मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को भीमा कोरेगांव मामले के तीन आरोपियों वरवरा राव, अरुण फरेरा और वर्नोन गोंजाल्विस की डिफॉल्ट जमानत की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें हाईकोर्ट के दिसंबर 2021 के फैसले की समीक्षा करने की मांग की गई थी।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, बॉम्बे हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि आरोपियों के दावे के विपरित फैसले में कोई तथ्यात्मक गलती नहीं थी।
पीठ ने कहा कि जमानत की अर्जी कोर्ट के सामने नहीं रखी गई। इसलिए हम इस बात से सहमत नहीं हो सकते कि तथ्यात्मक गलती थी। क्षेत्राधिकार का प्रयोग करने का कोई मामला नहीं बनता है। हम साफ करते हैं कि पिछले फैसले में टिप्पणियां हमारे सामने रखे गए दस्तावेजों पर आधारित हैं। आवेदन खारिज किया जाता है।
बता दें कि, हाईकोर्ट ने आठ आरोपियों को 1 दिसंबर, 2021 को जमानत देने से इनकार कर दिया था, जबकि एक अन्य सह-आरोपी सुधा भारद्वाज को जमानत दे दी गई थी।
हाईकोर्ट ने अपने 1 दिसंबर के आदेश में भारद्वाज को इस आधार पर जमानत दे दी थी पुणे पुलिस द्वारा आरोपपत्र दाखिल करने के लिए समय बढ़ाने के लिए आवेदन की तारीख पर डिफॉल्ट जमानत के लिए उनका आवेदन लंबित था।
मौजूदा याचिका में तीनों आरोपियों राव, फरेरा और गोंजाल्विस ने दिसंबर 2021 के फैसले में एक कथित त्रुटि को सुधारने की मांग करते हुए उन्हें जमानत देने की प्रार्थना की।