उत्तर प्रदेश में बार लाइसेंस स्वीकृति की प्रक्रिया होगी आसान
By भाषा | Published: December 12, 2020 07:07 PM2020-12-12T19:07:57+5:302020-12-12T19:07:57+5:30
लखनऊ, 12 दिसंबर उत्तर प्रदेश सरकार ने बार लाइसेंस स्वीकृति की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नयी नियमावली बनाई है, जिसे कैबिनेट (मंत्रिपरिषद) ने अनुमोदित कर दिया है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि नये नियमों से राज्य में ‘ व्यापार सुगमता’ (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) को बढ़ावा मिलेगा।
प्रवक्ता के मुताबिक कैबिनेट द्वारा उत्तर प्रदेश आबकारी (बार लाइसेंसों की स्वीकृति) नियमावली, 2020 को मंजूरी दी गई है।
उन्होंने बताया कि नयी नियमावली में बार लाइसेंसों की वर्तमान जटिल स्वीकृति प्रक्रिया को सरलीकृत करते हुए शासन स्तर से अनुमोदन एवं मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुति को समाप्त करते हुए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुति पर आबकारी आयुक्त द्वारा स्वीकृति देने प्रावधान किया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि इससे लाइसेंस को शीघ्र स्वीकृति मिलेगी और राजकोष में वृद्धि होगी, इस नयी नियमावली में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हवाई अड़डों के लाउंज, विशेष ट्रेनों व घरेलू व अंतरराष्ट्रीय क्रूज में भी बार लाइसेंस देने का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक बार और क्लब लाइसेंस ‘जियो टैग’ होंगे और पारदर्शिता के लिए ऑनलाइन लाइसेंस जारी किये जाएंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि इससे पहले लाइसेंस जिस माह स्वीकृत होता, आवेदक को संपूर्ण वर्ष की लाइसेंस फीस जमा करनी होती थी, लेकिन अब जिस माह में लाइसेंस स्वीकृत होगा उसके पहले के तीन महीनों की लाइसेंस फीस में छूट देते हुए शेष महीनों की फीस जमा करने का नियम बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा परिसर में पार्किंग समेत अन्य कई प्रक्रिया में बदलाव किये गये हैं, नयी नियमावली में दंड प्रावधान किया गया है, जिसके अनुसार बिक्री बढ़ाने के लिए अगर ग्राहकों को प्रेरित करने के लिए मदिरा पान की प्रतियोगिता जैसे कृत्य में संलिप्त पाया गया तो पहली बार 25 हजार रुपये जुर्माना और दूसरी बार 50 हजार रुपये जुर्माना लगेगा लेकिन तीसरी बार लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
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