भगवंत मान ने कहा, 'खालिस्तानियों के आका पाकिस्तान से भेज रहे हैं आर्थिक मदद'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: February 27, 2023 07:58 IST2023-02-27T07:53:04+5:302023-02-27T07:58:44+5:30
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि खालिस्तानियों की आवाज बुलंद करने वाले असामाजिक तत्वों के साथ पंजाब सरकार बेहद सख्ती से निपटेगी और इसके लिए पंजाब पुलिस को फ्री हैंड दिया गया है।

फाइल फोटो
भावनगर: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अमृतसर के अजनाला में हुए हिंसा पर बात करते हुए रविवार को खुले तौर पर कहा कि खालिस्तान समर्थकों को पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान सहित विश्व के अन्य देशों से आर्थिक मदद मिल रही है। मुख्यमंत्री मान ने यह बयान खालिस्तान के समर्थक अमृतपाल सिंह द्वारा की गई हिंसा के संबंध में दिया है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह बात गुजरात के भावनगर में कही, जहां वो एक सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि खालिस्तानियों की आवाज बुलंद करने वाले असामाजिक तत्वों के साथ पंजाब सरकार बेहद सख्ती से निपटेगी और इसके लिए पंजाब पुलिस को फ्री हैंड दिया गया है। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया पंजाब में कुछ लोगों का एक छोटा सा तबका है, जो पंजाब में खालिस्तान समर्थन में अपनी आवाज उठा रहा है लेकिन उस आवाज को जल्द ही दबा दिया जाएगा।
अजनाला हिंस में लगे खालिस्तान समर्थक नारों के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि ऐसा किसी को नहीं समझना चाहिए कि चंद मुट्ठी भर लोग, जो खालिस्तान समर्थन का नारा लगा रहे थे। वे पूरे पंजाब का प्रतिनिधित्व करते हैं? जिन्हें पंजाब को जानना है वो खुद आकर देखें कि कितने लोग और कौन ऐसे नारे लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा, "खालिस्तान की मांग के पीछे मुट्ठी भर लोग हैं, जिन्हें पाकिस्तान और दूसरे देशों में बैठे आकाओं से पैसा मिल रहा है, जिसके दम पर वो अपनी दुकान यहां चला रहे हैं लेकिन पंजाब सरकार ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त एक्शन लेगी और इस पूरी मुहिम को जड़ से खत्म कर देगी।"
पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि खालिस्तानियों के आका सीमा पार पाकिस्तान में बैठे हैं और वे वहां से पंजाब के हालात खराब करना चाहते हैं, लेकिन पंजाब सरकार उनके मंसूबे को कभी कामयाब नहीं होने देगी। मालूम हो कि हाल ही में 'वारिस दे पंजाब' के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों द्वारा अमृतसर के अजनाला में थाने से एक आरोपी को रिहा कराने के लिए 'गुरु ग्रंथ साहिब' को ढाल की तरह प्रयोग किया गया। जिसके बाद सीएम मान ने कहा था कि सिखों की पवित्र ग्रंथ को ढाल बनाने वालों को कभी भी पंजाब का वारिस नहीं कहा जा सकता है।