बिहार: डॉक्टरों की लापरवाही ने ली 12 साल की मासूम बच्ची की जान, कंधे पर लादकर ले गए शव

By एस पी सिन्हा | Published: July 22, 2018 07:27 PM2018-07-22T19:27:16+5:302018-07-22T19:27:16+5:30

इतना ही नहीं बच्ची के मौत के बाद अस्पताल प्रशासन के द्वारा शव को गंतव्य स्थान तक ले जाने के लिए न तो शव वाहन की व्यवस्था की गई और न ही स्ट्रेचर दिया गया।

bihar Doctor's negligence 12 year girls dead body carried on her shoulder | बिहार: डॉक्टरों की लापरवाही ने ली 12 साल की मासूम बच्ची की जान, कंधे पर लादकर ले गए शव

बिहार: डॉक्टरों की लापरवाही ने ली 12 साल की मासूम बच्ची की जान, कंधे पर लादकर ले गए शव

पटना,22 जुलाई: बिहार के एक सरकारी अस्पताल में मानवता को शर्मशार करने वाली एक घटना सामने आई है। मामला बेगूसराय का है जहां बुखार से पीडित एक लडकी की इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने मौत के पीछे इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं बच्ची के मौत के बाद अस्पताल प्रशासन के द्वारा शव को गंतव्य स्थान तक ले जाने के लिए न तो शव वाहन की व्यवस्था की गई और न ही स्ट्रेचर दिया गया। बताया जाता है कि सदर अस्पताल के द्वारा जब कोई व्यवस्था नही की गई तो बच्ची के चाचा ने अपने भतीजी के शव को कंधे पर उठा कर सदर अस्पताल से बाहर जाने लगा।

वहां मौजूद लोगों ने जब यह नजारा देखा तो सब के पैरों तले जमीन खिसक गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार बेगूसराय जिले के नीमाचांदपुरा थाना क्षेत्र के चांदपुरा गांव निवासी बृहस्पति दास के 12 वर्षीय पुत्री सोनाली बुखार एवं उल्टी से तडप रही थी। परिजनों ने पहले तो बच्ची को इलाज के लिए निजी अस्पताल ले गये। निजी अस्पताल में हालात बिगडता देख बच्ची को सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। शनिवार की देर रात बच्ची को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। बच्ची के चाचा मुकेश दास ने बताया कि रात में सदर अस्पताल में कार्यरत नर्स के द्वारा बच्ची को तीन इंजेक्शन दिया गया। आज अहले सुबह बच्ची पेट दर्द से रोये जा रही थी।

 परिजनों ने पेट दर्द की सूचना नर्स को दी। इसके साथ ही डॉक्टर से मिलवाने की बात कही गई। लेकिन किसी ने सुध तक नही ली। हालत इतनी खराब हो गई कि दर्द से कहारते-कहारते बच्ची ने दम तोड दिया।

परिजनों ने बताया कि बच्ची के मौत के बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने कहा कि मृतक को घर ले जाओ। हताशा-निराशा हाथ लिए बच्ची के चाचा मुकेश दास ने 12 वर्षीय भतीजी को अपने कंधे पर उठा कर घर ले जाने लगा। तत्काल न तो सदर अस्पताल प्रबंधन द्वारा शव को ले जाने के लिए शव वाहन की व्यवस्था की गई और न ही अस्पताल से बाहर लाने के लिए स्ट्रेचर की व्यवस्था की गई। बताया जाता है कि 20 जुलाई को भी सदर अस्पताल में इलाजरत एक मरीज को जब स्ट्रेचर नहीं मिला तो वह मरीज जमीन पर रेंगते हुए भर्ती वार्ड से सदर अस्पताल परिसर तक पहुंचा था। 

हालांकि, सदर अस्पताल में कंधे पर शव ले जाने की घटना की खबर जैसे ही मीडिया में चलने लगी कि सदर अस्पताल प्रबंधन तुरंत शव वाहन पीडित परिवार को उपलब्ध कराया। जिसके बाद परिवार के सदस्य बच्ची के शव को लेकर घर तक गये। वहीं, बेगूसराय के सिविल सर्जन, बृजनंदन शर्मा के अनुसार बच्ची को बचाने का हरसंभव प्रयास सदर अस्पताल में किया गया। लेकिन स्थिति गंभीर होने के कारण वह बच नहीं पाई। शव को ले जाने हेतु सभी सुविधाएं सदर अस्पताल में उपलब्ध है। आनन-फानन में ही परिवार के लोगों के द्वारा कंधे पर शव उठाकर ले जाने लगे। जिसकी जानकारी मिलते ही उन्हें अविलंब शव वाहन उपलब्ध कराया गया।

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Web Title: bihar Doctor's negligence 12 year girls dead body carried on her shoulder

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