Bihar Bridge Collapse: 15 दिन में 7वीं, 12 घंटे में 3, गंडक नदी पर बने पुल का हिस्सा ढहा
By एस पी सिन्हा | Updated: July 3, 2024 14:25 IST2024-07-03T14:20:58+5:302024-07-03T14:25:12+5:30
Bihar Bridge Collapse: देवरिया ब्लॉक में स्थित यह छोटा पुल कई गांवों को महाराजगंज से जोड़ता है।

photo-lokmat
Bihar Bridge Collapse: बिहार में मानसून के दस्तक के साथ ही एक के बाद एक पुल या तो धराशायी हो रहे हैं। लगातार पुल गिरने की घटनाओं को लेकर जहां विपक्षी दल सरकार पर हमलावर बने हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ सरकार ने पुलों के गिरने की जांच कराने के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया है। इस बीच बिहार में तीन पुलों ने 12 घंटे के अंदर जल समाधि ले ली। कुछ दिन पहले भी यहां पुल गंडक नहर में समा गया था। वहीं बुधवार को सीवान के महराजगंज में एक ही दिन में अचानक तीन पुल टूट गए। गंडक नदी पर बने 2 पुल और धमही नदी पर बना एक पुल टूट गया।
गंडकी नदी पर बने पुल का एक हिस्सा बुधवार सुबह ढह गया। यह पिछले 15 दिन में राज्य में ऐसी सातवीं घटना है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पुल के नीचे से विभाग द्वारा ज्यादा मिट्टी के कटाव करने से हादसा हुआ है। गनीमत रही की पुल टूटने के दौरान कोई उसके चपेट में नहीं आया है। वहीं, वरिया पंचायत के पडाइन टोला और सिकंदरपुर नौतन के बीच गंडक नदी का पुल टूट गया। जबकि तेघड़ा पंचायत और तेवथा पंचायत के बीच धमही नदी का पुल टूटा है। बता दें कि 22 जून को इसी गंडक नहर पर अहले सुबह पटेढ़ा बाजार और रामगढ़ा पंचायत के बीच बना पुल ताश की पत्तों की तरह ढह गया था।
वहीं दूसरी घटना बिहार के सीतामढ़ी का है, जहां पुरन्दाहा राजबाड़ा से दलकावा नरकटिया इंदरवा आने वाले मुख्य सड़क में दुर्गा मंदिर के समीप अधवारा समूह के बांके नदी में बने पुल का बीच का पाया पानी के तेज बहाव के चलते गिर गया। बता दें कि पिछले 13 दिनों में बिहार में 10 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। 18 जून को अररिया में निर्माणाधीन पुल गिरा था।
सीवान में 22 जून को पुल गिरने का मामला सामने आया। 23 जून को मोतिहारी में पुल गिरा। किशनगंज में 27 जून को पुल गिरने की घटना सामने आई। वहीं, 28 जून को मधुबनी में भी पुल गिरने की घटना सामने आई। जबकि 30 जून को किशनगंज में ठाकुरगंज के पथरिया पंचायत स्थित खोशी डांगी गांव में स्थित एक पुल का पिलर ध्वस्त हो गया।
जिसके बाद आज यानी 3 जुलाई को सिवान में तीन और पुल नदी में समा गया तो वहीं सीतामढ़ी में पुल का पाया बह गया। उन्होंने बताया कि ब्लॉक के वरिष्ठ अधिकारी पहले ही घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘देवरिया ब्लॉक में आज सुबह पुल का एक हिस्सा गिर गया। इस घटना का सही कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है।
ब्लॉक के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और मैं भी वहां जा रहा हूं।’’ कुमार ने कहा, ‘‘यह घटना तड़के करीब पांच बजे हुई। शुरुआती जानकारी के अनुसार, पुल का निर्माण 1982-83 में हुआ था। पिछले कुछ दिनों से पुल की मरम्मत का काम जारी था।’’ ग्रामीणों का कहना है कि पिछले दिनों में हुई भारी बारिश के कारण पुल ढह गया होगा।
उन्होंने कहा कि गंडकी नदी के उफान पर होने के कारण पुल की संरचना संभवत: कमजोर हो गई। इस घटना से मात्र 11 दिन पहले ही सिवान में एक पुल ढहा था। इन घटनाओं ने बिहार में बुनियादी ढांचे की स्थिति को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। दरौंदा इलाके में 22 जून को पुल का एक हिस्सा ढह गया था। हाल में मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज जैसे जिलों में भी ऐसी ही घटनाएं हुई हैं, जिसके बाद बिहार सरकार ने इन घटनाओं की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है।


