पटनाः बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही नेताओं के दलबदल का दौर तेज हो गया है, जहां कई नेता अपने पुराने दलों को न केवल छोड़ रहे हैं बल्कि उन पर तीखे हमले भी कर रहे हैं। पूर्णिया से जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के दो बार के सांसद रहे संतोष कुशवाहा ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का दामन थाम लिया। माना जा रहा है कि उन्हें पूर्णिया जिले की किसी विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। कुशवाहा 2014 और 2019 दोनों लोकसभा चुनावों में जदयू के टिकट पर जीते थे लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में वह निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव से हार गए थे।
उन्होंने इस हार के लिए स्थानीय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जदयू नेताओं को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था, ‘राज्य पार्टी अध्यक्ष की स्थिति अब मात्र एक चौकीदार जैसी रह गई है।’ कुशवाहा के अलावा जदयू के पूर्व विधायक राहुल शर्मा भी राजद में शामिल हो गए हैं। वह 2015 से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज बताए जाते हैं।
उन्हें जहानाबाद जिले की घोसी सीट से उम्मीदवार बनाए जाने की अटकलें हैं। खगड़िया जिले की परबत्ता सीट से जदयू विधायक डॉ.संजीव कुमार सिंह ने भी पिछले सप्ताह राजद का दामन थाम लिया था। उन्होंने नीतीश सरकार को ‘‘बिहार के इतिहास की सबसे भ्रष्ट सरकारों में से एक’’ बताया।
हालांकि, जदयू सूत्रों का कहना है कि सिंह के दल बदलने की असली वजह उनकी सीट पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के भाई को टिकट मिलने की संभावना थी। वहीं, राजद और कांग्रेस के भी कई विधायक भाजपा या जदयू का रुख कर रहे हैं। नेताओं के दल बदलने को लेकर भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने शुक्रवार को कहा, ‘‘अभी महागठबंधन के एक दर्जन विधायक पाला बदलने को तैयार बैठे हैं और हमारे संपर्क में हैं।’’ इसी बीच, दोनों प्रमुख गठबंधनों के बीच सीट बंटवारे को लेकर बैठकों का दौर तेज हो गया है।
हालांकि किसी भी पक्ष ने अभी अंतिम फार्मूला घोषित नहीं किया है। भाजपा की चुनाव समिति के सदस्य और प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा, ‘‘बैठकें लगभग पूरी हो चुकी हैं, सीट बंटवारे की अंतिम घोषणा दिल्ली में शनिवार को होगी। इससे पहले नेताओं के आने-जाने का सिलसिला चलता रहेगा।’’
सूत्रों के अनुसार, राजद गठबंधन में ‘‘एक मामूली अड़चन’’ शेष है क्योंकि मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) अधिक सीट की मांग कर रही हैं। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सीट-बंटवारे की बातचीत दिल्ली में अंतिम चरण में है।
उन्होंने बताया कि चिराग पासवान ने अपनी शुरुआती 40 सीट की मांग घटाकर लगभग 25 सीट पर सहमति जता दी है। इस विषय पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और चुनाव प्रभारी बीते दो तीन दिन से चिराग पासवान के साथ बैठक कर रहे थे। राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान छह और 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।
बिहार में भाजपा के विधायक मिश्री लाल यादव ने पार्टी से इस्तीफा दिया
बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक मिश्री लाल यादव ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा करते हुए आरोप लगाया कि दलितों और अन्य पिछड़ा वर्गों को संगठन में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा। दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से विधायक यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह अपना इस्तीफा पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को सौंपेंगे।
भाजपा की ओर से इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन पार्टी सूत्रों ने कहा कि यादव इन अटकलों के कारण नाराज हैं कि इस बार उन्हें टिकट नहीं मिलेगा और भाजपा अलीनगर सीट से गायिका मैथिली ठाकुर को उम्मीदवार बना सकती है। यादव ने कहा, ‘‘मैंने अलीनगर सीट से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को पहली बार जीत दिलाई थी।
इससे पहले कई उम्मीदवार, जिनके पास धनबल और बाहुबल दोनों थे, ऐसा नहीं कर पाए थे।’’ यादव ने 2020 का विधानसभा चुनाव विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के टिकट पर लड़ा था। बॉलीवुड सेट डिजाइनर से नेता बने मुकेश सहनी के नेतृत्व वाली वीआईपी पार्टी 2022 में राजग से अलग हो गई थी, जब भाजपा के दबाव पर सहनी को नीतीश कुमार मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया था।
इसके कुछ समय बाद वीआईपी के चारों विधायक, जिनमें यादव भी शामिल थे, भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि यादव ने अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की, लेकिन सूत्रों के अनुसार वह विपक्षी ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूजिव अलायंस) गठबंधन के संपर्क में हैं, जिसका नेतृत्व राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कर रहा है।