बिहार भाजपा अध्यक्ष और सांसद संजय जायसवाल ने राहुल गांधी को भगवद्गीता की एक प्रति भेजी, कहा-वह गीता पाठ कर हिंदुत्व को समझें
By एस पी सिन्हा | Updated: November 14, 2021 19:49 IST2021-11-14T19:47:55+5:302021-11-14T19:49:30+5:30
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की एक किताब में विवादास्पद टिप्पणियों के समर्थन में राहुल के दिए गए बयानों के माध्यम से उनपर हिंदुत्व की समझ की कमी का आरोप लगाया.

राहुल गांधी ने किताब में टिप्पणियों को लेकर विवादों में घिरे पार्टी सहयोगी खुर्शीद का बचाव किया था.
पटनाः बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने आज कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी को भागवत गीता भेजी है. उन्होंने शनिवार को ही इसका ऐलान किया था. प्रदेश अध्यक्ष ने आज मीडिया के सामने राहुल गांधी के लिए गीता भेजने की जानकारी साझा की.
इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी के ऊपर जोरदार तंज भी कसते हुए कहा कि वह गीता पाठ कर के हिंदुत्व को समझें, जिससे झूठ बोलने की आदत छूटेगी. उन्होंने कहा कि मैं राहुल गांधी को गीता की प्रति भेंट कर रहा हूं, जिससे वो हिंदुत्व और हिंदू धर्म को सीख सकें. जो अपने आप को हिंदू कहता है, हम उसे हिंदू मानते हैं, भले ही उनके माता-पिता पारसी हों या इसाई हो. जायसवाल ने कहा कि मैं राहुल गांधी को भागवत गीता इसलिए दे रहा हूं ताकि उन्हें कुछ ज्ञान आ जाए.
उन्होंने कहा कि कभी कभी झूठ और दुष्प्रचार में आकंठ डूबे लोगों को सत्य का ज्ञान देना जरूरी हो जाता है. राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस जिस तरह से हिंदुत्व पर हमले कर रही है. वैसी परिस्थिति में उन्हें हिंदुत्व का ज्ञान देना जरूरी हो जाता है. हम जानते हैं कि राहुल जी देश के सबसे बडे भ्रमित नेता हैं.
इसीलिए इतने दिनों तक देश में राजनीति करने और मंदिर-मंदिर घुमने के बावजूद उन्हें हिंदुत्व का रत्ती भर भी ज्ञान नहीं हो पाया है. उनका भ्रम दूर करने और उनकी झूठ व दुष्प्रचार की आदत छूटे, इसीलिए हम आज उन्हें गीता की प्रति भेंट स्वरूप पोस्ट कर रहे हैं.
डॉ. जायसवाल ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है, जब राहुल ने हिन्दू धर्म की गरिमा गिराने का प्रयास किया है. दिसंबर, 2010 में विकीलीक्स ने राहुल गांधी की अमेरिकी राजदूत टिमोथी रोमर से 20 जुलाई, 2009 को हुई बातचीत का एक खुलासा किया था, जिसमें राहुल गांधी ने तत्कालीन अमेरिकी राजदूत से कहा था कि भारत को आतंकियों से अधिक ख़तरा देश के हिंदुओं से है.
राहुल गांधी ने जर्मनी में भी हिंदू संस्कृति का अपमान किया था और कहा था कि भारत में महिलाओं के खिलाफ जो अत्याचार होते हैं, उसकी वजह भारतीय संस्कृति है. इतना ही नहीं, राहुल गांधी ने हिंदू धर्म का अपमान करते हुए बोला था कि मंदिर जाने वाले लोग लफंगे होते हैं और महिलाओं को छेड़ते हैं. उनके इस तरह के बयान हिन्दुओं के खिलाफ कांग्रेस पार्टी की बुनियादी सोच को दर्शाते हैं.
उन्होंने कहा कि राहुल ने अपने बयान में उपनिषदों को पढ़ने का दावा किया है. उनके इस दावे में कितनी सच्चाई है यह लोग अच्छे से समझ सकते हैं, लेकिन उनके बयान से यह स्पष्ट है कि उन्हें उपनिषदों का एक भी वाक्य समझ में नहीं आया है. इसके अतिरिक्त इस बात की भी प्रबल संभावना है कि उन्होंने उपनिषदों को इटालियन में पढने की कोशिश की हो.
राहुल जी को हमारी सलाह है कि यदि वह सही में हिंदुत्व को समझना चाहते हैं तो हमारी भेजी हुई गीता का अध्ययन जरुर करें. उन्होंने कहा कि राहुल पहले भी ऊल-जुलूल और झूठे बयान देकर यह जाहिर कर चुके हैं कि वह दुष्प्रचार के सुपरस्टार हैं, लेकिन हिंदुत्व और हिन्दुइज्म को अलग-अलग बता कर उन्होंने मूढ़ता की सारी सीमाओं को लांघ दिया है.
एक पांच साल का बच्चा भी यह जानता है कि हिंदुत्व और हिन्दुइज्म में कोई फर्क नहीं होता. इनमें केवल भाषा का अंतर है जैसा भारत और इंडिया में है. लेकिन धान और गेहूं में भी अंतर न जानने वाले राहुल गांधी ने इसमें भी फर्क खोज कर अपनी ‘बुद्धिमानी’ का ही परिचय दिया है. अब डर इस बात का है कि कहीं वह कल को दिवाली और दीपावली को भी अलग-अलग न बताने लगे. सांसद ने कहा कि ने कहा कि राहुल गांधी पहले ऐसे ब्राह्मण हैं जो बिना उपनयन संस्कार के जनेऊ धारी पंडित हो गए हैं.