Bihar Assembly elections 2025: इस बार चुनावी मैदान में आ सकती है उम्मीदवारों की बाढ़, दर्जनों पार्टियों के द्वारा उतारे जा सकते हैं करीब-करीब 5000 से अधिक उम्मीदवार

By एस पी सिन्हा | Updated: September 28, 2025 14:32 IST2025-09-28T14:32:10+5:302025-09-28T14:32:16+5:30

Bihar Assembly elections 2025: महागठबंधन में मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी के अलावे पशुपति कुमार पारस की पार्टी रालोजपा एवं झामुमो का नाम भी शामिल है।

Bihar Assembly elections This time could see flood of candidates with dozens of parties fielding over 5,000 candidates | Bihar Assembly elections 2025: इस बार चुनावी मैदान में आ सकती है उम्मीदवारों की बाढ़, दर्जनों पार्टियों के द्वारा उतारे जा सकते हैं करीब-करीब 5000 से अधिक उम्मीदवार

Bihar Assembly elections 2025: इस बार चुनावी मैदान में आ सकती है उम्मीदवारों की बाढ़, दर्जनों पार्टियों के द्वारा उतारे जा सकते हैं करीब-करीब 5000 से अधिक उम्मीदवार

Bihar Assembly elections 2025: बिहार विधानसभा का चुनाव इसबार बेहद दिलचस्प होने वाला है। छोटे दलों की मौजूदगी ने बड़े दलों की परेशानी बढ़ा रखी है। बड़े दल तो गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं और 243 सीटों पर लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं, लेकिन छोटे दलों ने 243 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने के दावे किए हैं। दलों के द्वारा प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया भी जारी है। ऐसे में देखा जाए तो बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ने वालों की तादाद साल दर साल लगातार बढ़ रही है। आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो 2005 के विधानसभा चुनाव में कुल 2135 उम्मीदवार चुनाव लड़े थे।

2010 के विधानसभा चुनाव में 3500 से अधिक उम्मीदवार चुनाव लड़े। 2015 के विधानसभा चुनाव में बिहार में कुल 3450 उम्मीदवार चुनाव लड़े थे जो कि 2020 में बढ़कर 3750 तक पहुंच गई। 2025 के विधानसभा चुनाव में अगर दलों को प्रत्याशी मिले तो आंकड़ा 5000 के पार जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि बिहार में 2020 के विधानसभा चुनाव में 212 पार्टियों ने हिस्सा लिया था। जबकि 2024 के लोकसभा चुनाव में 96 पार्टियां मैदान में उतरी थीं। हालांकि, 2020 के विधानसभा चुनाव में दर्जनों पार्टियां ऐसी थीं, जिन्होंने सिर्फ एक-एक सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। कई पार्टियों ने 2, 3, 4, 5, 6 उम्मीदवारों को टिकट दिए थे। 2020 के विधानसभा चुनाव में मौजूदा एनडीए गठबंधन 125 निर्वाचित विधायकों के साथ विजेता के रूप में उभरा था, जबकि महागठबंधन के प्रमुख विपक्षी गठबंधन ने 110 सीटें जीतीं थी। जबकि अन्य छोटे गठबंधनों और दलों ने 7 सीटें जीतीं। वहीं, केवल 1 नव निर्वाचित विधायक निर्दलीय था।

चुनावों के बाद, निवर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेता चुने गए और उन्होंने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि दो नए उपमुख्यमंत्रियों , तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को नए मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। दूसरी ओर, तेजस्वी यादव विपक्ष के नेता और महागठबंधन गठबंधन के नेता चुने गए। बाद में नीतीश कुमार ने पलटी मारते हुए महागठबंधन के साथ जा कर सरकार बना ली। लेकिन यह गठबंधन 2024 के जनवरी माह में फिर से टूट गया और नीतीश कुमार एक बार फिए एनडीए के साथ आ गए। 

बता दें कि राज्य में कुल 243 सीटें हैं और दो बड़े गठबंधन हैं। जदयू के नेतृत्व वाला एनडीए सत्ता में है और राजद, कांग्रेस के नेतृत्व वाला महागठबंधन विपक्ष में है। बिहार में अभी एनडीए की सरकार है। वर्तमान में एनडीए के खेमे में 129 विधायक हैं। भाजपा के 80, जदयू के 45 और जीतनराम मांझी की हम पार्टी के 4 विधायक हैं। वहीं, विपक्ष के पास 107 विधायक हैं। राजद के 77, कांग्रेस के 19 और भाकपा(माले) के 11 विधायक हैं। बहुमत के लिए 122 विधायक होना जरूरी है। एनडीए में भाजपा, जदयू, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) का नाम प्रमुख है। जबकि महागठबंधन में राजद, कांग्रेस के अलावा वामपंथी दलों में भाकपा, माकपा, भाकपा(माले) का नाम प्रमुख है। महागठबंधन में मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी के अलावे पशुपति कुमार पारस की पार्टी रालोजपा एवं झामुमो का नाम भी शामिल है।

उधर, कई दल ऐसे हैं, जो अपने इलाकों में खासे सक्रिय हैं और प्रभाव रखते हैं। इनमें प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज, पुष्पम प्रिया की द प्यूरल्स पार्टी, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम, पूर्व आईपीएस अधिकारी शिवदीप वामनराव लांडे की द हिन्द पार्टी, बसपा, आम आदमी पार्टी, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), आप सबकी आवाज, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अलावा नगीना सांसद और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद सहित कई पार्टियों ने चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रखी है। इसमें भीम आर्मी ने भी 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। पार्टी का फोकस दलित वोट बैंक पर ज्यादा है। 

ऐसे में कहा जा सकता है कि 2025 के विधानसभा चुनाव में इन नेताओं की पार्टियां तीसरे मोर्चे के रूप में उभर रही हैं, जो पारंपरिक गठबंधनों से अलग अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रही हैं। ये दल स्वतंत्र रूप से अपनी राजनीतिक गतिविधियों में लगे हैं। इसतरह इस चुनाव में कई छोटे दल ऐसे हैं जो दोनों गठबंधन का खेल बिगाड़ सकते हैं। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार में एक नहीं सैकड़ों की संख्या में ऐसे राजनीतिक दल हैं, जिनका वजूद सिर्फ कागजों में ही सिमटा हुआ है। बिहार में ऐसे दलों की संख्या 200 से अधिक है। बिहार में पंजीकृत कई पार्टियां विचारवादी हैं तो कई पार्टियां क्षेत्रवादी। बिहार के मिथिला क्षेत्र से सर्वाधिक दलों का निबंधन हो रखा है। दरभंगा स्थित मिथिलांचल मुक्ति मोर्चा एवं मिथिलांचल विकास मोर्चा, मधुबनी स्थित मिथिलांचल विकास मोर्चा और मिथिलावादी पार्टी जैसी पार्टियां मौजूद हैं। समस्तीपुर के पते पर निबंधित आदर्श मिथिला पार्टी भी है। इसके साथ ही कई गैर मान्यता प्राप्त कागजी पार्टियां ऐसी भी हैं, जिनके नाम में भाषा या क्षेत्र का आस्वाद शामिल है। जमुई स्थित अखंड झारखंड पीपुल्स फ्रंट, पटना के पुरंदरपुर के पतेपर अखिल भारतीय देश भक्त मोर्चा, मुजफ्फरपुर के पतेपर अखिल भारतीय मिथिला पार्टी, कटिहार में मौजूद अंगिका समाज पार्टी, पूर्णिया की अपना अधिकार पाटी आदि। पटना, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, समस्तीपुर, भागलपुर, हाजीपुर समेत अन्य शहरों के पते पर इन पार्टियों के कार्यालय मौजूद हैं।

इन कागजी पार्टियों का वजूद भले ही नहीं हो, लेकिन इनके नाम में कोई कमी नहीं है। इनमें कुछ इस तरह हैं, भागलपुर के पते पर निबंधित आम अधिकार मोर्चा, हाजीपुर के पते पर मौजूद आम जन पार्टी (सेकुलर), पटना के बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी के पते पर स्थित आम जनमत पार्टी, पटना के बेली रोड में जगदेव पथ स्थित आम जनता पार्टी राष्ट्रीय। कुछ के नाम बड़ी पार्टियों से मिलते-जुलते हैं। कुछ पार्टियों के नाम के कुछ शब्द आगे पीछे करने पर पटना के अलावा दूसरे राज्यों में भी ऐसी कागजी पार्टियों की मौजूदगी मिलती है। मसलन, पटना के गुलजारबाग के पते पर मौजूद अखंड भारतीय जनप्रिय पार्टी। 

लोकसभा चुनाव में कई छोटे दलों ने अपना ताल ठोका था। इन दलों का वोट प्रतिशत शून्य और शून्य दशमलव एक प्रतिशत रहा। पिछले वर्ष बिहार के सभी लोकसभा क्षेत्रों में ऐसे दलों ने अपनी उम्मीदवारी दी थी। एडीआर की रिपोर्ट में इन दलों को गैर मान्यता प्राप्त बताया गया है। इन दलों ने एक से 25 उम्मीदवार तक पिछले लोकसभा चुनाव में उतारे थे। एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि इन दलों के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। 

ऐसे में 2025 विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों की बाढ़ आने वाली है। दलों के मंसूबे इस ओर इशारा कर रहे हैं कि उन्हें अगर उम्मीदवार मिले तो सभी सीटों पर उन्हें खड़ा किया जाएगा। 

जनसुराज पार्टी के प्रवक्ता ओबैदुर रहमान ने कहा है कि हमारी पार्टी जनसुराज सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने की तैयारी कर रही है। हम उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया में लगे हैं और शॉर्ट लिस्ट की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारे दल में चुनाव लड़ने वालों की कमी नहीं है। नेताओं की लंबी फेहरिस्त है, जो चुनाव लड़ना चाहते हैं। इस बार हम अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में होंगे।

वहीं, बहुजन समाजवादी पार्टी(बसपा) नेता और केंद्रीय प्रभारी उमाशंकर गौतम ने कहा है कि बिहार में बहुजन समाजवादी पार्टी अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी। हम सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने वालों की लंबी सूची हमारे पास है और हम इस बार जीतने वाले उम्मीदवार को मैदान में उतारेंगे। गठबंधन की राजनीति पर हमारा भरोसा नहीं है। हम जनता के साथ गठबंधन करते हैं। दलों के साथ गठबंधन हमारे सिद्धांत में शामिल नहीं है।

इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप बिहार में चुनाव लड़ने जा रही है। संगठन के स्तर पर पार्टी की ओर से लंबे चौड़े दावे भी किया जा रहे हैं। आप प्रवक्ता बब्लू प्रकाश ने कहा कि हमारी पार्टी मजबूती के साथ बिहार में काम कर रही है और पिछले कई सालों से हम संगठन को मजबूत कर रहे हैं। हम बिहार के सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने की तैयारी कर रहे हैं। हमारे नेता अरविंद केजरीवाल ने हरी झंडी दे दी है और हर जिले में हमारा संगठन है।

वहीं, पुष्पम प्रिया चौधरी के नेतृत्व वाली द प्लूरल्स पार्टी दूसरी बार चुनाव के मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। पुष्पम प्रिया चौधरी की ओर से भी दावा किया गया है कि उनकी पार्टी बिहार के सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करेगी।

जबकि, द हिन्द पार्टी के संस्थापक पूर्व आईपीएस अधिकारी शिवदीप वामनराव लांडे ने दावा किया कि उनकी पार्टी सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लडेगी। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी इस बार के चुनाव में करिश्मा कर दिखाएगी। हम जनता के बीच हैं। कागज पर नहीं दिखने वाले हैं। हम गांव-गांव जाकर लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं के बारे में बातचीत कर रहे हैं। ऐसे में उनकी पार्टी सभी दलों की बोलती बंद करा देगी।

Web Title: Bihar Assembly elections This time could see flood of candidates with dozens of parties fielding over 5,000 candidates

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे