मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल भेजे गए बिहार कैडर के IAS अधिकारी संजीव हंस को बिहार सरकार ने किया निलंबित
By एस पी सिन्हा | Updated: January 6, 2025 15:59 IST2025-01-06T15:59:47+5:302025-01-06T15:59:47+5:30
जीव हंस फिलहाल जेल में बंद हैं। आय से अधिक संपत्ति और पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के जरिए अकूत संपत्ति बनाने का उन पर आरोप लगा है। ईडी मामले की जांच कर रही है।

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल भेजे गए बिहार कैडर के IAS अधिकारी संजीव हंस को बिहार सरकार ने किया निलंबित
पटना: ईडी के द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस को निलंबित कर दिया गया है। केंद्रीय कार्मिक विभाग से अनुमति मिलने के बाद बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। बता दें कि भ्रष्टाचार के मामले में घिरे आईएएस अधिकारी संजीव हंस को करीब 6 महीने पहले नीतीश सरकार ने पद से मुक्त कर दिया था। संजीव हंस फिलहाल जेल में बंद हैं। आय से अधिक संपत्ति और पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के जरिए अकूत संपत्ति बनाने का उन पर आरोप लगा है। ईडी मामले की जांच कर रही है।
बता दें कि ईडी ने पिछले महीने ही आईएएस संजीव हंस से जुड़े मामले में दो हजार पेज की सप्लीमेंट्री चार्जशीट कोर्ट में दायर की थी। इसमें राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव समेत अन्य कई लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। इस चार्जशीट में बताया गया है कि साल 2018 से लेकर 2023 तक बिहार और केंद्र में विभिन्न पदों पर रहते हुए संजीव हंस ने भ्रष्ट आचरण से जमकर काली कमाई की।
उल्लेखनीय है कि संजीव हंस और उनके करीबियों से जुड़े ठिकानों पर जांच एजेंसी पटना, दिल्ली समेत अन्य शहरों में छापेमारी कर चुकी है। इसके अलावा उनकी पत्नी से भी पूछताछ की गई है। संजीव हंस और गुलाब यादव को ईडी ने 18 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था, तब से दोनों जेल में बंद हैं। इसके बाद अब केंद्रीय कार्मिक विभाग ने इन्हें निलंबित करने की अनुमति प्रदान कर दी।
6 महीने पहले संजीव हंस ऊर्जा विभाग में प्रधान सचिव के पद पर तैनात थे और बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के एमडी की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे। सरकार ने उन्हें सभी पदों से हटा दिया था। अब उनके निलंबन की कार्रवाई की गई है।