बिहार विधानसभा चुनावः कुल 243 सीट, जदयू 102, भाजपा 101, चिराग पासवान 20, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को 10-10 सीटें, एनडीए में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला सेट?
By एस पी सिन्हा | Updated: September 3, 2025 15:16 IST2025-09-03T14:54:27+5:302025-09-03T15:16:12+5:30
Bihar Assembly Elections: भाजपा और जदयू के अलावा चिराग पासवान की पार्टी, जीतन राम मांझी की पार्टी एवं उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी शामिल है।

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पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक देख सियासी दलों में सीट बंटवारे को लेकर मंथन का दौर तेज हो गया है। अभी तक जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार एनडीए में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला सेट हो गया है। लगभग-लगभग सीटें भी बंट गई हैं। बिहार एनडीए में सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला तो लगभग तय हो गया है। एनडीए में पांच दल हैं। जिसमें भाजपा और जदयू के अलावा चिराग पासवान की पार्टी, जीतन राम मांझी की पार्टी एवं उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी शामिल है। इन्हीं पांच दलों में सीटों का बंटवारा तय हो जाने की चर्चा है।
Bihar Assembly Elections: जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को 10-10 सीटें
सूत्रों के मुताबिक सबसे अधिक सीटों पर नीतीश कुमार की पार्टी जदयू लड़ेगी। बिहार की 243 सीटों में जदयू को 102 सीटें दी गई हैं। वहीं दूसरे नंबर पर भाजपा है। भाजपा इस बार 101 सीट पर चुनाव लड़ेगी। वहीं चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) को 20 सीटें दी गई हैं। इसके अलावा जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को 10-10 सीटें दी जाएंगी।
एक-दो सीटें आगे-पीछे हो सकती हैं। हालांकि इस आंकड़े को लेकर आधिकारिक रूप से कोई पुष्टि नहीं की गई है। सीटों के बंटवारे को लेकर बहुत जल्द घोषणा होगी यह भी तय है। ऐसे में माना जा रहा है कि बिहार में एनडीए गठबंधन की सीट शेयरिंग की तस्वीर अब साफ हो गई है। लेकिन कौन सी पार्टी कौन सी सीट पर लड़ेगी इसका मंथन आगे होगा।
Bihar Assembly Elections: चिराग पासवान के बहनोई और जमुई से सांसद अरुण भारती ने फंसा दी
बता दें कि जदयू को अधिक सीटें देकर यह बताने की कोशिश की गई है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही एनडीए चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। इस बीच एनडीए के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर एक नया पेच लोजपा(रा) प्रमुख चिराग पासवान के बहनोई और जमुई से सांसद अरुण भारती ने फंसा दी है।
अरुण भारती ने तर्क दिया है कि एनडीए के घटक के रूप में उनकी सीटों की संख्या 43 और 135 के बीच होनी चाहिए। कारण बताते हुए कहा कि 2015 में पार्टी ने एनडीए के साथ मिलकर 43 सीटों पर चुनाव लड़ा और 2020 में 137 सीटों पर चुनाव लड़ा। हाल के हालात में चिराग पासवान के नेतृत्व में 2000 से ज्यादा मजबूत हुई है।
Bihar Assembly Elections: लोजपा (आर) की 30 से 35 सीटें मिलनी भी चाहिए
दरअसल, लोजपा(आर) की स्थिति काफी मजबूत हुई है। गत लोकसभा चुनाव में 100 फीसदी स्ट्राइक रेट के साथ हाजीपुर, जमुई, समस्तीपुर, खगड़िया और वैशाली लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। ऐसे में लोकसभा की जीत का ही समीकरण तय किया जाए तो लोजपा (आर) की 30 से 35 सीटें मिलनी भी चाहिए।
लेकिन साथ ही इसके एनडीए के रणनीतिकारों को गठबंधन के साथी दलों को भी एडजस्ट करना है। इस लिहाज से जदयू, भाजपा और लोजपा(रा) को अपने सीटों की हद को कम कर अन्य साथी दल को एडजस्ट करने की रणनीति पर काम हो रहा है। ऐसे में लोजपा (आर) का अड़ जाना एनडीए की राजनीति को नुकसान पहुंचा जा सकता है।
Bihar Assembly Elections: मन पसंदीदा सीट को लेकर चिराग पासवान की बेचैनी बढ़ी
इधर लोजपा (आर) के लिए महागठबंधन में जाना और मनोनुकूल सीटों का मिलना भी मुश्किल है। ऐसे में सीट शेयरिंग का कौन सा फॉर्मूला निकल कर आता है, यह देखना अभी शेष है। लोजपा(आर) के सूत्रों की माने तो सीट एडजस्टमेंट के नाम पर चिराग पासवान कुछ खास पसंदीदा सीट को चाहते हैं। यह सीट उन खास नेताओं के लिए है जो उनके साथ अपनी विश्वसनीयता बनाए रखे हैं।
ऐसे में लोजपा (आर) के जिन कद्दावर नेताओं की मन पसंदीदा सीट को लेकर चिराग पासवान की बेचैनी बढ़ी हुई है। उनमें लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी, हुलास पांडेय, संजय पासवान, संजय सिंह, रईस खान, अयूब ख़ान, अरविंद सिंह, अशोक सिंह के अलावा दो और लोग हैं जिनके लिए चिराग पासवान को उनके पसंदीदा सीट चाहिए।