Basirhat Lok Sabha seat: संदेशखालि की पीड़िता रेखा पात्रा को भाजपा ने दिया टिकट, तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख को लेकर किया था प्रदर्शन
By सतीश कुमार सिंह | Published: March 25, 2024 06:22 PM2024-03-25T18:22:24+5:302024-03-25T18:23:25+5:30
Basirhat Lok Sabha seat: मैं (आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बशीरहाट से) उम्मीदवारी के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं संदेशखाली पीड़ितों के लिए अपनी आवाज उठाऊंगी।
Basirhat Lok Sabha seat: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक मजबूत राजनीतिक कदम उठाते हुए लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल के बशीरहाट निर्वाचन क्षेत्र से रेखा पात्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है। पात्रा उन महिलाओं में से एक हैं, जो राज्य के संदेशखालf इलाके में हिंसा से बची थीं। संदेशखाली घटना में पात्रा ने सबसे पहले केस दर्ज कराया था। पात्रा ने कहा कि मैं (आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बशीरहाट से) उम्मीदवारी के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं संदेशखाली पीड़ितों के लिए अपनी आवाज उठाऊंगी।
कौन हैं रेखा पात्रा? संदेशखालि के अशांत क्षेत्र में रहने वाली हैं। यौन हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाली एक प्रमुख हस्ती के रूप में उभरीं। उन्होंने ही सबसे पहले संदेशखालि की महिलाओं की आवाज उठाई थी और तीनों आरोपी निष्कासित टीएमसी विधायक शेख शाहजहां, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार सलाखों के पीछे हैं।
राज्य के बशीरहाट से पार्टी ने रेखा पात्रा को टिकट दिया है। वह संदेशखालि की पीड़ित महिलाओं में एक हैं। गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख के हाथों कथित तौर पर यौन उत्पीड़न का शिकार हुई पात्रा को बशीरहाट से मैदान में उतारा गया है। संदेशखालि की प्रदर्शनकारियों में पात्रा सबसे मुखर रही हैं।
माना जाता है कि पात्रा उस समूह का भी हिस्सा थीं, जिसने छह मार्च को बारासात में मोदी की सार्वजनिक बैठक के मौके पर उनसे मुलाकात की थी और संदेशखालि की महिलाओं की दुर्दशा के बारे में प्रधानमंत्री को बताया था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय, संदेशखालि की पीड़िता रेखा पात्रा और पार्टी की प्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख दिलीप घोष सहित 19 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। राज्य में लोकसभा की 42 सीट हैं, जिनमें से 20 सीट के लिए उम्मीदवारों की घोषणा दो मार्च को की गई थी।
घोष वर्तमान में मेदिनीपुर से सांसद हैं। उन्हें अब बर्धमान-दुर्गापुर सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री एसएस अहलूवालिया के स्थान पर उम्मीदवार बनाया गया है। घोष दिसंबर 2015 से अक्टूबर 2021 तक भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रहे। उनके कार्यकाल के दौरान ही राज्य में भाजपा का उदय हुआ और उन्हें इसका श्रेय भी दिया जाता है।
प्रदेश भाजपा प्रमुख के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान पार्टी ने 2019 में 18 लोकसभा सीट और 2021 में विधानसभा में 77 सीट जीतीं। घोष को उनकी खरी टिप्पणियों के लिए जाना जाता है। इसके लिए अकसर पार्टी के भीतर और सामाजिक जीवन में उन्हें प्रशंसा के साथ ही आलोचना का भी सामना करना पड़ता रहा है।
भ्रष्टाचार के मामलों में अपने त्वरित फैसलों के लिए जाने जाने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय को तामलुक से टिकट दिया गया है। न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें प्रशंसा और आलोचना दोनों मिलीं। न्यायाधीश के पद से इस्तीफा देने के बाद वह इस महीने की शुरुआत में भाजपा में शामिल हुए थे।
वह तामलुक सीट से चुनाव लड़ेंगे, जिसे शुभेंदु अधिकारी और उनके परिवार के गढ़ के रूप में जाना जाता है। शुभेंदु के छोटे भाई दिव्येंदु अधिकारी, जो हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं, ने तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर दो बार यह सीट जीती थी। वर्ष 2019 में उन्होंने कुल मतदान में से 50 प्रतिशत मत हासिल कर यह सीट जीती थी।
उत्तर 24 परगना के राजनीतिक गलियारों में 'बाहुबली' के रूप में जाने जाने वाले अर्जुन सिंह एक बार फिर बैरकपुर से चुनावी मैदान में होंगे। सिंह ने तृणमूल कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर 2019 में भाजपा के टिकट पर यह सीट जीती थी। करीब 14,000 मतों के अंतर से सीट जीतने के बाद, वह 2022 में तृणमूल कांग्रेस में वापस लौट गए थे लेकिन सांसद के रूप में इस्तीफा नहीं दिया। बैरकपुर सीट से टिकट नहीं मिलने के बाद वह इस महीने भाजपा में वापस लौट आए थे।