बिहार विधानसभा चुनाव 2025: कुर्मी वोट बैंक को साधने में जुटी कांग्रेस, मतदाताओं को लुभाने में जुटे भूपेश बघेल
By एस पी सिन्हा | Updated: May 6, 2025 14:50 IST2025-05-06T14:49:53+5:302025-05-06T14:50:13+5:30
Bihar assembly elections 2025 : माना जा रहा है कि वे युवाओं को कांग्रेस की विचारधारा और राहुल गांधी की नीतियों से जोड़ने की कोशिश करेंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: कुर्मी वोट बैंक को साधने में जुटी कांग्रेस, मतदाताओं को लुभाने में जुटे भूपेश बघेल
Bihar assembly elections 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने कुर्मी वोटबैंक को साधने की बड़ी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल 19 मई को पटना पहुंचेंगे। उनका यह दौरा पूरी तरह से कुर्मी समाज को साधने और संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूती देने के मकसद से जुड़ा बताया जा रहा है। दरअसल, बिहार में करीब 4 फीसदी कुर्मी मतदाता हैं। इसीलिए कांग्रेस अब उन्हें साधने की मुहिम में जुट गई है।
बघेल पटना में कुर्मी समाज के लोगों से बड़ी बैठक करेंगे और राहुल गांधी के विचारों को उनके सामने रखेंगे। उल्लेखनीय है कि कुर्मी मतदाताओं पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दबदबा है। बताया जाता है पटना दौरे के क्रम में भूपेश बघेल सबसे पहले पटेल छात्रावास में छात्रों से मुलाकात करेंगे और उनके साथ वातचीत करेंगे। माना जा रहा है कि वे युवाओं को कांग्रेस की विचारधारा और राहुल गांधी की नीतियों से जोड़ने की कोशिश करेंगे। इसके बाद बघेल पटना में कुर्मी समाज के प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ एक बड़ी बैठक करेंगे, जहां वे राहुल गांधी के विचार, योजनाएं और कांग्रेस की रणनीति को समाज के बीच रखेंगे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार यह बैठक आगामी चुनावों के लिए कुर्मी मतदाताओं को कांग्रेस के पाले में लाने की एक अहम कड़ी मानी जा रही है। बिहार के युवाओं में कुर्मी समाज का बड़ा हिस्सा है। ऐसे में कांग्रेस उनकी नब्ज टटोलना चाहती है। बघेल छात्रों के साथ खुलकर बात करेंगे, उनके सपनों और परेशानियों को समझेंगे। यह मुलाकात इसलिए भी खास है, क्योंकि युवा मतदाता किसी भी चुनाव में गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं।
बघेल का यह कदम कांग्रेस की उस सोच को दिखाता है, जो युवाओं और स्थानीय समुदायों को जोड़कर सियासी जमीन तैयार करना चाहती है। बता दें कि कुर्मी समाज ओबीसी में एक प्रभावशाली समुदाय है। बिहार में कई सीटों पर नतीजे बदल सकता है।
कांग्रेस की कुर्मी मतदाताओं को साधने की कोशिश महागठबंधन के भीतर भी नए समीकरण बना सकती है, क्योंकि राजद और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे की बातचीत चल रही है। भूपेश बघेल खुद भी कुर्मी समुदाय से आते हैं, ऐसे में उनका दौरा काफी प्रतीकात्मक और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।