Bihar Diwas: 110 साल पूरे, 1912 को बंगाल से अलग होने के बाद अस्तित्व में आया, राष्ट्रपति और पीएम ने दी बधाई, जानें इतिहास के बारे में

By एस पी सिन्हा | Published: March 22, 2022 06:28 PM2022-03-22T18:28:18+5:302022-03-22T18:30:07+5:30

Bihar Diwas: बिहार दिवस हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है. वर्ष 1912 में इसी दिन बंगाल प्रांत से अलग होकर बिहार एक स्वतंत्र राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था.

Bihar Diwas 22 March 110 years complete Bengal in 1912 President and PM narendra modi congratulated know history | Bihar Diwas: 110 साल पूरे, 1912 को बंगाल से अलग होने के बाद अस्तित्व में आया, राष्ट्रपति और पीएम ने दी बधाई, जानें इतिहास के बारे में

बिहार दिवस मनाने की परंपरा की शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की है. (file photo)

Highlightsराष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिहार के स्थापना दिवस पर लोगों को शुभकामनाएं दीं.बिहार का एक गौरवशाली अतीत और समृद्व सांस्कृतिक विरासत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को बधाई दी.

पटनाः बिहार अपनी स्थापना का 110वां जन्मोत्सव आज से तीन दिनों तक मनाएगा. इसके मुख्‍य समारोह का उद्घाटन आज मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. जबकि, इसका समापन राज्‍यपाल फागू चौहान द्वारा 24 मार्च को किया जाएगा. इस तरह से बिहार आज 110 वर्ष का हो गया है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को बिहार के स्थापना दिवस पर राज्य के लोगों को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि बिहार के कर्मठ और प्रतिभाशाली लोगों ने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. कोविंद ने ट्वीट किया, ‘‘बिहार दिवस पर प्रदेश के लोगों को बधाई.

बिहार का एक गौरवशाली अतीत और समृद्व सांस्कृतिक विरासत

बिहार का एक गौरवशाली अतीत और समृद्व सांस्कृतिक विरासत है. यहां के कर्मठ एवं प्रतिभाशाली लोगों ने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘बिहार के राज्यपाल के रूप में यहां के लोगों से मुझे अत्यंत स्नेह मिला,  इस विशेष अवसर पर मेरी शुभकामनाएं.’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बिहार दिवस के अवसर पर राज्य के लोगों को बधाई दी. उन्होंने कामना की कि बिहार विकास के नए-नए कीर्तिमान स्थापित करता रहे. मोदी ने ट्वीट कर कहा, "बिहार के सभी भाइयों और बहनों को बिहार दिवस की हार्दिक बधाई. मेरी कामना है कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत से समृद्ध यह प्रदेश विकास के नए-नए कीर्तिमान स्थापित करता रहे."

बिहारियों के लिए यह दिन गौरव का विषय

बिहार दिवस मनाने की परंपरा की शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की है. लेकिन कोरोना संकट के चलते दो साल बिहार दिवस समारोह बाधित हुआ. इस संबंध में राज्य के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि बिहार दिवस समारोह बिहार की माटी की खुशबू, अस्मिता और उसकी पहचान का प्रतीक है. बिहारियों के लिए यह दिन गौरव का विषय है.

शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस समारोह का थीम जल-जीवन-हरियाली रखा गया है. उद्घाटन समारोह के ठीक बाद ड्रोन शो आयोजित किया गया. उल्लेखनीय है कि आज से ठीक 110 साल पहले कई एतिहासिक कालखंड को समेटे बिहार का मौजूदा स्वरूप 22 मार्च 1912 को अस्तित्व में आया. उसके पूर्व तक बिहार ग्रेटर बंगाल का हिस्सा हुआ करता था.

अलग होकर ओडिशा व झारखंड राज्‍य बने

वहीं, बिहार को एक राज्य के रूप में ग्रेटर बंगाल से अलग कर स्वतंत्र पहचान देने की प्रक्रिया की शुरुआत 12 दिसंबर 1911 को शुरू हुई थी, जब किंग जॉर्ज पंचम ने दिल्ली दरबार में बिहार को अलग करने के बारे में एक गुप्त निर्णय का खुलासा किया था. कालक्रम में इससे अलग होकर ओडिशा व झारखंड राज्‍य बने. 1912 से पहले बिहार, ग्रेटर बंगाल के एक हिस्से के रूप में था.

कलकत्ता में लेफ्टिनेंट सरकार और उनके सचिवालय द्वारा उस समय का बिहार शासित था, जो कि ग्रेटर बंगाल की प्रांतीय सरकार की सीट भी थी. व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए बिहार पर 3 संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों द्वारा शासन और प्रबंधन किया जाता था. बताया जाता है कि 1912 से पहले बिहार की अपनी कोई राजधानी नहीं थी.

प्रशासनिक मुख्यालय पटना के एक उपनगर बांकीपुर में हुआ करता था, जो 18 वीं शताब्दी के मध्य से ब्रिटिश और यूरोपीय लोगों द्वारा बसा हुआ था. तत्कालीन वायसराय लॉर्ड हार्डिंग ने भारत सरकार अधिनियम, 1912 के माध्यम से अपनी सीमाओं के साथ बिहार और ओडिशा प्रांत के निर्माण के संबंध में अंतिम औपचारिक घोषणा की.

22 मार्च को बिहार दिवस मनाया जाता है

यह घोषणा 22 मार्च, 1912 को की गई थी, इसलिए 22 मार्च को बिहार दिवस मनाया जाता है. बिहार और उडीसा के पहले लेफ्टिनेंट-गवर्नर चार्ल्स स्टुअर्ट बेली ने 1 अप्रैल, 1912 (19 नवंबर, 1915 तक) को पदभार ग्रहण किया. उन्होंने पटना के छज्जूबाग में आयुक्त का आवास चुना, जिसे पहले दरभंगा राज से खरीदा गया था.

बेली ने शासन के नए ढांचे को स्थापित करने के लिए 21 नवंबर, 1912 को बांकीपुर दरबार आयोजित करने का आह्वान किया. पांच आधिकारिक निकायों और सामाजिक संघों के प्रतिनिधि, पटना के प्राचीन इतिहास को याद करते हुए चाहते थे कि नई राजधानी प्राचीन गौरव को प्रतिबिंबित करे.

1913 के अंत में, हार्डिंग ने गवर्नमेंट हाउस (राजभवन), वर्तमान पुराने सचिवालय और पटना उच्च न्यायालय के निर्माण की आधारशिला रखी. उन्होंने 3 फरवरी, 1916 को उनका उद्घाटन किया. वहीं,1 मार्च, 1916 से पटना उच्च न्यायालय द्वारा कार्य करना शुरू करने के बाद बिहार पर कलकत्ता उच्च न्यायालय का अधिकार क्षेत्र समाप्त हो गया.

बिहार, ओडिशा और नेपाल तक फैला हुआ था

वहीं पटना विश्वविद्यालय 1 अक्टूबर, 1917 को अस्तित्व में आया. उस समय, विश्वविद्यालय का अधिकार क्षेत्र बिहार, ओडिशा और नेपाल तक फैला हुआ था. बिहार दिवस के अवसर पर राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह एवं मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई राजनेताओं ने शुभकामनाएं दी हैं.

बिहार दिवस के अवसर पर अपने शुभकामना संदेश में राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि राज्‍य का गौरवशाली अतीत है. इसकी समृ्द्ध सांस्‍कृतिक विरासत भी है. यहां के कर्मठ लोगों ने देश के विकास में महत्‍वपूर्ण योगदान दिया है. राष्‍ट्रपति ने अपने ट्वीट में अपने बिहार के राज्‍यपाल रहते यहां मिले स्‍नेह को भी याद किया है.

वहीं, बिहार दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि बिहार का समृद्ध ऐतिहासिक‍ व सांस्‍कृतिक इतिहास रहा है. यह प्रगति के नए रिकार्ड बना रहा है. जबकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि बिहार वीरों, विद्वानों व महापुरुषों की भूमि तथा और लोकतंत्र की जननी है. बिहार निरंतर विकास के नित नए मापदंड स्थापित कर देश की प्रगति में अपना योगदान देता रहेगा.

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