बिहार चुनावः क्या आपके पास वोटर कार्ड नहीं?, टेंशन मत लें, ऐसे डाल सकेंगे वोट, 12 वैकल्पिक फोटो पहचान पत्रों में से एक को दिखाकर डालिए मत, जानें वैकल्पिक पहचान पत्र

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 10, 2025 14:29 IST2025-10-10T14:28:59+5:302025-10-10T14:29:48+5:30

आयोग ने यह व्यवस्था उन मतदाताओं की सुविधा के लिए की है जिनका नाम मतदाता सूची में दर्ज तो है, लेकिन किसी कारणवश वे अपना ईपीआईसी प्रस्तुत नहीं कर पा रहे हैं।

Bihar Elections Don't voter ID card Don't worry this is how you can cast your vote Show one of 12 alternative photo ID cards and vote Learn rules | बिहार चुनावः क्या आपके पास वोटर कार्ड नहीं?, टेंशन मत लें, ऐसे डाल सकेंगे वोट, 12 वैकल्पिक फोटो पहचान पत्रों में से एक को दिखाकर डालिए मत, जानें वैकल्पिक पहचान पत्र

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Highlights वास्तविक प्रतिरूपण (इम्परसनेशन) रोकने के लिए ईपीआईसी जारी करने का निर्देश दे सके।लगभग 100 प्रतिशत मतदाताओं को ईपीआईसी जारी किया जा चुका है।अंतिम प्रकाशन के 15 दिनों के भीतर ईपीआईसी उपलब्ध करा दिया जाए।

पटनाः निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को कहा कि जिन मतदाताओं के पास मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) नहीं है, वो इस विधानसभा चुनाव में 12 वैकल्पिक फोटो पहचान पत्रों में से किसी एक को दिखाकर मतदान कर सकेंगे। आयोग ने यह व्यवस्था उन मतदाताओं की सुविधा के लिए की है जिनका नाम मतदाता सूची में दर्ज तो है, लेकिन किसी कारणवश वे अपना ईपीआईसी प्रस्तुत नहीं कर पा रहे हैं।

वैकल्पिक पहचान पत्रः

आधार कार्ड

मनरेगा जॉब कार्ड

बैंक या डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक

श्रम मंत्रालय या आयुष्मान भारत योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड

ड्राइविंग लाइसेंस

पैन कार्ड

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के तहत जारी स्मार्ट कार्ड

भारतीय पासपोर्ट

फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज

केंद्र/राज्य सरकार, सार्वजनिक उपक्रमों या पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा जारी सेवा पहचान पत्र

सांसद/विधायक/विधान पार्षद को जारी आधिकारिक पहचान पत्र और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी ‘यूनिक डिसएबिलिटी आईडी’ (यूडीआईंडी) कार्ड।

निर्वाचन आयोग ने बताया कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और निर्वाचक नामावली नियम, 1960 के तहत उसे यह अधिकार प्राप्त है कि वह मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करने और मतदान केंद्रों पर वास्तविक प्रतिरूपण (इम्परसनेशन) रोकने के लिए ईपीआईसी जारी करने का निर्देश दे सके।

आयोग ने कहा कि बिहार और उपचुनाव वाले आठ विधानसभा क्षेत्रों में लगभग 100 प्रतिशत मतदाताओं को ईपीआईसी जारी किया जा चुका है। साथ ही, सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि नए मतदाताओं को नामावली के अंतिम प्रकाशन के 15 दिनों के भीतर ईपीआईसी उपलब्ध करा दिया जाए।

आयोग ने सात अक्टूबर 2025 को जारी अधिसूचना के हवाले से बताया कि वैकल्पिक पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक या डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय या आयुष्मान भारत योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के तहत जारी स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, केंद्र/राज्य सरकार, सार्वजनिक उपक्रमों या पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा जारी सेवा पहचान पत्र, सांसद/विधायक/विधान पार्षद को जारी आधिकारिक पहचान पत्र और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी ‘यूनिक डिसएबिलिटी आईडी’ (यूडीआईंडी) कार्ड में से किसी एक को पहचान के रूप में स्वीकार किया जाएगा।

आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि मतदान के लिए मतदाता का नाम निर्वाचक नामावली में दर्ज होना अनिवार्य है। इसके बिना मतदान की अनुमति नहीं दी जाएगी। चुनाव आयोग ने ‘पर्दानशीं’ (घूंघट या बुर्का पहनने वाली) महिलाओं की सुविधा और गरिमा का ध्यान रखते हुए मतदान केंद्रों पर विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने कहा कि ऐसी महिलाओं की पहचान महिला मतदान अधिकारियों या सहायिकाओं की उपस्थिति में गोपनीय और सम्मानजनक ढंग से की जाएगी ताकि उनकी निजता बनी रहे। 

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