बिहार में दिखा भारत बंद का मिलाजुला असर, राजद के बड़े नेता रहे दूर
By एस पी सिन्हा | Updated: March 26, 2021 17:47 IST2021-03-26T17:43:41+5:302021-03-26T17:47:36+5:30
एक तरफ जहां भारत बंद में जाप के कार्यकर्ता जगह-जगह प्रदर्शन करते नजर आए। वहीं दूसरी तरफ राजद की तरफ से भी बिहार बंद को सफल बनाने की पूरी कोशिश की गई।

(फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
पटना,26 मार्च। बिहार विधानसभा में विधायकों की पिटाई समेत किसानों के मुद्दे पर बुलाए गए बिहार बंद और भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला। आज राजद का बिहार बंद का ऐलान था तो वामपंथी दलों समेत अन्य दलों ने किसानों के मुद्दे पर भारत बंद का ऐलान किया था। सुबह से ही पटना समेत पुरे राज्य में बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि विपक्ष का कोई बड़ा नेता इस बंद के समर्थन में सड़क पर नहीं उतरा। जिसके कारण बंद को पूरी तरह से कामयाबी नहीं मिल सकी। यहां बता दें कि जन अधिकार पार्टी किसानों के भारत बंद का समर्थन कर रही है और नए कृषि कानूनों की वापस लेने की मांग को लेकर सड़को पर उतरी थी।
वहीं, बिहार बिधानसभा में विपक्ष के विधायकों के साथ पुलिस द्वारा किये गए दुर्व्यवहार, महिला विधायको के साथ दुर्व्यवहार और मामले को लेकर राजद सहित पूरा महागठबंधन के नेता सम्पूर्ण बिहार बन्द कराने में जुटे रहे। राजद समर्थक सुबह से ही सड़कों पर झंडा लिए उतर गए थे, जिससे गाड़ियों का आवागमन राज्य भर में प्रभावित हो गया था। बंद को देखते हुए अन्य दिनों की तुलना में सडक पर गाडियों का आवागमन कम रहा और ज्यादातर लोगों ने बंद को देखते हुए घर में रहना बेहतर समझा।
वहीं, बंद के समर्थन में सडक पर उतरे नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए। राजद नेताओं द्वारा टमटम की सवारी कर पेट्रोल डीजल की बढे हुए दाम का विरोध जताया गया, वहीं कई बच्चे भी राजद नेताओं संग नारेबाजी करते नजर आए। पटना से मुजफ्फरपुर जा रहे राज्य के जल संसाधन मंत्री संजय झा का काफिला भी फंस गया था।
हालांकि बाद में सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह मंत्री की गाडी को आगे जाने के लिए रास्ता बनाया और फिर मंत्री का काफिला आगे निकल गया। राजद कार्यकर्ताओं के द्वारा सड़क पर आगजनी भी की गई। राजद कार्यकर्ता कहीं बीच सडक पर सो गए तो कहीं बैल गाडी लेकर सड़क पर निकल गए। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि विधानसभा में नीतीश सरकार के इशारे पर जिस प्रकार से राजद विधायकों के साथ मारपीट की गई वह बहुत ही शर्मनाक है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनके बडे भाई तेज प्रताप यादव अपने चाचा के अंतिम संस्कार में भाग लेने में व्यस्त रहे, जिसके कारण वे लोग बंद के समर्थन में सडकों पर नजर नही आये। इस कारण राजद का कोई भी बडा नेता सडक पर उतरना मुनासिब नही समझा।