बिहार: कोरोना के बीच चमकी बुखार का खौफ, आज एक बच्चे की मौत, अब तक 21 बच्चे पीड़ित
By अनुराग आनंद | Published: May 9, 2020 07:38 PM2020-05-09T19:38:57+5:302020-05-09T19:47:52+5:30
बिहार में एकतरफ जहां कोरोना लगातार अपनी पांव पसार रहा है तो दूसरी ओर चमकी बुखार (एईएस) ने भी उत्तर बिहार को दहलाना शुरू कर दिया है।
पटना: बिहार में मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में आज एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) के कारण एक बच्चे की मौत हो गई। एईएस से पीड़ित कुल 21 बच्चों को इस साल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से 4 की मौत हो गई। इस बात की जानकारी एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉक्टर सुनील कुमार ने दी है।
बता दें कि बिहार में एकतरफ जहां कोरोना लगातार अपनी पांव पसार रहा है तो दूसरी ओर चमकी बुखार (एईएस) ने भी उत्तर बिहार को दहलाना शुरू कर दिया है। ऐसे में बिहार सरकार को कोरोना के साथ साथ चमकी बुखार से भी मुकाबला करना पड़ रहा है। हालांकि सरकार ने इसे रोकने के लिए पूरी तरह से कमर कसकर तैयार रहने की बात कह रही है। बावजूद इसके मुजफ्फरपुर में अभी तक इस साल 4 बच्चों की मौत हो चुकी है। जबकि दर्जनों बच्चों का इलाज अस्पताल में चल रहा है।
यहां बता दें कि पिछले साल चमकी बुखार से 200 बच्चों के लगभग में मौत हो गई थी। हालांकि इस साल चमकी बुखार को लेकर बिहार सरकार अलर्ट पर है और बिहार सरकार ने सभी जिलों को विशेष तैयारी का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से संबंधित जिलों में उच्च पोषक के तौर पर बच्चों के बीच दूध के वितरण का भी आदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि एएईएस-जेई के दूसरे सबसे बड़े कलस्टर के रूप में प्रसिद्ध मुजफ्फरपुर और गया में तैयारी शुरू कर दी गई है।
A child died due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) at Shrikrishna Medical College & Hospital (SKMCH), Muzaffarpur in Bihar today. A total of 21 children, suffering from AES, have been admitted to the hospital this year out of which 4 died: SKMCH Superintendent Dr Sunil Kumar
— ANI (@ANI) May 9, 2020
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से हुई मीटिंग में गया और मुजफ्फरपुर को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद कई तरह के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद वहां तैयारियां की जा रही हैं। बताया जा रहा है कि शिशु रोग विभाग में आईसीयू में निकू और पीकू के पर्याप्त बेड तैयार किये जा रहे हैं। वहीं वायरोलॉजी को छोड़कर बाकी जांच की व्यवस्था एक ही काउंटर से करने की व्यवस्था की गई है।
वायरस की जांच के लिए सैंपल पटना के आरएमआरआई में भेजा जाता है। लेकिन कोरोना अस्पताल घोषित होने की वजह से हरेक तैयारी सतर्कता के साथ की जा रही है। कोरोना इलाज में तैनात डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों की ड्यूटी शिशु रोग विभाग में नहीं लगाई जा रही है।
अधीक्षक ने बताया कि अस्पताल में अभी से चमकी बुखार का सभी दवा तैयार कर लिया गया है और ऑक्सीजन का भी व्यावस्था कर लिया गया है, जो सामान अस्पताल में उपलब्ध नही है उसकी जानकारी भेज दी गई है। अभी चमकी बुखार का कहर केवल मुजफ्फरपुर में ही देखने को मिल रहा है। लेकिन तैयारियां अधिकतर प्रभावित जिलों में कर ली गई हैं।