Bihar Assembly election: महागठबंधन को एक और झटका, मांझी, कुशवाहा के बाद भाकपा-माले अलग, 30 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट
By एस पी सिन्हा | Updated: September 30, 2020 18:57 IST2020-09-30T18:57:41+5:302020-09-30T18:57:41+5:30
बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी ने महागठबंधन में सीटों को लेकर बात नहीं बनने के कारण अपने व्यापक जनाधार वाली 30 विधानसभा क्षेत्रों की पहली सूची आज जारी कर दी है. इस तरह यह स्पष्ट हो गया है कि भाकपा-माले अकेले ही चुनाव मैदान में जा रही है. आज उसने अपनी पहली प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर यह साफ कर दिया.

बिहार की जनता जदयू-भाजपा की डबल इंजन सरकार से छुटकारा पाना चाहती है. (file photo)
पटनाः बिहार में महागठबंधन में एकजुट रहने के दावे चाहे लाख किये जाते रहे, लेकिन हम और रालोसपा के महागठबंधन से अलग होने के बाद अब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी-लेनिनवादी)- माले ने महागठबंधन को झटका देते हुए उससे किनारा कर लिया है.
बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी ने महागठबंधन में सीटों को लेकर बात नहीं बनने के कारण अपने व्यापक जनाधार वाली 30 विधानसभा क्षेत्रों की पहली सूची आज जारी कर दी है. इस तरह यह स्पष्ट हो गया है कि भाकपा-माले अकेले ही चुनाव मैदान में जा रही है. आज उसने अपनी पहली प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर यह साफ कर दिया.
भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में सीटों के तालमेल को लेकर भाकपा-माले व राजद के बीच राज्य स्तर पर कई राउंड की बातचीत चली. हमने अपनी सीटों की संख्या घटाकर 30 कर ली थी. संपूर्ण तालमेल की स्थिति में इन प्रमुख 30 सीटों में से भी 10 सीटें और भी कम करते हुए हमने 20 प्रमुख सीटों पर हमारी दावेदारी स्वीकार कर लेने का प्रस्ताव रखा था.
लेकिन राजद की ओर से हमारे लिए जो सीटें प्रस्तावित की गईं हैं उनमें हमारे सघन कामकाज, आंदोलन व पहचान के पटना, औरंगाबाद, जहानाबाद, गया, बक्सर, नालंदा आदि जिलों की एक भी सीट शामिल नहीं है. ऐसे में जब पहले चरण के नामांकन का दौर शुरू ही होनेवाला है, हम अपने सीटों की यह पहली सूची जारी कर रहे हैं.
किसान विरोधी कृषि कानूनों आदि से बिहार की जनता में व्यापक विक्षोभ
कुणाल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की तबाही, सबको शिक्षा व सम्मानजनक रोजगार देने में सरकार की नाकामी और मोदी सरकार के किसान विरोधी कृषि कानूनों आदि से बिहार की जनता में व्यापक विक्षोभ है. बिहार की जनता जदयू-भाजपा की डबल इंजन सरकार से छुटकारा पाना चाहती है.
इस जनभावना का सम्मान करते हुए विपक्ष की पार्टियों के बीच कारगर गठबंधन व समझौता और एनडीए विरोधी मतों को समेटने की पुरजोर कोशिश करना समय की मांग है. लेकिन, अबतक ऐसा संभव नहीं हो पाना बेहद दुःखद है. अब भी अगर संपूर्ण तालमेल की कोई संभावना बनती है तो हम उस पर विचार करेंगे. पार्टी ने एनडीए के खिलाफ विपक्ष की कारगर एकता नहीं होने को दुखद बताया है. साथ ही उम्मीद जताई है कि आगे अगर संपूर्ण तालमेल की कोई संभावना बनती है तो पार्टी उस पर विचार करेगी.
पार्टी के राज्य सचिव कुणाल ने सीटों के नाम जारी करते हुए बताया कि यह पहली सूची है जहां से हम उम्मीदवार देंगे. जिन सीटों के नाम जारी किये गये उनमें तरारी, अगिआंव, जगदीशपुर, संदेश, आरा, दरौली, जिरादेई, रघुनाथपुर, बलरामपुर, पालीगंज, मसौढ़ी, फुलवारीशरीफ, काराकाट, ओबरा, अरवल, घोषी, सिकटा, भोरे, कुर्था, जहानाबाद, हिलसा, इसलामुपर, हायाघाट, वारिसनगर, औराई, गायघाट, बेनीपट्टी, शेरघाटी, डुमरांव और चैनपुर शामिल हैं.

