बिहार विधानसभा चुनावः 40 सीट से कम नहीं, भाकपा-माले ने तेजस्वी यादव से की मांग, कांग्रेस को 70 और वीआईपी को 60 सीट चाहिए?

By एस पी सिन्हा | Updated: September 8, 2025 17:06 IST2025-09-08T17:04:52+5:302025-09-08T17:06:50+5:30

Bihar Assembly Elections:ऐसे में 2020 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान हुए सीट बंटवारे के फार्मूले को दोहराना अब मुश्किल नजर आ रहा है।

Bihar Assembly Elections Not less than 40 seats CPI-ML demands Tejashwi Yadav Congress wants 70 and VIP wants 60 seats | बिहार विधानसभा चुनावः 40 सीट से कम नहीं, भाकपा-माले ने तेजस्वी यादव से की मांग, कांग्रेस को 70 और वीआईपी को 60 सीट चाहिए?

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Highlightsकांग्रेस 70 सीटों पर अड़ी हुई है, वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी) को भी करीब 60 सीटें चाहिए। भाकपा-माले की 40 सीटों की ताजा मांग ने राजद को असहज स्थिति में डाल दिया है।मुख्यमंत्री पद को लेकर भी महागठबंधन में मतभेद गहराते जा रहे हैं।

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में सीटों के बंटवारे और मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर हालात लगातार उलझते जा रहे हैं। सहयोगी दलों की आपसी खींचतान अब खुलकर सामने आ रही है। खासकर भाकपा-माले ने 40 सीटों की मांग कर गठबंधन की मुश्किलें बढा दी है। जबकि कांग्रेस, वीआईपी और अन्य सहयोगी दलों की सीटों को लेकर अपनी-अपनी जिद इस गठबंधन को और अधिक पेचीदा बना रही है। ऐसे में 2020 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान हुए सीट बंटवारे के फार्मूले को दोहराना अब मुश्किल नजर आ रहा है। उस समय जो संतुलन बन पाया था, वह अब टूटता हुआ दिख रहा है।

बता दें कि कांग्रेस जहां 70 सीटों पर अड़ी हुई है, वहीं वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी) को भी करीब 60 सीटें चाहिए। भाकपा-माले की 40 सीटों की ताजा मांग ने राजद को असहज स्थिति में डाल दिया है, क्योंकि वह खुद सबसे बड़ी पार्टी होते हुए भी सीमित सीटों पर सिमट सकती है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री पद को लेकर भी महागठबंधन में मतभेद गहराते जा रहे हैं।

वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी ने भले ही तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में समर्थन दिया हो, लेकिन कांग्रेस अब तक इस पर खुलकर कुछ नहीं कह पाई है। इससे महागठबंधन में नेतृत्व को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस पूरे विवाद ने यह भी साफ कर दिया है कि अब छोटे दल भी अपनी राजनीतिक ताकत और हिस्सेदारी को लेकर पहले से कहीं ज्यादा मुखर हो चुके हैं।

इसके अतिरिक्त पशुपति कुमार पारस की पार्टी भी गठबंधन का हिस्सा है और उनकी सीट मांगों को भी ध्यान में रखना होगा। इस स्थिति में राजद के सामने चुनौती है कि वह सभी दलों को संतुष्ट करने वाला फार्मूला निकाले। ऐसे में सियासत के जानकारों का मानना है कि यदि सभी दल आपसी तालमेल नहीं बना पाए, तो यह महागठबंधन की एकता और आगामी चुनावों में प्रदर्शन को कमजोर कर सकता है।

जानकारों की मानें तो 15 सितंबर तक सीट शेयरिंग पर स्पष्ट सहमति बनाना जरूरी है, वरना चुनाव से पहले ही गठबंधन दरक सकता है। जानकारों की मानें तो वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में महागठबंधन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि वह कैसे सभी पार्टियों की मांगों को संतुलित करे और मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर एकजुटता दिखाए। गठबंधन को बड़े दलों को कुछ सीटें छोड़नी पड़ सकती हैं और छोटे दलों को भी समझौता करना होगा। इसके बिना गठबंधन कमजोर हो सकता है।

Web Title: Bihar Assembly Elections Not less than 40 seats CPI-ML demands Tejashwi Yadav Congress wants 70 and VIP wants 60 seats

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