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कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के कॉलेज मान्यता प्रकरण की जांच के लिए SIT गठित

By मुकेश मिश्रा | Updated: August 21, 2025 15:12 IST

Bhopal: टीम में डी. कल्याण चक्रवर्ती, जो वर्तमान में छिंदवाड़ा रेंज के डीआईजी हैं, तथा निमिशा पांडे, एआईजी (प्रशिक्षण), पीएचक्यू भोपाल, शामिल की गई हैं।

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ठळक मुद्देटीम की कमान एडीजी (टेलीकॉम) संजीव शमी को सौंपी गई है।समिति अब कॉलेज की मान्यता की पूरी प्रक्रिया की गहन जांच करेगी।मान्यता प्राप्त करने के लिए जाली कागजात प्रस्तुत किए।

Bhopal: उच्च न्यायालय की डबल बेंच के निर्देशों के बाद मध्य प्रदेश पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा ने गुरुवार को विधायक आरिफ मसूद से जुड़े इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज मान्यता प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल गठित कर दिया है। आरोप है कि कॉलेज को मान्यता दिलाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया गया था। डीजीपी के आदेश पर गठित इस टीम की कमान एडीजी (टेलीकॉम) संजीव शमी को सौंपी गई है। टीम में डी. कल्याण चक्रवर्ती, जो वर्तमान में छिंदवाड़ा रेंज के डीआईजी हैं, तथा निमिशा पांडे, एआईजी (प्रशिक्षण), पीएचक्यू भोपाल, शामिल की गई हैं।

यह समिति अब कॉलेज की मान्यता की पूरी प्रक्रिया की गहन जांच करेगी और उन दस्तावेजों की सत्यता परखने का काम करेगी, जिनके आधार पर संस्थान को अनुमति दी गई थी। इस प्रकरण की पृष्ठभूमि पर नजर डालें तो इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज पर आरोप है कि उसने मान्यता प्राप्त करने के लिए जाली कागजात प्रस्तुत किए।

मामले के उजागर होने के बाद यह विवाद अदालत तक पहुंचा, जहां सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने इसे गंभीर माना और पुलिस को निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए। अदालत के निर्देश के बाद ही विशेष जांच दल के गठन की कार्रवाई तेजी से पूरी की गई। एडीजी संजीव शमी के नेतृत्व में बनी यह टीम अब न केवल कॉलेज प्रशासन द्वारा प्रस्तुत कागजातों की जांच करेगी।

बल्कि यह भी परखेगी कि मान्यता प्रक्रिया के दौरान शामिल अधिकारियों और संस्थाओं की क्या भूमिका रही। जांच रिपोर्ट सीधे पुलिस मुख्यालय और अदालत को सौंपी जाएगी। यह मामला केवल एक कॉलेज की मान्यता तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे राजनीतिक और संस्थागत स्तर पर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। विधायक का नाम सामने आने से इसका महत्व और बढ़ गया है। शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और संस्थागत जिम्मेदारी की कसौटी पर SIT की रिपोर्ट को बेहद अहम माना जा रहा है।

टॅग्स :Madhya Pradeshहाई कोर्टHigh Court
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