बिहार विधानसभा दूसरा चरणः 32 फीसदी प्रत्याशी पर आपराधिक मामले, 1302 उम्मीदवारों में से 562 करोड़पति

By एस पी सिन्हा | Updated: November 6, 2025 15:25 IST2025-11-06T15:23:50+5:302025-11-06T15:25:09+5:30

Bihar Assembly second phase: रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने 14 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक करोड़पति उम्मीदवार उतारे हैं।

Bihar Assembly second phase 32% candidates criminal cases 562 out 1302 candidates are crorepatis | बिहार विधानसभा दूसरा चरणः 32 फीसदी प्रत्याशी पर आपराधिक मामले, 1302 उम्मीदवारों में से 562 करोड़पति

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Highlightsकरीब 32 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।48 फीसदी उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता स्नातक या उससे अधिक है।चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग के सामने जो हलफनामा दायर किया है।

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में मतदान समाप्त होने के साथ ही दूसरे चरण के लिए प्रचार की गति ने जोर पकड़ लिया है। दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होने वाली है। इस दूसरे चरण में कुल 1302 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें से 1297 उम्मीदवारों का विश्लेषण करने के बाद एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और बिहार इलेक्शन वॉच ने बताया 415 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस तरह दूसरे चरण में 43 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। साथ ही करीब 32 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

48 फीसदी उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता स्नातक या उससे अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार 562 प्रत्याशी करोड़पति हैं। इस चरण में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3.44 करोड़ रुपए है। इस बार 133 महिलाएं चुनाव लड़ रही हैं, जो कुल उम्मीदवारों का करीब 10 फीसदी है। चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग के सामने जो हलफनामा दायर किया है।

उसमें 19 ने बताया है कि वे हत्या जैसे संगीन आपराधिक मामले झेल रहे हैं। 79 ऐसे लोग चुनाव लड़ रहे हैं, जिन पर हत्या की कोशिश का आरोप है। महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित आरोप 52 उम्मीदवारों ने स्वीकार किए हैं। 52 में से 3 ने कहा है कि उन पर बलात्कार का केस चल रहा है। रिपोर्ट के अनुसार जन सुराज पार्टी के 117 उम्मीदवारों में 58 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।

बहुजन समाज पार्टी के 91 प्रत्याशियों में 17 पर आपराधिक केस दर्ज हैं। इसी तरह राजद के 70 में से 38 उम्मीदवारों पर आपराधिक केस दर्ज है। भाजपा के 53 में 30 उम्मीदवारों पर आपराधिक केस दर्ज है। जदयू के 44 में से 14 प्रत्याशी आपराधिक मुकदमें झेल रहे हैं। आम आदमी पार्टी के 39 में 12 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज है।

कांग्रेस के 37 में से 25 उम्मीदवारों पर आपराधिक केस दर्ज हैं। लोक जनशक्ति पार्टी(राम विलास) के 15 में 9 प्रत्याशी आपराधिक केस झेल रहे हैं। भाकपा- माले के 6 में से 5 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाकपा के 4 में से 2 उम्मीदवारों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। जबकि माकपा के एकमात्र उम्मीदवार ने अपने खिलाफ आपराधिक मामला घोषित किया है।

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के लिए कुल 2,616 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से कम से कम 2,600 के चुनावी हलफनामों  के विश्लेषण से पता चला कि कम से कम 838 उम्मीदवारों (32 फीसदी) ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं। लगभग हर तीन में से एक उम्मीदवार के खिलाफ मामले दर्ज हैं।

कम से कम 695 उम्मीदवार (27 फीसदी) हर चार में से एक गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, जैसे हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध और/या भ्रष्टाचार। गंभीर आरोपों का सामना कर रहे उम्मीदवारों में 52 पर हत्या और 165 पर हत्या की कोशिश के मामले दर्ज हैं।

जबकि 94 पर महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामले हैं, जिनमें से पांच पर बलात्कार का आरोप है। स्थिति और भी गंभीर है, क्योंकि कम से कम 67 प्रतिशत सीटों 243 में से 164 को रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र कहा गया है, जहां तीन या ज्यादा उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

अपनी रिपोर्ट में एडीआर ने बताया है कि बिहार विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के चयन में राजनीतिक दलों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का कोई असर नहीं पड़ा है, क्योंकि उन्होंने फिर से दोनों चरणों में से हर एक में आपराधिक मामलों वाले लगभग 32 प्रतिशत उम्मीदवारों को टिकट देने की अपनी पुरानी प्रथा को जारी रखा है।

विश्लेषण में यह भी बताया गया है कि बिहार चुनाव में भाग लेने वाले सभी प्रमुख दलों ने 20 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं, जिन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फरवरी 2020 के आदेश में राजनीतिक दलों को खासतौर से निर्देश दिया था कि वे इस तरह के चयन के कारण बताएं और बताएं कि आपराधिक बैकग्राउंड वाले दूसरे व्यक्तियों को उम्मीदवार के रूप में क्यों नहीं चुना जा सकता है।

एडीआर के अनुसार, 2,600 उम्मीदवारों में से, 1,081 उम्मीदवार (42 प्रतिशत) करोड़पति हैं, जिसका मतलब है कि हर पांच में से लगभग दो उम्मीदवारों के पास 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है। रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने 14 प्रतिशत से लेकर 100 प्रतिशत तक करोड़पति उम्मीदवार उतारे हैं।

उम्मीदवारों की औसत संपत्ति लगभग 3.35 करोड़ रुपए है, जो बिहार के चुनावी मैदान में धनबल को उजागर करता है। एडीआर की रिपोर्ट में बताया गया है कि दूसरे चरण के 445 (34 फीसदी) उम्मीदवारों की आयु 25 से 40 वर्ष के बीच है। 680 (52 फीसदी) उम्मीदवारों की आयु 41 से 60 के बीच बताई गयी है।

170 (13 प्रतिशत) उम्मीदवारों की आयु 61 से 80 वर्ष के बीच है। दो उम्मीदवारों ने अपनी आयु 80 वर्ष से अधिक घोषित की है। बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के दो चरण 6 नवंबर को 121 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हुआ। जबकि दूसरे चरण में 11 नवंबर को 122 सीटों के लिए मतदान होगा और उसके बाद 14 नवंबर को मतगणना होगी।

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