Bihar Bridge Collapse: क्या से क्या हो गए देखते-देखते..., 10 दिन और 6 पुल, अररिया, सीवान, मोतिहारी, किशनगंज, मधुबनी के बाद किशनगंज, नीतीश जी जरा देखिए!
By एस पी सिन्हा | Updated: June 29, 2024 16:05 IST2024-06-29T16:04:46+5:302024-06-29T16:05:17+5:30
Bihar Bridge Collapse: जांच अधिकारी बाढ़ का कसूर बताकर निर्माण कार्य में हुए भ्रष्टाचार के पाप को छिपा रहे हैं और सरकार की करोड़ों रुपये पानी में बह गए।

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Bihar Bridge Collapse: बिहार में पुल ऐसे भरभराकर गिर रहे हैं, जैसे पतझड़ में पेड़ों से पत्ते टूट कर गिरते हैं। पहले अररिया, सीवान, मोतिहारी, किशनगंज, मधुबनी और अब फिर से किशनगंज में एक और पुल धरासाई हो गया। इसतरह बिहार में पिछले 10 दिनों 6 पुल धारासाई हो गए। शनिवार को किशनगंज में दिघलबैंक प्रखंड के बांसबाड़ी गांव के पास कनकई नदी की शाखा पर बना पुल जमींदोज हो गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस पुल का निर्माण बिहार ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कराया गया था। यह पुल काफी महत्वपूर्ण इसलिए बताया जाता है कि जिले के तीन प्रखंड ठाकुरगंज बहादुरगंज और दिघलबैंक को आपस में जोड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि इस पुल का उद्घाटन वर्ष 2016 के अंत में किया गया था और अगस्त 2017 में इस पुल का एक पिलर पानी के साथ बह गया था।
बाद में जांच अधिकारी बाढ़ का कसूर बताकर निर्माण कार्य में हुए भ्रष्टाचार के पाप को छिपा रहे हैं और सरकार की करोड़ों रुपये पानी में बह गए। ग्रामीणों का आरोप है कि इस पुल निर्माण में ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों ने जमकर भ्रष्टाचार किया और घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया है।
इससे पहले मधुबनी से एक निर्माणाधीन पुल का गार्डर गिरने की खबर सामने आई थी। घटना मधेपुर प्रखंड अंतर्गत भेजा थाना के ललवा रहीटोला गांव की है। यहां भुतही नदी पर करीब तीन करोड़ की लागत से बन रहे पुल का निर्माण चार वर्षों से हो रहा है। कुल 75 मीटर लंबी निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा 25 मीटर लंबा बीम धराशाई हो गई।
पुल गिरने की बात को लोगों की नजरों से छिपाने के लिए काली पॉलीथीन से ढ़क दिया गया। बताया जा रहा है कि नदी में जलस्तर बढ़ने से निर्माणाधीन पुल का बीम गिरा है। ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा वर्ष 2021 से पुल का निर्माण कराया जा रहा है। इसतरह बिहार में पुलों के गिरने का क्रम लगातार जारी है।