Bihar Bettiah Raj: 15358 एकड़ और 7960 करोड़ की जमीन पर नीतीश सरकार की नजर?, यूपी के गोरखपुर, बस्ती, महाराजगंज, बनारस, इलाहाबाद, कुशीनगर और मिर्जापुर, जानें सबकुछ

By एस पी सिन्हा | Updated: November 26, 2024 17:11 IST2024-11-26T17:08:52+5:302024-11-26T17:11:26+5:30

Bihar Bettiah Raj: यूपी के गोरखपुर, बस्ती, महाराजगंज, बनारस, इलाहाबाद, कुशीनगर और मिर्जापुर में बेतिया राज जमीनें हैं। इन जमीनों पर बड़े स्तर पर भू माफियाओं और अतिक्रमणकारियों का कब्जा है।

Bihar Bettiah Raj Property Nitish government eye 15358 acres land worth Rs 7960 crore UP's Gorakhpur, Basti, Maharajganj, Banaras, Allahabad, Kushinagar Mirzapur | Bihar Bettiah Raj: 15358 एकड़ और 7960 करोड़ की जमीन पर नीतीश सरकार की नजर?, यूपी के गोरखपुर, बस्ती, महाराजगंज, बनारस, इलाहाबाद, कुशीनगर और मिर्जापुर, जानें सबकुछ

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Highlightsबिल पास होने पर ऐसे लोगों से जमीन मुक्ति कराने में राज्य सरकार सफल होगी।अंग्रेजों ने उनकी जमीनों को ‘कोर्ट ऑफ वार्ड्स’ के तहत लाया।भू माफियाओं और अतिक्रमणकारियों की मदद से कब्जा कर लिया।

पटनाः बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डा. दिलीप जायसवाल ने मंगलवार को विधानसभा में एक विधेयक पेशकर यह ऐलान किया कि बेतिया राज की 15 हजार एकड़ से ज्यादा भूमि पर अब बिहार सरकार का कब्जा होगा। उन्होंने कहा कि बेतिया राज की संपत्ति में यूपी और बिहार में 15 हजार 358 एकड़ 60 डिसमिल 133 वर्ग कड़ी जमीन है। यूपी के गोरखपुर, बस्ती, महाराजगंज, बनारस, इलाहाबाद, कुशीनगर और मिर्जापुर में बेतिया राज जमीनें हैं। इन जमीनों पर बड़े स्तर पर भू माफियाओं और अतिक्रमणकारियों का कब्जा है। कीमत लगभग 7960 करोड़ रुपये हैं।

 

अब बिल पास होने पर ऐसे लोगों से जमीन मुक्ति कराने में राज्य सरकार सफल होगी। दिलीप जायसवाल ने कहा कि वर्तमान में इस संपत्ति का प्रबंधन बिहार सरकार के राजस्व बोर्ड के ‘कोर्ट ऑफ वार्ड्स’ द्वारा किया जाता है। यह अंग्रेजों के समय से हो रहा है। बेतिया राज की अंतिम रानी को कोई संतान नहीं थी, जिसके बाद अंग्रेजों ने उनकी जमीनों को ‘कोर्ट ऑफ वार्ड्स’ के तहत लाया।

लेकिन बाद में वर्षों में बड़े स्तर पर कई लोगों ने जमीनों पर बड़े स्तर पर भू माफियाओं और अतिक्रमणकारियों की मदद से कब्जा कर लिया। ऐसी जमीनों को अब बिहार सरकार मुक्त कराने के लिए यह बिल लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बिल के पास होने के बाद जिन लोगों ने भी बेतिया राज की जमीनों पर अपने कब्जे को लेकर कोर्ट में केस दायर कर रखा है, वे मामले भी स्वतः खत्म हो जाएंगे।

बेतिया राज की जमीनों को लेकर कोई भी मामला अब कोर्ट में नहीं जा पायेगा। भू माफियाओं और अतिक्रमणकारियों से जमीनों को मुक्त कराकर उस पर मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज के साथ-साथ कई और बिल्डिंग बनाई जाएगी। बेतिया राज की जमीनों पर जो रिहायशी बसावट वाले क्षेत्र हैं उनके लिए राहत भरा ऐलान करते हुए जायसवाल ने कहा कि उन्हें अपने दावे को पेश करने के लिए समाहर्ता अधिकारी की सुनवाई में जाना होगा। यह दो महीने के भीतर हो जायेगा। वहीं पूरी प्रक्रिया को राजस्व पर्षद द्वारा निपटाया जायेगा।

राजस्व पर्षद के प्रमुख केके पाठक भी मामलों को देखेंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले साल 13 दिसंबर तक राजस्व बोर्ड द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, पश्चिमी चंपारण जिले में ‘बेतिया एस्टेट’ की कुल भूमि में से 6,505 एकड़ (लगभग 66 प्रतिशत) पर अतिक्रमण किया गया है। दूसरी ओर, पूर्वी चंपारण में 3,219 एकड़ या लगभग 60 प्रतिशत भूमि पर अतिक्रमण हुआ है।

आरक्षण के मुद्दे पर बिहार विधानसभा में हुआ जमकर हंगामा, विपक्ष ने किया सदन से वॉकआउट 

बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आज दूसरे सदन में आरक्षण के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। इस हंगामे के बीच विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। दरअसल, सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विधानसभा में आरक्षण का मुद्दा उठाया। इसको लेकर सत्तापक्ष से उनकी तीखी बहस हो गई।

विपक्ष के सदस्य ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने ही हंगामा करने लगे। उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने सदस्यों को समझाया,  लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। विपक्ष के विधायकों ने बेल में आकर हंगामा करना शुरू कर दिया। इसके साथ ही विपक्ष के विधायक पोस्टर लेकर हंगामा करने लगे।

वहीं, विपक्षी विधायक के तरफ से पोस्टर लेकर सदन में हंगामा किए जाने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शल को आदेश दिया कि वह विधायकों के पास मौजूद पोस्टर ले लें। उसके बाद भी विपक्ष के विधायक हंगामा करने लगे और आखिरी में वह वॉक आउट कर गए। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें यह समझाते हुए कहा कि जो बात आप कर रहे हैं, इसको लेकर सर्वसम्मति से फैसला हुआ है।

उसके बाद यह मामला कोर्ट में पंहुचा और पहले सेशन में सरकार का जवाब भी आ गया है। इस बीच सदन में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और तेजस्वी यादव आमने-सामने हो गए। सम्राट चौधरी ने कहा कि आपकी सरकार में आरक्षण को लेकर फैसला नहीं लिया गया था। नीतीश जी की सरकार थी। इसपर तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘अभी आप जैसे हैं, उस वक्त हम भी वैसे ही थे।

इसपर सम्राट चौधरी बोले कि आपके माता-पिता 15 साल कुर्सी पर थे कितने आरक्षण दिए? उन्होंने कहा कि ‘आप गलतफहमी मत फैलाइए। 15 साल में एक भी व्यक्ति को आरक्षण नहीं दिया गया। किसी ओबीसी, ईवीसी को आरक्षण नहीं दिया। आज सभी वर्ग को आरक्षण दिया गया है। आप बेफिक्र रहिए। डबल इंजन की सरकार चल रही है।

तेजस्वी यहीं नहीं रुके उन्होंने सम्राट चौधरी को घेरते हुए पूछ लिया कि अभी किसकी सरकार है भाजपा की सरकार नहीं है क्या? तेजस्वी ने अपनी बातों पर जोड़ देते हुए कहा कि भाजपा की सरकार नहीं है क्या? जिस पर सम्राट चौधरी ने कहा कि हम लोग सहयोगी हैं। इसके बाद सम्राट चौधरी बैठ गए।

वहीं विजय सिन्हा खड़े होकर कहने लगे कि विपक्ष के लोग संविधान विरोधी लोग हैं। ये लोग किसी पार्टी के ऊपर बिना किसी साक्ष्य और सबूत के आरोप लगा रहे हैं। इस बीच बहस इतनी तीखी हो गई कि विपक्ष के नेता इस मुद्दे पर सदन से वॉकआउट कर गए। बाहर पत्रकारों से बातचीत में तेजस्वी यादव ने कहा कि सब संगत का असर है।

हम लोग उन्हें ठीक करते हों तो वापस वैसे ही हो जाते हैं। इस मुद्दे पर विधानसभा में तेजस्वी यादव ने कहा कि जब हम साथ में सरकार में थे तब हमने जातीय आधारित गणना कराई थी। यह जातीय आधारित गणना इसलिए कराई गई थी क्योंकि राज्य सरकार जनगणना नहीं करा सकती है।

इसलिए हमने सर्वे कराया था। उस सर्वे के आधार पर हम लोगों ने आरक्षण की सीमा 65 फीसदी करने का काम किया था। इसमें पिछड़े, अति पिछड़े और दलित और आदिवासी समाज के लोग शामिल थे। इसके अलावा इडब्लूएस 10 प्रतिशत को उसी तरह रखा गया।

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