Bharat Bandh: बिहार में केला किसानों की टूटी कमर, करीब तीन करोड़ का घाटा, नहीं पहुंचे खरीददार
By एस पी सिन्हा | Updated: December 8, 2020 21:33 IST2020-12-08T21:16:28+5:302020-12-08T21:33:39+5:30
भारत बंद के कारण बिहार के पटना में बुरा असर रहा, केला किसान मायूस दिखे. मंडी में तीन करोड़ बर्बाद हो गया. आखिर हम लोग क्या खाएंगे.

पूरे उत्तर बिहार से किसान अपना केला लेकर बेचने के लिए पहुंचते हैं. (file photo)
पटनाः किसान आंदोलन के नाम पर आज कराये गये भारत बंद का सबसे बुरा असर बिहार में केला किसानों पर पड़ा है. यहां यह भी कहा जा सकता है कि किसान आंदोलन के नाम पर कराये गये भारत बंद ने बिहार में केला किसानों की कमर तोड़कर रख दी है.
यह बंदी उनके लिए नासूर बन गया. इस बंदी से बिहार के केला मंडी में करीब तीन करोड़ रुपए कीमत का केला बर्बादी के कगार पर है. बिहार में मुजफ्फरपुर के अलावे हाजीपुर और कटिहार के कृषि उत्पादन बाजार समिति में बड़ी केला मंडी है. जहां पूरे उत्तर बिहार से किसान अपना केला लेकर बेचने के लिए पहुंचते हैं.
केला किसान और विक्रेता दोनों काफी मायूस
लग्न और शादी विवाह को देखते हुए केला मंडियों में करीब तीन करोड़ रुपये का केला लेकर किसान और कारोबारी पहुंचे हुए हैं. ये सभी केले पके हुए हैं और आज अगर इनकी बिक्री नहीं हुई तो ये केले बर्बाद हो जाएंगे. लेकिन भारत बंदी की वजह से केला मंडियों में कोई ग्राहक नहीं पहुंचे. इस वजह से केला किसान और विक्रेता दोनों काफी मायूस हैं.
केला बेचने वाले ग्राहकों के इंतजार में बैठे हुए हैं, लेकिन ग्राहक मंडी तक नहीं पहुंच पाये. कारोबारी ने बताया कि जो केला पक चुका है. वह कल तक काला पड जाएगा और काले पडे केले की उन्हें कीमत नहीं मिलेगी. ज्यादा पक जाने से केले खराब हो जाएंगे फिर उनका कोई खरीदार भी नहीं मिलेगा.
फसल नुकसान की वजह से केले की खरीदारी भी महंगी हुई
नवगछिया से केला लेकर मुजफ्फरपुर आए विक्रेता रोशन कुमार के अनुसार बाढ़ के कारण हुए फसल नुकसान की वजह से केले की खरीदारी भी महंगी हुई है. लेकिन ग्राहक नहीं आने के कारण पूरी पूंजी खतरे में है. वहीं, किसान धीरज महतो का कहना है कि राजनीतिक दल किसानों के नाम पर अपनी रोटी सेक रहे हैं, सबको पता है कि केला कच्चा सौदा होता है.
एक दिन व्यापार और सडक बंद हो जाने से केले से लदी हजारों गाड़ियां रास्ते में फंस जाएंगे. उन गाडियों में केला पकाने के लिए दवा डाला हुआ रहता है. ये ट्रक समय से अपने गंतव्य तक नहीं पहुंचे तो सारे केले ट्रकों में ही सड जाएंगे. लेकिन इसकी चिंता बंदी कराने वालों को बिल्कुल नहीं है. यहां किसानों के हित के सवाल पर उन्हें बर्बाद करने की साजिश की जा रही है.
वहीं, मुजफ्फरपुर फल मंडी के यूनियन के सदस्य उमा शंकर राय ने इस बंदी को फल और सब्जी किसानों के लिए तबाही का सबब बताया है. उनका कहना है कि केला के साथ-साथ सेब और अमरूद का भी भारी नुकसान होगा. फल मंडी में बड़ी संख्या में पलदार और ठेला चालक भी काम करते हैं. लेकिन भारत बंद से उनके सामने भी रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है.