भोपाल में विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का लोकार्पण, प्राचीन समय और ज्योतिष विज्ञान का प्रतीक, जानिए विशेषता

By मुकेश मिश्रा | Updated: September 1, 2025 15:59 IST2025-09-01T15:57:46+5:302025-09-01T15:59:08+5:30

व्रत-त्योहार अंग्रेजी कैलेंडर की तिथियों से नहीं चलते, इसलिए उनकी तिथियाँ हर साल बदलती रहती हैं।

bhopal Inauguration Vikramaditya Vedic clock in Bhopal symbol ancient time and astrology cm mohan yadav | भोपाल में विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का लोकार्पण, प्राचीन समय और ज्योतिष विज्ञान का प्रतीक, जानिए विशेषता

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Highlights300 साल पहले तक दुनिया में समय की गणना भारत से ही होती थी।मौसम की जानकारी भी सही- सही देती है, जैसे सावन में बारिश होना तय है।सूर्य और चंद्रमा की स्थिति से ज्वार-भाटा होता है।

भोपालः सितंबर का पहला दिन मध्य प्रदेश के लिए खास है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री निवास पर विक्रमादित्य वैदिक घड़ी और इसका मोबाइल एप लॉन्च किया। इस घड़ी से न केवल समय बल्कि ग्रह-नक्षत्रों और पूरे पंचांग की जानकारी मिलती है, जो प्राचीन भारत की काल गणना को दर्शाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वैदिक घड़ी भारत की असली और वैज्ञानिक घड़ी है, जो हमें प्रकृति और समय के सटीक व्यवहार से जोड़ती है। डॉ. यादव ने बताया कि भारत की काल गणना बहुत प्राचीन और वैज्ञानिक है। 300 साल पहले तक दुनिया में समय की गणना भारत से ही होती थी।

हमारे व्रत-त्योहार अंग्रेजी कैलेंडर की तिथियों से नहीं चलते, इसलिए उनकी तिथियाँ हर साल बदलती रहती हैं। हमारी गणना इतनी सटीक है कि मौसम की जानकारी भी सही- सही देती है, जैसे सावन में बारिश होना तय है। उन्होंने बताया कि सूर्य और चंद्रमा की स्थिति से ज्वार-भाटा होता है, जो हमारे समुद्र और शरीर दोनों पर प्रभाव डालता है।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अमावस्या और पूर्णिमा के दिन मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ जाती है क्योंकि चंद्रमा का हमारे शरीर पर खास असर होता है। इसलिए डॉक्टरों को इन दिनों मरीजों की ज़्यादा देखभाल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिन की शुरुआत सूर्योदय से होती है, रात 12 बजे से नहीं, इसलिए उनका वैदिक पंचांग 30 मुहूर्तों में समय बताता है।

एक दिलचस्प बात यह भी बताई गई कि उज्जैन जो प्रदेश का केंद्र माना जाता है, उसका असली सटीक केंद्र पॉइंट 32 किलोमीटर दूर डोंगला नामक जगह पर है। इस जगह की खोज ने यह साबित कर दिया कि हमारी प्राचीन ज्योतिष और गणना कितनी अद्भुत है। मुख्यमंत्री ने भगवान श्री कृष्ण की कथा सुनाई, जिसमें वे उज्जैन के पास नारायणा गांव में सुदामा के साथ थे।

वे भी इस काल गणना के रहस्यों को समझने वहां गए थे। डॉ. यादव ने कहा कि आज दुनिया हमारी वैज्ञानिक पंचांग गणना को मानती है। दस हज़ार साल पहले के सूर्य और चंद्र ग्रहण की भी सटीक जानकारी हमारी वैदिक गणना मिनटों में देती है। उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि योग को दुनिया में पहचान देना और स्वदेशी को बढ़ावा देना भारत के गौरव को बढ़ाता है।

अंत में मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा कि इस वैदिक घड़ी और एप को अपने परिवार और रिश्तेदारों में जरूर शेयर करें ताकि हम सब अपने प्राचीन ज्ञान को समझ सकें और उसका लाभ उठा सकें। उन्होंने सभी को इस खास दिन की शुभकामनाएं दीं और कहा कि ये घड़ी हमारे भारत के वर्तमान का सही हाल बताती है।

इस वैदिक घड़ी के लोकार्पण के साथ मध्यप्रदेश ने न सिर्फ अपनी सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाया है बल्कि देश के वैज्ञानिक और ज्योतिषीय ज्ञान को भी पुनः जागृत किया है। यह पहल आम लोगों के लिए समय और प्रकृति के बीच गहरे संबंध को समझने का अवसर है।

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