पटनाः बिहार में बेकाबू गंगा ने ट्रेनों की रफ्तार रोक दी है. सूबे के भागलपुर-जमालपुर रेलखंड की रेल पटरियों पर बाढ़ का पानी आ जाने की वजह से आज यानी सोमवार को तीसरे दिन भी रेल का परिचालन ठप रहा.
कई रेल अधिकारी बताते हैं के ऐसी नौबत अब तक 70 से 80 वर्षों के दौरान नहीं आई थी. वहीं, राज्य के मुजफ्फरपुर, दरभंगा, खगड़िय़ा, सहरसा, पटना, वैशाली, भोजपुर, लखीसराय, भागलपुर, सारण, बक्सर, बेगूसराय, कटिहार, मुंगेर एवं समस्तीपुर के कुल 82 प्रखंडों के 484 पंचायत आंशिक अथवा पूर्ण रूप से बाढ़ से प्रभावित हैं.
बताया जा रहा है कि साल 2007, 2016 और 2018 में आई प्रलयंकारी बाढ़ में भी मालदा रेल मंडल के अंतर्गत जमालपुर-भागलपुर रेल खंड के बीच ट्रेनों का परिचालन बंद नहीं हुआ था. उस वक्त बाढ़ प्रभावित रेल सेक्शन पर ट्रेनों की रफ्तार कम की गई थी. लेकिन इस बार गंगा ने रूद्र रूप धारण कर लिया है.
मालदा के मंडल रेल प्रबंधक, (डीआरएम) यतेन्द्र कुमार ने आज बताया कि इस रेल खंड के बरियारपुर और कल्याणपुर स्टेशनों के पास शनिवार को बाढ़ का पानी चढ़ गया. इस वजह से एहतियात के तौर पर रेल परिचालन को फिलहाल रोक दिया गया है. डीआरएम नें बताया कि पटरियों पर बाढ़ का पानी चढ़ जाने के कारण कई ट्रेनों को रद्द किया गया है.
वहीं मालदा और भागलपुर से खुलने वाली कई महत्वपूर्ण ट्रेनों को डाइवर्ट किया गया है. उन्होंने बताया कि बाढ़ का पानी रेलवे पुल का डेंजर मार्क पार कर गया है. ऐसे में रेलवे किसी तरह का रिस्क नहीं लेगा. पानी का दवाब कम होने के बाद ही ट्रेनों का परिचालन सामान्य होगा. इसके लिए पल-पल रिपोर्ट ली जा रही है.
जलस्तर पर नजर रखने के लिए पेट्रोलिंग टीम को पुल के पास तैनात किया है. बाढ़ के कारण दो दिनों में 10 हजार से ज्यादा रेल की टिकटें रद्द हुईं हैं. रद्द की गई ट्रेनों में भागलपुर से लेकर कजरा तक का आरक्षण करा चुके यात्रियों ने अपनी-अपनी टिकटें रद्द करा दीं. ट्रेन परिचालन बंद होने से हजारों यात्री फंसे हुए हैं. गंगा का यह रूप देखकर हर कोई सकते में है.
जलस्तर कम होने के लिए गंगा मइया से रेल यात्री गुहार लगा रहे हैं. उधर, बाढ़ ने ऐसा विकराल रूप धारण किया है कि गांवों व राष्ट्रीय उच्च पथ के बाद अब उसने रेलवे को भी पूरी तरह चपेट में लिया है. राज्य के कई जिलों में हालात काफी खतरनाक हो गई हैं.
पटना समेत कई जिलों में भारी बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात हैं. इसका असर रेल यातायात से लेकर सड़क मार्गों पर साफ साफ दिख रहा है. गंगा, कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, सोन, पुनपुन समेत तमाम नदियां फिलहाल पानी से लबालब हैं.