बिहार के सहरसा जेल से रिहा हुए डॉन से नेता बने आनंद मोहन सिंह, कृष्णैया की बेटी पद्मा ने कहा- फैसले के खिलाफ अपील करेंगे

By अनिल शर्मा | Updated: April 27, 2023 08:50 IST2023-04-27T08:20:41+5:302023-04-27T08:50:57+5:30

1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी कृष्णैया को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था। हत्या की घटना के वक्त आनंद मोहन मौके पर मौजूद थे, जहां वह दुर्दांत गैंगस्टर छोटन शुक्ला की शवयात्रा में शामिल हो रहे थे। शुक्ला की मुजफ्फरपुर शहर में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।

Bihar Don-turned-politician Anand Mohan Singh released from Saharsa jail Krishnaiah's daughter will appeal against verdict | बिहार के सहरसा जेल से रिहा हुए डॉन से नेता बने आनंद मोहन सिंह, कृष्णैया की बेटी पद्मा ने कहा- फैसले के खिलाफ अपील करेंगे

बिहार के सहरसा जेल से रिहा हुए डॉन से नेता बने आनंद मोहन सिंह, कृष्णैया की बेटी पद्मा ने कहा- फैसले के खिलाफ अपील करेंगे

Highlightsआनंद मोहन सहरसा जेल से रिहा हुए।आनंद मोहन को सुबह करीब 4.30 बजे जेल से रिहा किया गया।आनंद मोहन 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम कृष्णैया की हुई हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। 

Anand Mohan Singh released: गैंगस्टर से राजनेता बने आनंद मोहन सिंह को गुरुवार सुबह बिहार की सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया। जेल अधिकारी ने पुष्टि की है। आनंद मोहन को सुबह करीब 4.30 बजे जेल से रिहा किया गया। वह 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। 

आनंद मोहन की रिहाई पर दिवंगत जिलाधिकारी कृष्णैया की बेटी पद्मा ने कहा है कि हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। पद्मा ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, नीतीश कुमार ने जो आनंद मोहन की रिहाई का फैसला लिया है वह बहुत ही गलत है। हम चाहते हैं कि सरकार इसपर पुनर्विचार करे। गौरतलब है कि बिहार सरकार ने हाल ही में उसके सहित 27 दोषियों को रिहा करने की अनुमति देते हुए जेल नियमों में संशोधन किया था।

गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी कृष्णैया को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था। हत्या की घटना के वक्त आनंद मोहन मौके पर मौजूद थे, जहां वह दुर्दांत गैंगस्टर छोटन शुक्ला की शवयात्रा में शामिल हो रहे थे। शुक्ला की मुजफ्फरपुर शहर में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। शुक्ला भूमिहार जाति से था, जबकि उससे सहानुभूति रखने वाले आनंद मोहन राजपूत जाति से आते हैं।

 विधि विभाग की अधिसूचना, नियमों में एक हालिया संशोधन के बाद जारी की गई है, जिसमें सरकारी कर्मचारी/अधिकारी की हत्या या बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों के लिए दोषी ठहराये गये लोगों को 14 साल कैद की सजा पूरी करने के बाद भी रिहा नहीं किया जा सकता था। आनंद मोहन के अलावा, जिन अन्य लोगों की रिहाई का आदेश दिया गया था उनमें राजद के पूर्व विधायक राज वल्लभ यादव, जद(यू) के पूर्व विधायक अवधेश मंडल शामिल हैं।

 आनंद मोहन को रिहा किए जाने के फैसले पर सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन ने नाराजगी जाहिर करते हुए बयान जारी किया था। एसोसिएशन ने अपने बयान में बिहार सरकार की निंदा करते हुए कहा कि ये फैसला सही नहीं है। यह बहुत ही निराश करने वाला है। उन्होंने (आनंद मोहन) जी. कृष्णैया की नृशंस हत्या की थी। एसोसिएशन ने बिहार सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और इसे जल्दी से जल्दी फैसला वापस लेने का आग्रह किया है।

Web Title: Bihar Don-turned-politician Anand Mohan Singh released from Saharsa jail Krishnaiah's daughter will appeal against verdict

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