Bihar: सीएम नीतीश कुमार बने रहेंगे सत्ता की धुरी, बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए हो या महागठबंधन सभी नीतीश के साथ के लिए लालायित

By एस पी सिन्हा | Updated: March 23, 2025 15:02 IST2025-03-23T15:01:05+5:302025-03-23T15:02:10+5:30

Bihar:  ऐसे में सियासत के जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जब भी दबाव बनाया गया है, उन्होंने उतना ही बेहतरीन प्रदर्शन किया है।

Bihar Chief Minister Nitish Kumar will remain the pivot of power whether it is NDA or Mahagathbandhan everyone is eager to be with Nitish Kumar | Bihar: सीएम नीतीश कुमार बने रहेंगे सत्ता की धुरी, बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए हो या महागठबंधन सभी नीतीश के साथ के लिए लालायित

Bihar: सीएम नीतीश कुमार बने रहेंगे सत्ता की धुरी, बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए हो या महागठबंधन सभी नीतीश के साथ के लिए लालायित

Bihar: बिहार में इस साल के अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी सियासी दलों ने अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दी है। सत्तापक्ष और विपक्ष की ओर से सियासी तीर छोडे जाने लगे हैं। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मानसिक स्थिति पर पर भी विपक्ष के द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं। बावजूद इसके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजद अभी भी अपने पाले में लाने की लालसा रखती है।

हालांकि वर्तमान सियासी हालात में इस बार विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच होना तय माना जा रहा है। लेकिन यह सब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अगले कदम को लेकर भी संशय बरकरार रहता है।

बता दें कि इस वक्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भाजपा और लोजपा(रा) प्रमुख चिराग पासवान के अलावा हम के संयोजक जीतन राम मांझी एवं रालोमो प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा का समर्थन मिला हुआ है। उधर, तेजस्वी यादव अघोषित रूप से महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं।

इसमें राजद और कांग्रेस के अलावा वामदल और मुकेश सहनी की वीआईपी शामिल है। इस बीच जानकारों का मानना है कि 20 साल सत्ता में रहने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एंटी इनकंबेंसी का सामना करना पड सकता है। लेकिन महागठबंधन के प्रमुख सहयोगी राजद के शासनकाल को लेकर अभी लोग सिहर उठते हैं। यही कारण है कि एनडीए की ओर से हमेशा राजद के शासनकाल की चर्चा की जाती है। ऐसे में सियासत के जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जब भी दबाव बनाया गया है, उन्होंने उतना ही बेहतरीन प्रदर्शन किया है।

ऐसे में यह कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सत्ता की धुरी बने हुए हैं। इसका कारण यह है कि उनके दामन पर अभी तक कोई दाग नही है। इसके साथ ही अति पिछड़ों और महिलाओं का वोट उनके पक्ष में आता रहा है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद को सत्ता से बेदखल कर बिहार से जंगलराज खत्म किया और 'सुशासनबाबू' कहलाए।

इस तरह उनके शासनकाल में हुए बदलाव के बाद जनता का विश्वास उन पर ज्यादा हो गया है। यही कारण है कि नीतीश कुमार जिधर जाते हैं सत्ता की पलडा वहीं भारी हो जाता है। बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार' को उखाड़ फेंकने के लिए स्व. शरद यादव, स्व. रामविलास पासवान से लेकर लालू यादव और तेजस्वी यादव अपनी पूरी ताकत आजमा चुके हैं।

इतना ही नहीं नरेंद्र मोदी और अमित शाह की अगुवाई में भाजपा ने नीतीश कुमार को सत्ता से बाहर करने का जोर लगाकर देख लिया है। चिराग पासवान भी नीतीश कुमार को हिलाने में नाकाम रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भी नीतीश कुमार की सियासी ताकत देखने को मिली। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ही नीतीश कुमार ने एनडीए में वापसी की थी। इससे विरोधियों ने उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बढ़ती उम्र को निशाना बनाया गया। तमाम लोगों ने नीतीश कुमार के सफलता को लेकर संदेह जताया था। लेकिन मुख्यमंत्री बड़ी ही खामोशी अपनी रणनीति पर काम करते रहे। अंत में जो रिजल्ट आया, उसने सभी को चौंका दिया। लोकसभा चुनाव के बाद हुए उपचुनावों में भी मुख्यमंत्री का जलवा देखने को मिला।

ऐसे में भले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य से लेकर उनकी गतिविधियों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हों, अभी तक का गुणा भाग को देखते हुए नीतीश कुमार को सत्ता की धुरी से अलग नहीं किया जा रहा है। जानकार भी मानते हैं कि लाख परिस्थिति बदले लेकिन जनता का विश्वास अभी भी नीतीश कुमार पर देखा जा रहा है।

Web Title: Bihar Chief Minister Nitish Kumar will remain the pivot of power whether it is NDA or Mahagathbandhan everyone is eager to be with Nitish Kumar

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