Bombay High Court: पूर्व पति को 10000 रुपये मासिक गुजारा भत्ता दें, बंबई उच्च न्यायालय ने कामकाजी पत्नी को दिया निर्देश
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 11, 2024 05:25 PM2024-04-11T17:25:20+5:302024-04-11T17:26:24+5:30
Bombay High Court: न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की पीठ ने दो अप्रैल के अपने आदेश में कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधानों में शब्द ‘स्पाउस’ (जीवनसाथी) का उल्लेख है और इसमें पति और पत्नी दोनों आते हैं।
Bombay High Court: बंबई उच्च न्यायालय ने एक कामकाजी महिला को उसके पूर्व पति को 10,000 रुपये मासिक गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया है जो अपनी बीमारियों के कारण जीवन यापन का खर्च नहीं उठा पा रहा है। न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की पीठ ने दो अप्रैल के अपने आदेश में कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधानों में शब्द ‘स्पाउस’ (जीवनसाथी) का उल्लेख है और इसमें पति और पत्नी दोनों आते हैं।
उच्च न्यायालय ने आदेश में कहा कि महिला ने इस बात से इनकार नहीं किया है कि उसके पूर्व पति अपनी अस्वस्थता के कारण जीवनयापन के लिए आय अर्जित करने में सक्षम नहीं हैं। अदालत ने कहा, ‘‘जब पति खुद का गुजारा करने में सक्षम नहीं है और पत्नी की आय का कोई स्रोत है तो वह अंतरिम गुजारा भत्ता देने के लिए जवाबदेह है।’’