बिहारः नई शिक्षक नियमावली के विरोध में सरकारी स्कूल के शिक्षक सड़कों पर उतरे, जमकर विरोध प्रदर्शन

By एस पी सिन्हा | Published: May 1, 2023 05:55 PM2023-05-01T17:55:40+5:302023-05-01T17:56:27+5:30

Bihar: शिक्षक नारा लगाते हुए पटना के जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और मांगों से संबंधित ज्ञापन दिया। सड़कों पर शिक्षकों का हुजूम उमड़ पड़ा।

Bihar Government school teachers took streets in protest against new teacher manual fiercely protesting cm nitish kumar patna  | बिहारः नई शिक्षक नियमावली के विरोध में सरकारी स्कूल के शिक्षक सड़कों पर उतरे, जमकर विरोध प्रदर्शन

कर्मचारी बनाने के लिए दोबारा परीक्षा कराने की क्या जरूरत है।

Highlightsशिक्षक संघ द्वारा बड़े पैमाने पर इसका विरोध किया जाएगा। पटना के डीएम को ज्ञापन सौंपकर नई नियमावली को रद्द करने की मांग किया है।कर्मचारी बनाने के लिए दोबारा परीक्षा कराने की क्या जरूरत है।

पटनाः बिहार सरकार के द्वारा बनाई गई नई शिक्षक नियमावली के विरोध में आज राज्य के सरकारी स्कूल के शिक्षक सड़कों पर उतरे और नीतीश सरकार से नई नियमावली को वापस लेने का मांग किया। राज्यस्तरीय आन्दोलन के क्रम में राजधानी पटना की सड़कों पर शिक्षकों का हुजूम उमड़ पड़ा।

शिक्षक नारा लगाते हुए पटना के जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और वहां मांगों से संबंधित ज्ञापन दिया। विरोध कर रहे शिक्षक संघ का कहना है कि इस नियामवली में कई खाामियां हैं। शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कंडेय पाठक और प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने बताया कि नई नियमावली में व्यापक पैमाने पर त्रुटियां हैं, जिन्हें सुधार करने की आवश्यकता है।

इसलिए हम शांतिपूर्ण विरोध कर सरकार को बताना चाहते हैं कि वो इस नई में बदलाव करें वरना शिक्षक संघ द्वारा बड़े पैमाने पर इसका विरोध किया जाएगा। शिक्षकों ने बताया कि आज उन्होंने पटना के डीएम को ज्ञापन सौंपकर नई नियमावली को रद्द करने की मांग किया है। शिक्षकों का कहना है कि राज्य कर्मचारी बनाने के लिए दोबारा परीक्षा कराने की क्या जरूरत है।

वहीं, नियोजित शिक्षकों का कहना है कि अब वे किसी विधायक या राजनेता के नेतृत्व में अपनी लड़ाई नहीं लड़ेंगे बल्कि अपनी लड़ाई खुद लड़ेंगे और सरकार को अल्टीमेटम देंगे कि उन्हें जल्द राज्य कार्यकर्ता का दर्जा दिया जाए, नहीं तो आने वाले दिनों में इस तरह की लड़ाई लड़ी जाएगी। स्कूलों में पठन-पाठन बंद करने पर वो लोग मजबूर हो जाएंगे।

उनकी मांग है कि अगर विधायक और मंत्री की परीक्षा दें तो वे भी परीक्षा देने को तैयार हैं। आन्दोलनकारी शिक्षकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो आने आने वाले दिनों में डेरा डालो अभियान चलेगा और हर हाल में सरकार की इस नीति का विरोध जारी रहेगा। विरोध कर रहे शिक्षकों ने कहा कि सरकार की नियत साफ नहीं है।

डेढ़ दशक तक शिक्षक की नौकरी करने के बाद हमें फिर से परीक्षा देकर नए शिक्षक के रूप में नियुक्त करना चाहते हैं। यह कहीं से तर्कसंगत नहीं है। विरोध कर रहे शिक्षकों की नाराजगी सिर्फ नीतीश कुमार के प्रति ही नहीं थी। उनकी नाराजगी बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को लेकर भी थी।

शिक्षकों ने बताया ने सत्ता में आने से पहले तेजस्वी यह कहते थे कि वह सत्ता में आएंगे तो सभी को राज्यकर्मी का दर्जा देने के साथ वेतनमान भी दिया जाएगा। लेकिन जैसे ही वह नीतीश कुमार से मिले, उनका इरादा बदल गया। अब दोनों चाचा-भतीजे साथ में हम शिक्षकों के रणनीति बनाकर नीचा दिखाने का प्रयास कर रहे हैं।

शिक्षकों ने ऐलान किया कि पांच मई को शिक्षकों का बड़ा जुटान पटना में होगा, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की जायेगी। बता दें कि पटना के साथ ही राज्य के सभी 38 जिलों में शिक्षकों ने सड़को पर उतर कर नई शिक्षक नियमावली का विरोध किया है और संबंधित डीएम को ज्ञापन दिया।

Web Title: Bihar Government school teachers took streets in protest against new teacher manual fiercely protesting cm nitish kumar patna 

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