आपके अधिकारी गाली-गलौच कर बिहारी अस्मिता को चुनौती और बिहारियों का अपमान कर रहे हैं, सम्राट चौधरी ने सीएम नीतीश पर साधा निशाना
By एस पी सिन्हा | Updated: February 15, 2023 19:24 IST2023-02-15T19:22:28+5:302023-02-15T19:24:46+5:30
सम्राट चौधरी ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाने की नीयत से सरकारी कर्मियों को सोशल मीडिया यूज करने से रोकने का आपका प्रयास आपकी तानाशाही मनोवृति को ही दर्शाता है।

बिहार पूरी तरह से प्रशासनिक अराजकता के दौर में है।
पटनाः बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि आपके अधिकारी गाली-गलौच कर बिहारी अस्मिता को चुनौती और बिहारियों का अपमान कर रहे हैं। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के बीच गाली-गलौच व दुर्व्यवहार के आरोपों से यह साफ है कि बिहार पूरी तरह से प्रशासनिक अराजकता के दौर में है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी बिहार आपकी तानाशाही से नहीं, रूल्स ऑफ लॉ से चलेगा। सम्राट चौधरी ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाने की नीयत से सरकारी कर्मियों को सोशल मीडिया यूज करने से रोकने का आपका प्रयास आपकी तानाशाही मनोवृति को ही दर्शाता है। बिहार के अधिकारी अगर बेलगाम हुए हैं तो इसके लिए आपकी दूषित राजनीतिक व सत्ता की महत्वाकांक्षा जिम्मेवार है।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों की अनुशासनहीनता का निदान सोशल मीडिया का नियमन नहीं हो सकता है। बिहारियों को खुलेआम भद्दी गालियां देने वाले एक आईएएस अधिकारी पर आपने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। कार्रवाई करने की आपमें हिम्मत भी नहीं है, क्योंकि आपका इकबाल खत्म हो चुका है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी आपका पूरा ब्यूरोक्रेसी राजनीतिक निष्ठा के दो पाटों में बंट चुका है। अधिकारियों के एक बड़े हिस्से का सीएम तेजस्वी यादव है। आपने राजद के साथ जिन समझौते के तहत अपनी कुर्सी बचाई है, उसकी कीमत बिहार की जनता अपराध, भ्रष्टाचार को झेल कर चुका रही है।
आपकी राजनीतिक अस्थिरता की कोख से ही प्रशासनिक अराजकता का जन्म हुआ है। अफसरों की अनुशासनहीनता उसी की देन है। चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी जिस ब्यूरोक्रेसी का उपयोग आपने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए किया, वही आज आपके लिए भष्मासुर साबित हो रहा है तो इसके जिम्मेवार भी आप ही हैं।
आपका राजनीतिक अवसान निकट है। बिहार की जनता जब इंदिरा गांधी जैसी तानाशाह को उखाड़ फेंकने में कोई कोताही नहीं की तो वह आपको भी बख्शने वाली नहीं है। आपके तिकड़म की राजनीति का दिन पूरा हो चुका है।