शराब की आड़ में बिहार सरकार लोगों का नरसंहार करा रही है, भाजपा ने नीतीश सरकार पर लगाया आरोप
By एस पी सिन्हा | Updated: December 15, 2022 18:08 IST2022-12-15T18:07:20+5:302022-12-15T18:08:44+5:30
बिहारः नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि सरकार सदन के भीतर लोकतंत्र की हत्या कर रही है।

महागठबंधन ऐसे नेताओं को चुनाव में टिकट भी देती है।
पटनाः भाजपा ने छपरा में जहरीली शराब से लोगों की हुई मौत के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेवार बताते हुए इस्तीफे की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि सरकार सदन के भीतर लोकतंत्र की हत्या कर रही है। उन्होंने कहा कि छपरा में अबतक जहरीली शराब से 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, बावजूद इसके सरकार सदन के अंदर मजाक कर रही है।
उन्होंने कहा कि शराब की आड़ में बिहार की सरकार लोगों का नरसंहार करा रही है। नीतीश कुमार को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार इस नरसंहार का सीबीआई से जांच कराए, जांच में राज्य सरकार के कई लोग फसेंगे। सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए विजय सिन्हा ने कहा कि जहरीली शराब में बिहार मे अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है।
ऐसे में सरकार को मृतकों के परिजन को मुआवजा देना चाहिए, पर नीतीश कुमार संवेदनहीन बयान देने रहें हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा का प्रतिनिधिमंडल सारण का दौरा करेगा और मृतक के परिजनों से मुलाकात करेगा। भाजपा नेताओं के शराब के अवैध कारोबार में शामिल होने के आरोप के सवाल पर विजय सिन्हा ने कहा कि उनकी सरकार है, अगर कोई भाजपा का नेता शामिल है तो उस पर कार्रवाई करें।
इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि शराब के अवैध कारोबार में भाजपा के बजाय राजद और जदयू के नेता शामिल हैं और महागठबंधन ऐसे नेताओं को चुनाव में टिकट भी देती है। उन्होंने कहा कि शराब माफिया को गोपालगंज में टिकट देकर पार्टी का उम्मीदवार बनाया और शराब पीने वाले को कुढ़नी उपचुनाव में प्रत्याशी बना दिया। सरकार शराब और बालू माफिया को संरक्षण देने का काम कर रही है।
विजय सिन्हा ने कहा कि जहरीली शराब के कारण छपरा में अबतक तीन दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अगर सरकार इस तरह की घटनाओं को नहीं रोक सकती है तो उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। इतनी लोगों की मौत के बावजूद सदन में मुख्यमंत्री की तरफ से कोई वक्तव्य नहीं आया है। विधानसभा अध्यक्ष का आचरण विपक्ष के साथ उचित नहीं है। विपक्ष के विधायकों को सदन में बोलने नहीं दिया जा रहा है।