फ्रांस में ब्यूटीशियन की हुई मौत, परिजन गरीबी के कारण नहीं ला पा रहे हैं शव, विदेश मंत्रालय से की मदद की अपील
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 18, 2022 05:07 PM2022-06-18T17:07:46+5:302022-06-18T17:20:34+5:30
फ्रांस की राजधानी पेरिस में बीते 4 अप्रैल को संदिग्ध अवस्था में मृत मिली भारतीय महिला साधना पटेल का शव लाने के लिए परिवार और विदेश मंत्रालय के बीच भारी द्वंद चल रहा है। परिवार आर्थिक गरीबी का हलावा देते हुए शव लाने में खुद को अक्षम बता रहा है, वहीं भारतीय दूतावास का कहना है कि अगर परिवार सरकारी खर्चे पर स्वेदेश लाना चाहते हैं तो उन्हें प्रकियाओं का पालन करना पड़ेगा और इसमें वक्त लगेगा।
मुंबई: फ्रांस की राजधानी पेरिस में बीते 4 अप्रैल को संदिग्ध अवस्था में मृत मिली एक भारतीय महिला के शरीर को भारत में लाने के लिए परिवारवालों ने विदेश मंत्रालय सहायता मांगी है। मुंबई की रहने वाली मृत महिला ब्यूटीशियन साधना पटेल के परिजनों का कहना है कि वो इस आर्थिक स्थिति में नहीं हैं कि वो साधना के शव को लाने वाले परिवहन खर्च को उठा सकें। इसलिए भारत सरकार साधना लाने के लिए उनकी सहायता करे।
इस मामले में समाचार वेबपोर्टल 'मिड डे' की ओर से बताया गया है कि भारत सरकार और फ्रांस स्थित भारतीय दूतावास दिवंगत साधना का शव लाने के परिवार को हर संभव मदद देने के लिए तैयार है, लेकिन परिवारवालों को अभी विश्वास नहीं हो रहा है कि साधना की मौत हो चुकी है क्योंकि फ्रांस के सरकारी अधिकारियों ने इस संबंध में जो भी सबूत दिये हैं, उसमें मृत साधना की फोटो नहीं भेजी गई है।
साधना के परिजनों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक बीते 31 मई को पेरिस की न्यायिक अदालत में साधना के मौत की जांच कर रहे अधिकारी ने बताया कि बीते 4 अप्रैल को साधना का शव बेहद सड़ी-गली हालत में पेरिस के पास स्थित एक नदी के किनारे से बरामद किया गया।
जानकारी के मुताबिक 4 अप्रैल 2022 पेरिस के पुलिस स्टेशन ऑफ कॉन्फ्लैन्स सैंट होनोरिन में दर्ज हुए प्रक्रिया 4444/2022 की रिपोर्ट में बताया गया कि एक महिला (साधना) के शव को सड़ी-गली हालत में पाया गया, जिसे बाद में गारचेस की मोर्चरी में रखवा दिया गया। महाराष्ट्र के अमरावती में पैदा हुए साधना पटेल के परिवालों के आग्रह पर फ्रांस की सरकार ने उनकी शरीर को दफनाने की प्रक्रिया को स्थगित कर दिया।
इस मामले में मुंबई के मलाड में कहने वाली साधना की बहन ने कहा कि हम इस बात को मानने को तैयार नहीं हैं कि साधना अब जीवित नहीं है, क्योंकि हमें फ्रांस सरकार की ओर से अभी तक साधना के मृत शरीर की कोई तस्वीर नहीं दिखाई गई है।
उन्होंने कहा, “फ्रांस सरकार ने हमें उसकी सामान की तस्वीरें तो भेजी हैं, लेकिन उसके शव की कोई तस्वीर नहीं भेजी है। आखिर हम किस आधार पर माने कि मृत महिला मेरी बहन साधना ही है।” जानकारी के मुताबिक बीते 24 मई को पेरिस स्थित भारतीय दूतावास ने साधना के परिवार से एक ईमेल किया, जिसमें उनके द्वारा पूछा गया था, "कृपया हमें बताएं कि साधना का शव भारत वापस लाने पर परिवार किस तरह का इरादा रखता है।"
मामले में 1 जून को साधना के भाई गौरव लाबड़े ने फ्रांस के अधिकारियों को मेल करके कहा, “हमारी आर्थिक स्थिति बेहद खराब है और साधना की मौत की जानकारी होने पर मेरी मां की मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। इसलिए, हम इस स्थिति में नहीं हैं कि पेरिस नहीं आ सकें, इसलिए कृपया आप ही पेरिस में साधना के शव का अंतिम संस्कार कर दें।"
इसके बाद 8 जून को पेरिस स्थित भारतीय दूतावास ने फ्रांसीसी अधिकारियों को कहा कि यह आवश्यक है कि परिवार का कोई प्रतिनिधि दाह संस्कार के लिए मौके पर उपस्थित रहे। यह अंतिम सेवा है। इसके बाद मृतक की राख को आप किस तरह से भारत भेजते हैं, यह आप पर निर्भर करता है।
गौरव ने कहा, "पेरिस में भारतीय दूतावास ने हमें उन प्राइवेट एजेंसियों की सूची दी, जो साधना के शव को पेरिस से भारत भेज सकते हैं, लेकिन वो इसके बदले भारी रकम की मांग कर रहे हैं। वो शव को हवाई जहाज से भेजने के लिए 5 लाख रुपये से लेकर 15 लाख रुपये के बीच मांग रहे हैं, जिसे वहन करने की स्थिति में हम नहीं हैं। इस मामले में हम भारत सरकार के बहुत आभारी रहेंगे कि अगर उनके प्रयासों से साधना की शव भारत आ सके।"
इस विषय में भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है, “साधना का शरीर बेहद खराब अवस्था में पहुंच गया है और उसकी पहचान के लिए केवल डीएनए परीक्षण ही एक मात्र उपाय है। अगर साधना के परिजन शव को भारत सरकारी खर्च से वापस लाना चाहते हैं, तो इसके लिए उन्हें कुछ आवश्यक प्रक्रियाओं से गुजरना होगा।
जानकारी के अनुसार परिवार को इस मामले में निर्णय लेना है कि वे पेरिस में शव का अंतिम संस्कार करना चाहते हैं या साधना के शव को भारत वापस लाना चाहते हैं। इसलिए अभी तक परिवार की ओर से कोई स्पष्ट संदेश नहीं आया है। ऐसे में बड़ा सवाल उठ रहे है कि आखिर मोर्चरी में साधना की लाश कब तक पड़ी रहेगी।
खबरों के अनुसार अगर मामले में भारत सरकार हस्तक्षेप करती है तो उसके या तो परिवार को फ्रांस भेजना होगा अंतिम संस्कार के लिए या फिर साधना के शव को सरकारी खर्चे पर भारत लाना होगा लेकिन इस मामले में भारतीय दूतावास की स्थिति विरोधाभासी नजर आ रही है, कभी तो वह कह रही है कि साधना के परिजनों को पूरी मदद की जाएगी तो वहीं दूसरी ओर यह भी कह रहा है कि सरकारी प्रक्रिया के तहत इस मामले में वक्त लगेगा। ऐसे में सवाल है कि साधना के खराब होते शव को फ्रांस के अधिकारी कब तक मोर्चरी में रखे रहेंगे।