‘भारत बंद’ ने दिखा दिया कि कृषि कानूनों को निरस्त करने की जरूरत है : अमरिंदर

By भाषा | Updated: December 8, 2020 22:01 IST2020-12-08T22:01:36+5:302020-12-08T22:01:36+5:30

'Bharat Bandh' has shown that agricultural laws need to be repealed: Amarinder | ‘भारत बंद’ ने दिखा दिया कि कृषि कानूनों को निरस्त करने की जरूरत है : अमरिंदर

‘भारत बंद’ ने दिखा दिया कि कृषि कानूनों को निरस्त करने की जरूरत है : अमरिंदर

चंडीगढ़, आठ दिसंबर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को कहा कि ‘भारत बंद’ के जरिए किसानों द्वारा दिखायी गयी एकजुटता ने जता दिया है कि कृषि कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए।

उन्होंने दोहराया कि तीनों नए कानून ‘‘किसान विरोधी’’ हैं और हितधारकों के साथ बिना चर्चा के लिए इन्हें लाया गया।

तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के आह्वान पर पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों में मंगलवार को ‘भारत बंद’ का आयोजन किया गया।

सिंह ने खुशी जतायी कि राज्य में बंद शांतिपूर्ण रहा। उन्होंने किसानों को ऐसे तत्वों के खिलाफ आगाह किया जो उनके आंदोलन का फायदा उठा सकते हैं और राज्य में शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने का प्रयास कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने किसानों को ऐसे लोगों से सावधान रहने को कहा है जो अपने क्षुद्र स्वार्थ के लिए प्रदर्शन के दौरान शांतिपूर्ण माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर सकते हैं।

सिंह ने पूछा कि केंद्र इन कानूनों को निरस्त करवाने के लिए देश भर में आंदोलन कर रहे किसानों की मांगों पर ध्यान क्यों नहीं दे रहा है और सभी हितधारकों के साथ नए सिरे से बातचीत होनी चहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं उनके स्थान पर होता तो अपनी भूल को स्वीकार करने और कानून को वापस लेने में मुझे एक मिनट का भी समय नहीं लगता।’’ उन्होंने कहा कि पूरा देश किसानों की पीड़ा और जीवन-मरण की इस लड़ाई में उनके साथ खड़ा है।

पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों से उत्पाद खरीदने के लिए निजी कंपनियों को कोई नहीं रोक रहा लेकिन पहले से व्यवस्थित ढांचे की कीमत पर इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।

सिंह ने कहा कि केंद्र को आढतिया और मंडियों को खत्म करने के बजाए मौजूदा व्यवस्था को जारी रखने की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘किसान जो चाहते हैं, इसका फैसला उन्हें ही करने दें।’’

उन्होंने जानना चाहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म नहीं की जाएगी तो केंद्र सरकार ने कानून में इसका प्रावधान क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘एमएसपी हमारा हक है।’’

सिंह ने कहा कि एमएसपी पर खरीदा गया अनाज जन वितरण प्रणाली में जाता है जिसके जरिए देश के गरीबों को भोजन मिलता है और एमएसपी खत्म होने पर यह व्यवस्था भी खत्म हो जाएगी।

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Web Title: 'Bharat Bandh' has shown that agricultural laws need to be repealed: Amarinder

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