बेंगलुरुः लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर और अन्य यौन रुझान वाले व्यक्ति के साथ प्यार और स्नेह से पेश आइये, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा- हर इंसान की कद्र कीजिए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 17, 2023 02:24 PM2023-08-17T14:24:11+5:302023-08-17T14:25:07+5:30

प्रत्येक नागरिक ऐसे नागरिकों के साथ स्नेह के साथ व्यवहार करेगा, जैसा कि एक सामान्य इंसान के साथ किया जाता है, तो बेशकीमती जान नहीं जाएगी।

Bengaluru Karnataka High Court said Treat lesbian, gay, bisexual, transgender other sexual orientation person with love and affection Respect every human being LGBT | बेंगलुरुः लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर और अन्य यौन रुझान वाले व्यक्ति के साथ प्यार और स्नेह से पेश आइये, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा- हर इंसान की कद्र कीजिए

सांकेतिक फोटो

Highlightsपीड़ित के तीन सहकर्मियों ने उच्च न्यायालय का रुख किया था।यौन रुझान के चलते लगातार परेशान किया, जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली।बेंगलुरु का रहने वाला है, जबकि शेष दो आरोपी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं।

बेंगलुरुःएलजीबीटी समुदाय के एक व्यक्ति को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने पर आपराधिक मामला दर्ज करने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा है कि एलजीबीटी (लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर और अन्य यौन रुझान वाले व्यक्ति) सहित सभी से प्यार और स्नेह के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए, ताकि जान न जाए।

न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने अपने फैसले में कहा, “इस मामले में मृतक एलजीबीटी समुदाय से है। उनके (समाज से) बहिष्कृत होने की संवेदनशीलता उनके मानस में व्याप्त है। इसलिए, ऐसे लोगों के साथ प्यार और स्नेह से पेश आना चाहिए...यदि प्रत्येक नागरिक ऐसे नागरिकों के साथ स्नेह के साथ व्यवहार करेगा, जैसा कि एक सामान्य इंसान के साथ किया जाता है, तो बेशकीमती जान नहीं जाएगी।”

व्हाइटफील्ड पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया था, जिसके बाद पीड़ित के तीन सहकर्मियों ने उच्च न्यायालय का रुख किया था। उत्तर प्रदेश के रहने वाले पीड़ित के पिता ने शिकायत दी थी कि इन तीनों ने उनके बेटे को उसके यौन रुझान के चलते लगातार परेशान किया, जिसके कारण उसने आत्महत्या कर ली।

आरोपियों में एक बेंगलुरु का रहने वाला है, जबकि शेष दो आरोपी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। ये सभी बेंगलुरु की एक कंपनी में सहकर्मी थे। पीड़ित ने 2014 से 2016 तक कंपनी में काम किया था। वह 2022 में विजुअल मर्चेंडाइजिंग के प्रबंधक के रूप में उसी कंपनी के साथ फिर से जुड़े। आरोप है कि उनके सहकर्मी भद्दे चुटकुले सुनाकर “उन्हें नीचा दिखा रहे थे।

बताया जाता है कि पीड़ित की टीम के सभी सदस्य उन्हें उनके यौन रुझान को लेकर चिढ़ाते थे।” पीड़ित ने 28 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था लेकिन बाद में उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया। कथित तौर पर उन्हें ऐसा पद दिया गया जिससे वह सहज नहीं थे।

इसके बाद, पीड़ित व्यक्ति ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम के तहत गठित आंतरिक शिकायत समिति से शिकायत की। उन्होंने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत भी शिकायत दायर की।

उन्होंने तीन सहकर्मियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए सहायक पुलिस आयुक्त से भी संपर्क किया। पीड़ित ने तीन जून 2023 को खुदकुशी कर ली। उनके पिता ने अगले दिन पुलिस में शिकायत दी, जिसके बाद आरोपियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।

Web Title: Bengaluru Karnataka High Court said Treat lesbian, gay, bisexual, transgender other sexual orientation person with love and affection Respect every human being LGBT

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