पटना: बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने को लगाई जा रही अटकलों के बीच पटना पहुंचे केंद्रीय मंत्री एवं लोजपा(रा) प्रमुख चिराग पासवान से जब मीडियाकर्मियों ने सवाल किया कि क्या वह विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे? तब उन्होंने इससे इनकार तो नहीं किया और गेंद लोजपा (रामविलास) के संसदीय बोर्ड के पाले में डाल दिया। उन्होंने कहा कि मैं कहां से विधानसभा का चुनाव लड़ूंगा या नहीं लड़ूंगा, इन तमाम विषयों पर चर्चा चल रही है। इसपर अंतिम मुहर पार्लियामेंट्री बोर्ड को ही लगाना है।
चिराग ने कहा कि जो लोग मेरे विधानसभा चुनाव को लड़ने को लेकर मेरे गठबंधन के भीतर भ्रम फैला रहे हैं तो उन्हें बताना चाहूंगा कि अगर मैं विधानसभा का चुनाव लड़ूंगा तो उसके पीछे की अपनी पार्टी के स्ट्राइक रेट को मजबूत करना होगा, गठबंधन को मजबूत करना होगा। यह पहली बार नहीं है कि मैं ही ऐसा अनोखा प्रयोग करने जा रहा हूं। भाजपा या अन्य बड़े दल अपने राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को विधानसभा का चुनाव लड़वाते हैं।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान कैबिनेट मंत्री भी चुनाव लड़े, लेकिन इसके पीछे की सोच अपने कार्यकर्ताओं में उत्साह लाने की होती है, गठबंधन और अपनी पार्टी की स्ट्राइक रेट को बेहतर करने की होती है। इसी को देखते हुए इस तरह के विषय पर चर्चा चल रही है। जो लोग गठबंधन के भीतर दरार डालने की सोच के साथ भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि मेरी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नजर है तो वे जान लें, ऐसा कतई नहीं है। भरोसा रखिए कि इस बार भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पहले से अधिक मजबूत सरकार बनने जा रही है।
दरअसल, चिराग पासवान कई बार कह चुके हैं कि वह बिहार की राजनीति में वापस लौटना चाहते हैं। पिछले दिनों उनके जीजा जमुई सांसद अरुण भारती ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि चिराग पासवान बिहार के लोगों की उम्मीद हैं और पार्टी के कार्यकर्ता चाहते हैं कि चिराग पासवान केंद्र की राजनीति छोड़कर बिहार की सियासत में फिर से सक्रिय हों। पूरी पार्टी चिराग पासवान को सीएम फेस के तौर पर प्रोजेक्ट करने में जुटी है।