Bharat Bandh: आज 21 अगस्त 2024, बुधवार को पूरे देश में दलित और आदिवासी समुदाय ने हड़ताल का आह्वान किया है। इस विरोध प्रदर्शन को भारत बंद का नाम दिया गया है जिसके तहत जरूरी चीजों को छोड़कर सब कुछ बंद रहेगा। इस विरोध प्रदर्शन का विपक्ष की कई पार्टियों ने समर्थन किया है जिसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल समेत बीसएसपी शामिल है। गौरतलब है कि यह विरोध प्रदर्शन सुप्रीम के जवाब में किया जा रहा है जिसमें अनुसूचित जाति (एससी) आरक्षण पर कोर्ट ने हाल में फैसला दिया था।
दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (एनएसीडीएओआर) ने अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता सहित मांगों की एक सूची जारी की है। आरजेडी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने मंगलवार को कहा, "हमारी पार्टी बुधवार को किए गए भारत बंद के आह्वान को अपना पूरा समर्थन देती है।" वहीं, वीआईपी बुधवार को विभिन्न संगठनों द्वारा किए गए भारत बंद के आह्वान को अपना नैतिक और सैद्धांतिक समर्थन देता है।
दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के सात न्यायाधीशों की पीठ द्वारा दिए गए एक फैसले के प्रति विपरीत दृष्टिकोण अपनाया है, जो उनके अनुसार, ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ के पहले के फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण के लिए रूपरेखा स्थापित की थी। दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ ने सरकार से इस फैसले को खारिज करने का आग्रह किया है, उनका तर्क है कि यह एससी और एसटी के संवैधानिक अधिकारों को खतरा पहुंचाता है।
संगठन एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर संसद के एक नए अधिनियम को लागू करने का भी आह्वान कर रहा है, जिसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करके संरक्षित किया जाएगा। उनका तर्क है कि इससे इन प्रावधानों को न्यायिक हस्तक्षेप से बचाया जा सकेगा और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा मिलेगा।