बिहार में एंबुलेंस खरीद घोटालाः पूर्व मंत्री ने लगाए आरोप, कहा-7 लाख की एंबुलेंस 21 लाख रुपये में खरीदी
By एस पी सिन्हा | Published: June 1, 2021 06:41 PM2021-06-01T18:41:06+5:302021-06-01T18:43:02+5:30
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और निगरानी विभाग के प्रधान सचिव समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों को पत्र लिखकर एंबुलेंस खरीदारी में पद का दुरुपयोग करते हुए सुनियोजित षड्यंत्र के तहत सरकारी राशि की क्षति करने का आरोप लगाया है.
पटनाः बिहार में जारी कोरोना के कहर के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार के दावों की कलई खुलने के बाद अब घोटाले का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है.
यह घोटाला राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के गृह जिला सीवान में हुआ है. जहां सात लाख की कीमत वाली एंबुलेंस को 21 लाख में खरीदने का मामला सामने आया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार सात एंबुलेंस पिछले साल ऊंचे दामों में खरीदी गईं, जिनका इस्तेमाल आज तक नहीं किया गया.
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और निगरानी विभाग के प्रधान सचिव समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों को पत्र लिखकर एंबुलेंस खरीदारी में पद का दुरुपयोग करते हुए सुनियोजित षड्यंत्र के तहत सरकारी राशि की क्षति करने का आरोप लगाया है.
नीतीश कुमार सरकार में पथ निर्माण मंत्री रहे विक्रम कुंवर ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि सात लाख रुपये की एंबुलेंस 21 लाख 84 हजार 623 रुपये में खरीदी गई. साथ ही बिलिंग राशि बढ़ाने के लिए इंश्योरेंश का खर्च और आरटीओ का खर्च दोगुना दर्शाया गया तथा एक लाख 24 हजार 160 रुपये का अतिरिक्त भुगतान उपकरण के लिए किया गया.
पूर्व मंत्री ने पत्र के माध्यम से आरोप लगाया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत जिला योजना पदाधिकारी द्वारा एंबुलेंस का क्रय किया गया था. जबकि योजना एवं विकास विभाग के सचिव के आलोक में एंबुलेंस की खरीदारी नहीं की गई थी.
पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर ने बताया कि मॉनिटर मल्टी पारामीटर के लिए एक लाख 18 हजार 720, सिंगल पंप के लिए 69 हजार 440 रुपये, सेक्शन मशीन पोर्टेबल के लिए 33 हजार 600 तथा ट्रांसपोर्ट वेंटिलेटर के लिए 3 लाख 41 हजार 600 का भुगतान किया गया. पूर्व मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में खरीदी गई एंबुलेंसों की खरीदारी में अनियमितता की जांच कराते हुए कार्रवाई करने की मांग की है.
घोटाले की बात सामने आने पर सीवान के जिलाधिकारी अमित कुमार पांडेय ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच के आदेश दे दिए हैं. इस जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद कमेटी द्वारा सौंपे गए प्रतिवेदन के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. वहीं, डीएम द्वारा जांच कमेटी के गठन के बाद से कई नेताओं और पदाधिकारियों में खलबली देखी जा रही है.
यहां बता दें कि इसके पहले सारण में भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी के कार्यालय में खड़ी करीब 50 से अधिक एंबुलेंस का मामला सुर्खियों में आ गया था. पूर्व सांसद पप्पू यादव ने रूडी के कार्यालय जाकर खडी एंबुलेंस का वीडियो बना इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया था.
वहीं, बक्सर में केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के वर्चुअल एंबुलेंस उद्घाटन पर भी राजद ने सवाल उठाया था. इसके साथ ही चंपारण और सीवान से भी मामले सामने आए थे, जहां एंबुसेंस न होने पर ठेले पर मरीज को ले जाते हुए वीडियो वायरल हुआ था.