बंगाल पंचायत चुनाव : कांग्रेस ने केंद्रीय बलों की 822 कंपनियों को नाकाफी बताया, तैनाती बढ़ाने की मांग की
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 25, 2023 20:36 IST2023-06-25T20:33:49+5:302023-06-25T20:36:28+5:30
कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को और अधिक केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की। उन्होंने पंचायत चुनाव एक चरण में कराए जाने के बजाए कम से कम छह चरणों में कराने की भी मांग की।

बंगाल पंचायत चुनाव : कांग्रेस ने केंद्रीय बलों की 822 कंपनियों को नाकाफी बताया, तैनाती बढ़ाने की मांग की
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में स्वतंत्र और निष्पक्ष पंचायत चुनाव के लिए केंद्रीय बलों की 822 कंपनियों को नाकाफी करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को और अधिक केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की। उन्होंने पंचायत चुनाव एक चरण में कराए जाने के बजाए कम से कम छह चरणों में कराने की भी मांग की।
चौधरी ने कहा, ‘‘मतदान केंद्रों की संख्या के अनुपात में मुझे लगता है कि केंद्रीय बलों की यह संख्या (822 कंपनी) अपर्याप्त है। मैं मांग करता हूं कि पंचायत चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल में और अधिक केंद्रीय बल भेजे जाएं।’’
राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि उसने पश्चिम बंगाल में आठ जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव के लिए केंद्रीय बलों की 822 कंपनियों की मांग की है। उल्लेखनीय है कि बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान व्यापक हिंसा में पिछले दो हफ्तों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।
कोलकाता प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम के दौरान चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राज्य निर्वाचन आयुक्त राजीव सिन्हा को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय बलों का ‘‘रणनीतिक’’ तरीके से उपयोग करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा या लोकसभा चुनाव की तरह ही केंद्रीय बलों की तैनाती की जानी चाहिए। तभी पंचायत चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होंगे... मेरा मानना है कि मतदान छह या अधिक चरणों में कराया जाना चाहिए।’’
चौधरी ने दावा किया कि अगर लोगों को पंचायत चुनावों में स्वतंत्र रूप से वोट डालने की अनुमति दी जाती है, तो सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस कहीं नजर नहीं आएगी और यही कारण है कि सरकार ने केंद्रीय बलों की तैनाती के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है।
(इनपुट भाषा एजेंसी)