बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे बचपन में पिता को चाहते थे मारना, किया खुलासा
By एस पी सिन्हा | Updated: October 17, 2022 16:21 IST2022-10-17T16:21:22+5:302022-10-17T16:21:22+5:30
आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे ने अपनी किताब के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पारिवारिक परिस्थितियां की वजह से एक बार वह गुस्से में अपने पिता की हत्या कर देने की सोचने लगे थे।

बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे बचपन में पिता को चाहते थे मारना, किया खुलासा
पटना: महाराष्ट्र के अकोला निवासी व बिहार कैडर के चर्चित आईपीएस अधिकारी डीआईजी शिवदीप वामनराव लांडे ने यह जता कर सबको हैरान कर दिया है कि बचपन में वह अपने पिता की हत्या करने की बात सोच रहे थे। इसकी तैयारी भी उन्होंने कर ली थी।
दरअसल, उनके द्वारा लिखी गई किताब ‘वूमेन बिहाइंड द लायन’ के दूसरे संस्करण के विमोचन किया गया। इस मौके पर उन्होंने अपनी किताब के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पारिवारिक परिस्थितियां की वजह से एक बार वह गुस्से में अपने पिता की हत्या कर देने की सोचने लगे थे।
उल्लेखनीय है कि अपने गृह राज्य महाराष्ट्र में कुछ दिनों तक के सेवा देने के बाद शिवदीप वामनराव लांडे एक बार फिर से बिहार में योगदान करने लौटे तो उन्हें डीआईजी बनाया गया है।
उन्होंने महाराष्ट्र में बतौर पुलिस अधिकारी काफी अच्छे काम किए हैं। लांडे ने अपने निजी जीवन को लेकर एक के बाद एक कई खुलासे किए हैं। इस किताब में शिवदीप लांडे ने अपनी बचपन से लेकर अभी तक की सभी कहानियों का उल्लेख शत प्रतिशत किया है। मीडिया से मुखातिब होते हुए शिवदीप लांडे ने अपने निजी जीवन और बचपन की परिस्थितियों के बारे में ढेर सारी बातें साझा की।
उन्होंने कहा कि बचपन में उनके परिवार की जो स्थिति थी वह बेहद गुस्से में आ जाते थे। इतना ही नहीं एक बार तो उन्होंने अपने पिता की हत्या कर देने तक की बात सोच डाली थी।
लांडे ने बेहद साफगोई के साथ कबूल किया कि उनके पिता सरकारी कर्मी थे, लेकिन नशे के आदी थे ड्रग एडिक्ट होने की वजह से परिवार की स्थिति खराब थी। पिता की नौकरी छूट जाने के बाद परिवार के हालात बिगड़ते चले गए। ऐसे में उनको(लांडे) और उनके परिवार को मां ने हीं संभाला। लांडे और उनके भाई के साथ साथ वाहनों के लिए उनकी मां एक मिसाल है।
उन्होंने कहा कि अपनी मां से प्रेरित होकर उन्होंने न केवल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की बल्कि आईपीएस बन कर आज देश की सेवा कर रहे हैं। लांडे ने अपनी पुस्तक को मां को समर्पित की है। ‘वूमेन बिहाइंड द लायन’ में ढेर सारी बातें साझा की है। शिवदीप लांडे ने कहा कि मां ने परिवार को संभाला और अपने दोनों बेटों को बेटियों को संभल साहस धैर्य अनुशासन का पाठ पढ़ाया।