Bihar Election 2025: 'इंडिया' गठबंधन में सीटों के बंटवारे से पहले कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार किए तय, सीटिंग-गेटिंग के तहत मिलेगा मौजूदा सभी विधायकों को टिकट

By एस पी सिन्हा | Updated: September 20, 2025 15:14 IST2025-09-20T15:14:16+5:302025-09-20T15:14:21+5:30

Bihar Election 2025: मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि गठबंधन में अलग-अलग दल हैं।

Bihar Election 2025 before seat-sharing agreement within the Grand Alliance Congress has finalized the names of 17 candidates all sitting MLAs will receive tickets under the seat-getting scheme | Bihar Election 2025: 'इंडिया' गठबंधन में सीटों के बंटवारे से पहले कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार किए तय, सीटिंग-गेटिंग के तहत मिलेगा मौजूदा सभी विधायकों को टिकट

Bihar Election 2025: 'इंडिया' गठबंधन में सीटों के बंटवारे से पहले कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार किए तय, सीटिंग-गेटिंग के तहत मिलेगा मौजूदा सभी विधायकों को टिकट

Bihar Election 2025:बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए सूबे में सियासी गहमागहमी पूरे शबाब पर है। महागठबंधन में शामिल राजद, वीआईपी और वामदलों ने अभी तक इस प्रकार की कोई घोषणा नहीं की है। लेकिन सीट बंटवारे से पहले ही कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार तय करने शुरू कर दिया है। कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में बिहार विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी का रोडमैप तय हो गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव में 243 सीटों में से 76 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारेगी।

पार्टी ने पहली बैठक में ही तय कर लिया है कि मौजूदा 17 विधायकों को इस चुनाव में फिर से चुनाव मैदान में उतारा जाएगा। हालांकि, महागठबंधन की पार्टियों ने साफ संदेश दिया है कि कांग्रेस को पिछली बार के प्रदर्शन के आधार पर ही सीटों की मांग करनी चाहिए। शुक्रवार को दिल्ली स्थित इंदिरा भवन में स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन की अध्यक्षता में हुई बैठक में पार्टी प्रभारी कृष्णा अल्लावारु प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, विधायक दल के नेता शकील अहमद खान, विधान परिषद दल के नेता मदन मोहन झा, समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।

सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने करीब 36 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं। 17 सीटों पर मौजूदा विधायकों को फिर से मैदान में उतारा जा रहा है। इससे पहले पटना में हुई प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में आला कमान को उम्मीदवार तय करने का अधिकार दिया गया था और उम्मीदवारों की फाइनल सूची दिल्ली भेज दी गई थी। स्क्रीनिंग कमेटी में चर्चा और संभावित प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगाने को लेकर अगले एक-दो दिन में इस पर काम शुरू हो जाएगा।

पार्टी ने अपने सभी 17 मौजूदा विधायकों को दोबारा टिकट देने का फैसला लिया है। इससे पहले गुरुवार को पटना में प्रदेश चुनाव समिति की बैठक हुई थी। इस बैठक में प्रदेश चुनाव समिति ने कांग्रेस आलाकमान को उम्मीदवार तय करने के लिए अधिकृत किया था। 

उल्लेखनीय है कि पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में कांग्रेस महागठबंधन का हिस्सा थी और उसने 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से सिर्फ 19 सीटों पर ही जीत मिल पाई थी। बाद में पार्टी के दो विधायक बिक्रम से सिद्धार्थ सौरव और चेनारी से मुरारी प्रसाद गौतम एनडीए में शामिल हो गए। इस प्रकार अब कांग्रेस के पास 17 विधायक ही शेष रह गए हैं।

इनमें 1.अररिया से अविदुर रहमान, 2.किशनगंज से इजाहरुल हुसैन, 3. कसबा से मोहम्मद आफाक आलम, 4.कदवा से शकील अहमद खान, 5.मनिहारी से मनोहर प्रसाद सिंह, 6.मुजफ्फरपुर से बिजेंद्र चौधरी, 7. महाराजगंज  से विजय शंकर दुबे, 8. राजापाकर से प्रतिमा दास, 9.खगड़िया से छत्रपति यादव, 10. भागलपुर से अजीत शर्मा, 11.जमालपुर से अजय कुमार सिंह, 12.बक्सर से संजय कुमार तिवारी, 13.राजपुर से विश्वनाथ राम, 14. करगहर से संतोष मिश्रा, 15. कुटुंबा से राजेश राम, 16. औरंगाबाद से आनंद शंकर सिंह और हिसुआ से नीतू कुमारी शामिल हैं।

बता दें कि महागठबंधन के घटक दलों के बीच फिलहाल सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई है। इसबीच भाकपा-माले ने भी राजद को 40 सीटों की सूची सौंपी है। जबकि पार्टी पिछली बार 19 सीटों पर ही चुनाव लड़ी थी। माले का कहना है कि जहां-जहां वह चुनाव लड़ती है, वहां गठबंधन का प्रदर्शन बेहतर रहता है। यही बिहार में सत्ता की कुंजी है। पार्टी के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि हम दक्षिण और उत्तर बिहार दोनों क्षेत्रों में चुनाव लड़ना चाहते हैं।

इस बार सीमांचाल और अंग के 7-8 जिलों को छोड़ बाकी सभी जिलों में माले अपने उम्मीदवार उतारना चाहती है। वहीं, वीआईपी के मुकेश सहनी ने 60 सीटों की मांग की है। जबकि पशुपति कुमार पारस की रालोजपा और हेमंत सोरेन की झामुमो महागठबंधन का हिस्सा बनती है तो उन्हें भी कुछ सीटें देनी होगी। ऐसे में महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला आसान नहीं होगा।

गौरतलब है कि 2020 विधानसभा चुनाव में राजद 144 सीटों पर लड़कर 75 पर जीत दर्ज की थी। जबकि कांग्रेस ने 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। पार्टी को 19 सीटों पर सफलता मिली थी। वहीं, माले के 19 में 12 विधायक जीते थे। जबकि भाकपा के 6 और माकपा के 4 में 2-2 उम्मीदवारों को जीत मिली थी। 

वहीं, उम्मीदवारों के नाम तय किए जाने के संबंध में पूछे जाने पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा अभी हम सीटिंग गेटिंग की रणनीति के अनुसार उम्मीदवारों के नाम तय किया है। लेकिन सीट बंटवारे में ‘अच्छी’ और ‘खराब’ सीटों का संतुलन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अच्छी सीटें वे हैं, जहां कांग्रेस 2020 के चुनाव में जीती थी या फिर बहुत कम अंतर से हारी थी। साथ ही वे सीटें भी दी जाएं जहां वह करीब 5 हजार वोट से हारी थी। 

इस बीच, प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने शनिवार को कहा कि हर चुनाव में बिहार में राजद ने बड़े भाई की भूमिका निभाई है और आगे भी निभाएगी। राजद सबसे बड़ी राजनीतिक शक्ति है और इसकी असली ताकत जमीन पर है। यह बात सबको अच्छी तरह से समझ में आती है, इसमें किसी भी तरह का कोई भ्रम या संदेह नहीं है। मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि गठबंधन में अलग-अलग दल हैं।

हम चुनाव गठबंधन का हिस्सा बनकर लड़ते हैं। हर पार्टी के अपने कार्यक्रम और नीतियां होती हैं और वे संगठन को मजबूत करने के लिए बैठक करती हैं। अगर कोई सहयोगी दल मजबूत होता है, तो पूरा गठबंधन मजबूत होता है। लेकिन कांग्रेस भी अच्छी तरह समझती है कि बिहार में सबसे बड़ी पार्टी राजद है और असली ताकत जमीन पर है। जमीनी हकीकत को हमारे सहयोगी दल भी समझते हैं।

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