवान, गोपालगंज, चकिया, पकड़ीदयाल, महनार और सिमरी बख्तियारपुर में बनाने का निर्णय लिया है। इन जिलों की क्षमता एक हजार कैदियों की होगी। हालांकि, अभी इस प्रस्ताव पर मुहर नहीं लगी है। 

सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार के स्तर से सहमति मिलने के बाद इन सभी जेलों के निर्माण से संबंधित कवायद जेल निदेशालय ने शुरू कर दी है। इसके अलावा मंडल कारा भभुआ, जमुई, औरंगाबाद, अरवल और उप-कारा पालीगंज में मौजूद जेलों में अतिरिक्त नए भवन का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें दो-तीन स्थानों पर नए भवन का निर्माण कार्य पूरा हो गया है और जल्द ही इन्हें शुरू भी कर दिया जाएगा। 

15 काराओं में 33 अतिरिक्त बंदी कक्ष के निर्माण की भी स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा पांच जेलों में नए कारा भवन और 15 काराओं में 33 नए बंदी कक्ष का निर्माण होने से 9 हजार 819 अतिरिक्त कैदियों के रखने की क्षमता बढ़ जाएगी। इन सभी का निर्माण होने के बाद आने वाले समय में सूबे में करीब 23 हजार कैदियों को रखने की क्षमता बढ़ जाएगी। 

इधर, राज्य की जेलों में अभिलेखागारों को डिजिटल बनाने की योजना पर भी तेजी से काम चल रहा है। फुलवारीशरीफ में स्थित जिला कारा में डिजिटल अभिलेखागार तैयार किया गया है। इससे सभी रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से व्यवस्थित रूप से संजोए कर रखा जा सकेगा। समय आने पर इन्हें खोजने में भी आसानी होगी।

टॅग्स :बिहारनीतीश कुमारजेल
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