Bihar Assembly: मंत्री जी से विधायकों ने पूछे सवाल?, जवाब देने में पसीने छूटे, बीच में आएं विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव

By एस पी सिन्हा | Updated: March 25, 2025 15:00 IST2025-03-25T14:59:34+5:302025-03-25T15:00:21+5:30

Bihar Assembly: विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आप सही समय पर अपनी बात उठाइएगा। इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई। 

Bihar Assembly Did MLAs ask questions minister sweating while answering Assembly Speaker Nandkishor Yadav intervened | Bihar Assembly: मंत्री जी से विधायकों ने पूछे सवाल?, जवाब देने में पसीने छूटे, बीच में आएं विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव

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Highlightsएक करोड़ 58 लाख बच्चों का आधार नम्बर के साथ सरकारी विद्यालयों में नामांकन हुआ है। 22 लाख 50 हजार बच्चों का आधार कार्ड नहीं बन सका है, जिस कारण इन बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।सरकार कब तक बच्चों का आधार कार्ड 'बनवाकर सरकारी योजनाओं का लाभ देगी?

पटनाः बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने जैसे ही प्रश्नकाल की शुरुआत की भाकपा-माले के विधायक सीट से खड़े होकर अपनी बात उठाना चाह रहे थे। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें ऐसा करने से रोका। वहीं, राजद के सदस्य हरा टी शर्ट पहनकर आए थे। इसी दौरान विपक्षी सदस्य खड़े हो गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आप सही समय पर अपनी बात उठाइएगा। इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई। 

वहीं, प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने पहला सवाल पूछा कि करीब एक करोड़ 58 लाख बच्चों का आधार नम्बर के साथ सरकारी विद्यालयों में नामांकन हुआ है। जिसमें 22 लाख 50 हजार बच्चों का आधार कार्ड नहीं बन सका है, जिस कारण इन बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।

सरकार कब तक बच्चों का आधार कार्ड 'बनवाकर सरकारी योजनाओं का लाभ देगी? इसपर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि 88 प्रतिशत बच्चों का आधार कार्ड बनवा दिया गया है। 21 लाख 8 हजार  बच्चों का आधार कार्ड बनवाना है, इसके लिए काम किया जा रहा है। 1.55 करोड़ बच्चों का आधार कार्ड बना हुआ है।

वहीं, राजद विधायक राकेश कुमार रौशन ने उत्पाद विभाग से जुड़ा सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि हमने जनवरी 2025 में मद्य निषेध विभाग में हो रहे खेल का खुलासा किया था। हमने बताया था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी को डूबो कर ही मानेंगे? चार जिलों में 'अधीक्षक' की जगह 'इंस्पेक्टर' रखने की क्या है मजबूरी, मद्य निषेध विभाग को सीनियर 'अफसर' की बजाय जूनियर पर भरोसा''?

ऐसे में मंत्री रत्नेश सदा को इस सवाल का जवाब देने में पसीने छूट गए। मंत्री ने बताया कि एक अधीक्षक निलंबित है, उन पर विभागीय कार्यवाही चल रही है। तीन उत्पाद अधीक्षक बिपार्ड में प्रशिक्षण ले रहे हैं। मई में प्रशिक्षण समाप्त हो जाएगा, इसके बाद पदस्थापित कर देंगे। सदन में सवाल का जवाब देते समय मंत्री इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी जिन्हें प्रभारी अधीक्षक बनाया गया है, उनका बचाव करते दिखे।

इस पर प्रश्नकर्ता विधायक ने आपत्ति जताई और कहा कि सरकार सही जवाब नहीं दे रही है। विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्री से कहा कि यह जवाब दीजिए कि कब उन जिलों में अधीक्षक की पोस्टिंग कर देंगे मंत्री जब जवाब दे रहे थे तो मुख्यमंत्री सदन में मौजूद थे। इस बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सभी सदस्यों से पूछा कि आप ही बताए कि सीओ ऑफिस में भ्रष्टाचार हो रहा कि नहीं हो रहा है?

बिना रिश्वत लिए सीओ ऑफिस में कोई काम नहीं होता है। तेजस्वी ने कहा कि हम सबको आश्वत करते हैं कि जब हमारी सरकार आएगी तो यही अधिकारी बैठकर नहीं खड़े होकर बिना रिश्वत लिए आम जनता का काम करेंगे। अरे जिस शासक का इकबाल खत्म हो जाए, तब उसकी आदेश तो चौकीदार भी नहीं सुनता है। मुख्यमंत्री का इकबाल खत्म हो गया है।

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