बिहार: सरकारी स्कूल के लड़कों को भी आती है माहवारी, जानें क्या है पूरा मामला
By एस पी सिन्हा | Published: January 22, 2022 02:23 PM2022-01-22T14:23:42+5:302022-01-22T19:10:45+5:30
मामला सारण जिले के मांझी प्रखंड के एक सरकारी स्कूल हलखोरी साह उच्च विद्यालय का है, जहां लड़कों को सैनिटरी नैपकिन का प्रयोग करने के लिए राशि का आवंटन किया गया.
पटना:बिहार के सारण जिले के मांझी प्रखंड के हलखोरी साह उच्च विद्यालय में लड़कियों के साथ-साथ लड़कों को सैनिटरी नैपकिन और पोशाक योजना का लाभ दिया गया.
स्कूल के अनुसार, लड़कों को भी माहवारी आती है. इसके चलते उन्हें भी सैनिटरी नैपकिन का उपयोग कराया जाता है. मामला एक सरकारी स्कूल का है, जहां लड़कों को सैनिटरी नैपकिन का प्रयोग करने के लिए राशि का आवंटन किया गया.
इसका खुलासा तब हुआ है, जब स्कूल के प्रधानाध्यापक रिटायर हो गए. जब दूसरे प्रधानाध्यापक ने पदभार ग्रहण किया तो पाया कि यहां लड़कियों की जगह लड़के सैनिटरी नैपकिन पहनते हैं.
बताया जाता है कि जब प्रधानाध्यापक ने पदभार ग्रहण किया और पुरानी योजनाओं का उपयोगिता प्रमाणपत्र मांगा गया तो लगभग एक करोड़ की योजनाओं में गड़बड़ी सामने आ गई.
नव पदस्थापित प्रधानाध्यापक ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. स्कूल के एक पूर्व प्रधानाध्यापक के द्वारा तैयार बही-खाते और दस्तावेज बताते हैं कि उनके स्कूल के लड़कों को माहवारी आती थी. इसके लिए लड़कों के खाते में सैनिटरी नैपकिन और पोशाक योजना का लाभ दिया गया.
नए प्रधानाध्यापक से जब शिक्षा विभाग ने पुरानी योजनाओं के उपयोगिता प्रमाणपत्र मांगे, तब पाया गया कि करीब एक करोड़ रुपये की योजनाओं के उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा नहीं किए गए हैं.
इसके बाद जब जांच शुरू की गई तब बैंक स्टेटमेंट खंगालने के दौरान ज्ञात हुआ कि लड़कियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की राशि लड़कों के खातों में भी ट्रांसफर की जाती रही है.
लडकियों को देने के लिए सरकार की ओर से आने वाली सैनिटरी नैपकिन की पूरी राशि लड़के उपभोग भी कर चुके हैं. कई और तरह की अनियमितता पाये जाने के लिए नव नियुक्त प्राधानाध्यापक ने जिलाधिकारी को पत्र भेजा है.
उस पत्र में जिक्र किया गया है कि विद्यालय के बच्चों ने सैनिटरी नैपकिन का प्रयोग किया. पत्र के आते ही शिक्षा विभाग में हडकंप मच गया. शिक्षा विभाग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है.
शिक्षा विभाग के डीपीओ राजन गिरी ने कहा है कि अगर जांच में मामला सही पाया जाता है, तो दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.