आज की दिन हुआ था बंगाल का विभाजन, कर्जन ने चली थी हिन्दुओं और मुसलमानों को बांटने के लिए ये नापाक चाल

By रामदीप मिश्रा | Published: October 16, 2018 09:08 AM2018-10-16T09:08:55+5:302018-10-16T09:08:55+5:30

बंगाल विभाजन को बंगभंग के नाम से भी जाना जाता है। विभाजन का निर्णय लेने की घोषणा 19 जुलाई 1905 को की गई थी, जिसको आज के ही दिन 16 अक्टूबर 1905 को प्रभावी किया गया था। 

Bengal partition on16th October 1905 and know about all facts, history in hindi | आज की दिन हुआ था बंगाल का विभाजन, कर्जन ने चली थी हिन्दुओं और मुसलमानों को बांटने के लिए ये नापाक चाल

आज का बांग्लादेश और भारत का पश्चिम बंगाल पहले बंगाल का हिस्सा थे जिसे ब्रिटिश ने बांट दिया।

अंग्रेजी हुकूमत ने भारत में 'फूट डाल-राज करो' की नीति अपनाई थी और वह हमेशा खुद को भारतीयों की तुलना में बेहतर समझते थे। उन्होंने इसी नीति को अपनाकर बंगाल विभाजन की नीव रख दी थी। पहली बार साल 1905 में भारत के वाइसराय लॉर्ड कर्जन ने बंगाल बांटा। उसने विभाजन का निर्णय लेने की घोषणा 19 जुलाई 1905 को कर दी, जिसको आज के ही दिन 16 अक्टूबर 1905 को प्रभावी किया गया। 

वाइसराय कर्जन ने दिया था ये तर्क

बताया जाता है कि विभाजन को लेकर में वाइसराय कर्जन ने तर्क दिया था कि तत्कालीन बंगाल, जिसमें बिहार और उड़ीसा भी शामिल थे, काफी विस्तृत है और अकेला लेफ्टिनेंट गवर्नर उसका प्रशासन भली-भांति नहीं चला सकता है। इसके लिए उसे इसे बांटने की आवश्यकता है। उसने तर्क दिया कि ज्यादा बड़ा होने की वजह से पूर्वी बंगाल के जिलों की उपेक्षा होती है, जहां मुसलमान अधिक संख्या में हैं इसीलिए उत्तरी और पूर्वी बंगाल जिलों को असम में मिला दिया जाए और पूर्वी बंगाल तथा असम नाम से एक नया प्रांत बनाया जाए। बाद में उसने ऐसा ही किया।

पूरे देश में हुआ विभाजन का विरोध

बताया जाता है कि बंगाल विभाजन को बंगभंग के नाम से भी जाना जाता है और जब इसका बंटवारा हो गया तो लोग विरोध प्रदर्शन करने लगे और धीरे-धीरे विरोध की ज्वाला 1908 में पूरे देश में फैल गई। इस आंदोलन को बंग-भंग' आन्दोलन कहा गया। इस विभाजन के कारण राजनीतिक में अशांति बढ़ गई। यही कारण रहा 1911 में आमजन के दबाव की वजह से बंगाल के पूर्वी एवं पश्चिमी हिस्से दोबारा एक हो गए।

हिन्दुओं और मुसलमानों को लड़वाने की थी योजना

इतिहास कारों की मानें तो विभाजन के दिन 16 अक्टूबर, 1905 को पूरे बंगाल में 'राष्ट्रीय शोक दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी। इसको लेकर सुरेन्द्रनाथ बनर्जी ने कहा था कि यह निर्णय हमारे ऊपर एक बज्र की तरह गिरा है। वहीं, गोपाल कृष्ण गोखले ने कहा था कि यह एक निर्मम भूल है। सबसे बड़ी बात यह है कि अंग्रेजों ने बंगाल को बांटने के लिए हिंदुओं और मुसलमानों को आपस में लड़वाने की योजना बनाई थी। मुसलमानों से कहा गया था कि विभाजन से उन्हें फायदा होगा क्योंकि पूर्वबंगाल और असम में उन्हीं का बहुमत रहेगा।

English summary :
The partition of Bengal is also known as Bangabhanga. The decision to divide the partition was announced on July 19, 1905, which was effected on the same day on 16 October 1905.


Web Title: Bengal partition on16th October 1905 and know about all facts, history in hindi

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे