10 लाख पोस्टकार्ड भेजने वाले BJP के दावे के बाद TMC का ऐलान, मोदी-शाह को भेजेंगे 20 लाख कार्ड, जानें क्या है 'पोस्टकार्ड विवाद'
By पल्लवी कुमारी | Published: June 4, 2019 06:20 PM2019-06-04T18:20:38+5:302019-06-04T18:20:38+5:30
बीजेपी बंगाल के महासचिव सयंतन बसु कहते हैं, 'मैं इस बात को लेकर बहुत आश्चर्यचकित हूं कि आखिर ममताजी को जय श्रीराम के नारे से इतनी दिक्कत क्यों हैं। 1996 में राम मंदिर आंदोलन के समय से जय श्रीराम का नारा देश भर में प्रसिद्ध है।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में अब 'जय श्रीराम' के नारे बाद पोस्टकार्ड विवाद शुरू हो गया है। बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 10 लाख 'जय श्रीराम' लिखा हुआ पोस्टकार्ड भेजने का दावा किया था। जिसके बाद अब टीएमसी ने इस पर पलटवार करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को 20 लाख पोस्टकार्ड भेजने का फैसला किया है। इस पोस्टकार्ड में 'जय हिंद, जय बांग्ला' लिखा होगा।
पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के प्रमुख-मुख्य-गृह मंत्री अमित शाह को हम जल्द ही 20 लाख पोस्टकार्ड भेजेंगे। जिसपर जय हिन्द, जय बंगला' लिखा होगा।
पश्चिम बंगाल से बीजेपी के नवनिर्वाचित सांसद अर्जुन सिंह ने पीटीआई से कहा था, 'हमने मुख्यमंत्री के आवास पर 10 लाख पोस्टकार्ड भेजने का निर्णय किया है जिन पर ‘जय श्रीराम’ लिखा होगा।’’ तृणमूल कांग्रेस के विधायक रह चुके सिंह आम चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे। उन्होंने यह बात बीजेपी कार्यकर्ताओं के समूह पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किये जाने के बाद कही जो उस स्थान के बाहर प्रदर्शन के दौरान ‘जय श्रीराम’ के नारे लगा रहे थे जहां तृणमूल कांग्रेस के नेता बैठक कर रहे थे।
तृणमूल कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेता उत्तर 24 परगना जिले के कांचरापाडा में एकत्रित हुए थे ताकि पार्टी के उन कार्यालयों को फिर से वापस लेने की रणनीति बनायी जा सके जिन्हें कथित रूप से बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ले लिया है। कांचरापाडा सिंह के बैरकपुर संसदीय क्षेत्र के तहत आता है।
तृणमूल कांग्रेस नेता एवं राज्य के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक ने दावा किया कि सिंह और बीजेपी नेता मुकुल रॉय के पुत्र शुभ्रांशु रॉय ने क्षेत्र में कठिनाईं पैदा करने का षडयंत्र रचा है। उन्होंने आरोप लगाया कि शुभ्रांशु गत मंगलवार को तृणमूल छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे।
बीजेपी बंगाल के महासचिव सयंतन बसु कहते हैं, 'मैं इस बात को लेकर बहुत आश्चर्यचकित हूं कि आखिर ममताजी को जय श्रीराम के नारे से इतनी दिक्कत क्यों हैं। 1996 में राम मंदिर आंदोलन के समय से जय श्रीराम का नारा देश भर में प्रसिद्ध है। इसमें कुछ नया नहीं है। यहां तक कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रहते हुए भी ममता ने कभी इसका विरोध नहीं किया। और हां, हमें जय हिंद से कोई दिक्कत नहीं है। हमारे नेता अक्सर भारत माता की जय और जय हिंद के नारे लगाते हैं।'