Bihar Floor Test: "कौन जानता है 'पलटी कुमार' किधर का रुख करेंगे?", जयराम रमेश ने बिहार में बहुमत परीक्षण से पहले किया नीतीश कुमार पर हमला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 12, 2024 10:47 AM2024-02-12T10:47:57+5:302024-02-12T10:51:00+5:30
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने नीतीश कुमार पर विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले बहुत तीखा हमला किया है।
कोरबा: बिहार में नीतीश कुमार द्वारा विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार को जदयू प्रमुख पर निशाना साधते हुए कहा, "जब 'पलटी कुमार' शासन कर रहे हैं, तो कौन जानता है कि वह किधर रुख करेंगे?"
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने छत्तीसगढ़ के कोरबा में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "जब 'पलटी कुमार' शासन कर रहे हैं, तो कौन जानता है कि वह किधर मोड़ लेंगे? फ्लोर टेस्ट महत्वपूर्ण है। झारखंड में फ्लोर टेस्ट 5 फरवरी को किया गया था और बिहार में 12 फरवरी तक का समय दिया गया था। यह सब है एक साजिश है लेकिन विपक्षी गठबंधन इंडिया के दल एकजुट हैं।''
उन्होंने कहा कि बिहार में कांग्रेस पार्टी और राजद पार्टी को तोड़ने की भाजपा की योजना विफल हो जाएगी और इंडिया गठबंधन एकजुट रहेगा। यह ऑपरेशन लोटस है, जिसके तहत भाजपा की चाहत है कि कांग्रेस, राजद और अन्य छोटी पार्टियों में टूट हो जाए लेकिन वो अपनी कोशिश में विफल रहेगी और भारत गठबंधन एक साथ रहेगा।"
इस बीच, बसपा से निष्कासित नेता और लोकसभा सांसद दानिश अली ने रविवार को दावा किया कि अगर राजनीतिक रूप से सुविधाजनक हुआ तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से पाला बदल सकते हैं।
मालूम हो कि नीतीश कुमार के महागठबंधन से बाहर निकलने और एनडीए में लौटने के कुछ दिनों बाद बिहार में उनकी सरकार सोमवार को विश्वास मत के दौरान अपनी पहली बड़ी परीक्षा का सामना करने के लिए तैयार है।
बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में नीतीश कुमार के जदयू के 45 विधायक हैं, जबकि उसके सहयोगियों, भाजपा और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा-सेक्युलर (एचएएम-एस) के पास क्रमशः 79 और 4 मौजूदा विधायक हैं। एक अन्य निर्दलीय विधायक के समर्थन से सदन में एनडीए के पास महागठबंधन के 115 विधायकों के मुकाबले 128 विधायक हैं।
बिहार विधानसभा में आज संपन्न होने वाले शक्ति परीक्षण में नीतीश कुमार की नई सरकार को बहुमत के आंकड़े को पार करने के लिए 122 विधायकों के वोटों की जरूरत है।
इस महीने की शुरुआत में नीतीश कुमार ने बिहार में महागठबंधन और विपक्षी इंडिया गठबंधन को अलविदा कहते हुए भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पाले में चले गये और नई सरकार बना ली।
नीतीश कुमार ने अपने और बिहार में महागठबंधन के भविष्य को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए गुजरे 28 जनवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जो 18 महीने से भी कम समय में उनका दूसरा पलटवार था। राजद और कांग्रेस से नाता तोड़कर जदयू सुप्रीमो ने भाजपा और एनडीए में उसके सहयोगियों के समर्थन से नई सरकार बनाई है।