बिहार के 'सुशासन बाबू' नीतीश कुमार, सरकारें बदलने की कला में हैं माहिर

By भाषा | Updated: August 9, 2022 21:22 IST2022-08-09T21:22:48+5:302022-08-09T21:22:48+5:30

रिकॉर्ड आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार (71) ने अपना सफर बिहार विद्युत बोर्ड में एक इंजीनियर के रूप में शुरु किया था और बाद में वह समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया के तहत राजनीति में शामिल हो गए।

Bihar CM Nitish Kumar have talent to change Governments | बिहार के 'सुशासन बाबू' नीतीश कुमार, सरकारें बदलने की कला में हैं माहिर

बिहार के 'सुशासन बाबू' नीतीश कुमार, सरकारें बदलने की कला में हैं माहिर

Highlightsआठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं नीतीश कुमारनीतीश समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया के तहत राजनीति में शामिल हुए1970 के दशक में जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में भाग लिया

पटना:बिहार के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम के साथ ही नीतीश कुमार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह सरकारें बदलने की कला में माहिर हैं। बिहार का मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम, कुछ लोगों के लिए 2017 में हुई घटनाओं का पुन: पलटना है। उन्होंने 2017 में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीत महागठबंधन को छोड़ दिया था और फिर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत गठबंधन में शामिल हो गए थे। 

कई लोगों के लिए यह महाराष्ट्र में हुई घटनाओं का दोहराव है जहां शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा सरकार को हटाकर भाजपा ने शिवसेना से बगावत करने वाले विधायकों के साथ सरकार बना ली। मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ एशियन स्टडीज के पूर्व प्रोफेसर व राजनीति विज्ञान के जाने माने विशेषज्ञ रणबीर समद्दर ने कहा, "बिहार महाराष्ट्र के सिक्के का दूसरा पहलू बन गया है।" 

धर्मनिरपेक्ष समाजवादी मंच को छोड़ कर दक्षिणपंथी पार्टी के साथ जाने और बाद में उसे भी छोड़ कर वापस आने जैसे कदमों से नीतीश कुमार की सुशासन वाले व्यक्ति के रूप में छवि भले ही प्रभावित हुई हो लेकिन असंभव को संभव करने की उनकी राजनीतिक क्षमता निश्चित रूप से कम नहीं हुई है। 

सीपीआईएमएल (एल) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, "अगर वह अपने नए कदम के साथ उस गति को कायम रखते हैं... तो बिहार में 2024 का आम चुनाव भाजपा के लिए संघर्ष का वास्तविक मैदान साबित होगा, जहां 40 महत्वपूर्ण सीटें हैं।’’ 

रिकॉर्ड आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार (71) ने अपना सफर बिहार विद्युत बोर्ड में एक इंजीनियर के रूप में शुरु किया था और बाद में वह समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया के तहत राजनीति में शामिल हो गए और 1970 के दशक में जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में भाग लिया। समाजवादी पार्टी के कई विभाजन और विलय के बाद, नीतीश कुमार ने जनता दल (यूनाइटेड) का गठन किया। 

जद (यू) - भाजपा गठबंधन ने बिहार में समाजवादी लालू प्रसाद के राजद के लंबे शासन को समाप्त करने की कोशिश की और मार्च 2000 में, नीतीश कुमार पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। लेकिन उनकी सरकार अल्पकालिक थी क्योंकि राजग के पास पर्याप्त संख्या नहीं थी। 

कुमार बाद में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में शामिल हुए और रेल मंत्री के रूप में अच्छे प्रशासक साबित हुए। उन्होंने अन्य पहलों के साथ कम्प्युटरीकृत रेलवे आरक्षण की शुरुआत की। पिछड़े कुर्मी समुदाय से आने वाले कुमार को 2005 में फिर से मुख्यमंत्री चुना गया और इस बार उनके पास सरकार में बने रहने के लिए पर्याप्त संख्या थी। 

‘सुशासन बाबू’ के रूप में मशहूर कुमार ने पिछड़े राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार किया। उन्होंने राज्य के बुनियादी ढांचे और शैक्षणिक संस्थानों में भी सुधार किया। राजग के मुख्यमंत्री के रूप में तीन कार्यकाल के बाद, कुमार ने भाजपा का साथ छोड़ दिया और 2015 में अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद की पार्टी राजद और कांग्रेस से हाथ मिला लिया। 

हालांकि यह गठबंधन 2017 तक चला और वह महागठबंधन को छोड़कर वापस राजग में शामिल हो गए। जाहिर सी बात है कि अब पुरानी कहानी फिर से दोहराई जा रही है।

Web Title: Bihar CM Nitish Kumar have talent to change Governments

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे